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कमलेश के हत्यारों को लेकर आई बड़ी खबर, अब करना चाहते हैं ये काम
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदूवादी नेता और हिंदू समाजपार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े गला रेतकर हत्या कर दी गई। कमलेश की हत्या को चार दिन बीतने के बाद भी पुलिस खाली हाथ है, लेकिन इस बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदूवादी नेता और हिंदू समाजपार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े गला रेतकर हत्या कर दी गई। कमलेश की हत्या को चार दिन बीतने के बाद भी पुलिस खाली हाथ है, लेकिन इस बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक कमलेश तिवारी के दोनों कातिल शेख अशफाक हुसैन और पठान मोईनुद्दीन नेपाल भागने के फिराक में थे, लेकिन सीमा पर सख्ती देखकर वापस दोनों शाहजहांपुर चले गए। हत्यारों ने भागने के लिए लखीमपुरखीरी से टैक्सी बुक कराई थी।
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सख्ती देखकर डरे दोनों हत्यारे अब सरेंडर करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने टैक्सी चालक के ही मोबाइल से सोमवार सुबह करीब 8.30 बजे राजधानी लखनऊ में ठाकुरगंज के एक वकील को फोन कर कोर्ट में सरेंडर करने की बात कही थी।
बता दें कि कमलेश तिवारी की हत्या के बाद आरोपियों की तलाश में यूपी पुलिस गुजरात से कर्नाटक तक मशक्कत कर रही है। राजधानी लखनऊ के खुर्शेदबाग क्षेत्र में कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को हत्या कर दी गई थी।
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इस बीच हत्या के आरोपियों के ठाकुरगंज निवासी एक वकील को कॉल करने की बात सामने आई है। वकील को सोमवार सुबह करीब 8:30 बजे कॉल आई। मिली जानकारी के मुताबिक फोन करने वालों ने खुद को कमलेश हत्याकांड का आरोपी शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद बताया और सरेंडर करने की बात कही। वकील से आरोपियों के संपर्क करने की जानकारी होते ही पुलिस अलर्ट हो गई और छानबीन में जुट गई है।
पुलिस की जांच में पता चला है कि हत्यारों ने जिस नंबर से फोन किया था वह लखीमपुर के पलिया निवासी युवक का है। पुलिस की एक टीम लखीमपुर रवाना हो गई। पुलिस टीम ने पलिया निवासी संदिग्ध युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने खुद को टैक्सी चालक बताया।
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उसने जानकारी दी कि दो लोगों ने टैक्सी बुक कराई थी। वह नेपाल बार्डर पार करना चाहते थे, लेकिन वहां काफी चौकसी थी इसलिए दोनों शाहजहांपुर गए और टैक्सी छोड़ दी। अब दोनों हत्यारों की लोकेशन खंगाली जा रही है।
जांच में यह बात सामने आई है कि इस दौरान रास्ते में हत्या के आरोपी अशफाक ने एक महिला से फोन पर बात की थी। शाम करीब 4.30 बजे फोन पर हुई बातचीत के दौरान अशफाक ने कहा था कि सरेंडर के लिए लखनऊ जा रहा हूं। इसके बाद फोन बंद हो गया। अब पुलिस इस जांस में जुट गई है कि अशफाक ने किस महिला से बात की थी।
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गुजरात से फोन कर आरोपियों को नेपाल पहुंचाने की बात कही गई थी। एक मीडिया रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि टैक्सी चालक का मालिक लखीमपुर के पलिया में रहता है और उसके रिश्तेदार गुजरात में हैं। आरोपियों के लिए वहीं से किसी ने टैक्सी मालिक को फोन किया था। टैक्सी का किराया 5000 रुपये था जिसका भुगतान वहीं से किया गया था।
रिपोर्ट में पुलिस अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि हत्यारे रविवार रात करीब 12 बजे टैक्सी से शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने स्टेशन जाकर ट्रेनों के बारे में पूछताछ की। इसके बाद वह करीब 15 मिनट बाद टैक्सी छोड़ दी और पैदल ही स्टेशन रोड से अशफाकनगर पुलिस चौकी की ओर चले गए। सीसीटीवी फुटेज में भी हत्यार जाते हुए दिख रहे हैं।