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खबर का असर: जल्द साकार रूप ले सकती है करौंहा बांध परियोजना

खबर का ही असर था कि आज सिंचाई विभाग की टीम ने इस मॉडल की हकीकत जानने और उक्त परियोजना के लिए सर्वे किया। एई रूपेश कुमार पांडेय ने आज अपनी टीम के साथ करौंहा के जंगलों में करौंहा बांध परियोजना की संभावना तलाशी।

Shivakant Shukla
Published on: 16 Nov 2019 2:32 PM GMT
खबर का असर: जल्द साकार रूप ले सकती है करौंहा बांध परियोजना
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चित्रकूट: करौंहा बांध परियोजना का सपना धरातल उतरने के धीरे धीरे नजदीक पहुंच रहा है। ग्रामीणों द्वारा परियोजना का मॉडल पेश करने के बाद जिस तरह से ये परियोजना एक जनक्रांति का रूप लेती जा रही है उससे स्पस्ट है कि वो दिन दूर नहीं जब चित्रकूट सहित समूचा पाठा पेयजल समस्या से मुक्त हो जॉयेगा। इस खबर को ग्राउंड जीरो से उठाकर सभी के सामने लाने से लेकर अब तक लगातार पल पल की कवरेज कर रहा है न्यूजट्रैक।

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खबर का ही असर था कि आज सिंचाई विभाग की टीम ने इस मॉडल की हकीकत जानने और उक्त परियोजना के लिए सर्वे किया। एई रूपेश कुमार पांडेय ने आज अपनी टीम के साथ करौंहा के जंगलों में करौंहा बांध परियोजना की संभावना तलाशी। उन्होंने एनेक्सी नदी पर बांध बनने की सभी सम्भावनाओ का आंकलन किया। उन स्थानों का भी सर्वे किया जहां पर बांध बनने की संभावना है। टीम ने सर्वे के दौरान हर स्थिति का आंकलन किया और दोनो पहाडी की दूरी नापते हुए एनेक्सी नदी का भी अध्ययन किया।

इस परियोजना पर थोड़ा समय लगेगा: एई रूपेश कुमार पांडेय

प्रथम सर्वे के बाद एई रूपेश कुमार पांडेय ने न्यूज ट्रैक से खास बातचीत में बताया कि उनकी टीम प्रथम दृष्टया सम्भावित परियोजना के मॉडल से सन्तुष्ट है क्योंकि धरातल पर परिस्थितियां काफी अच्छी हैं और अब हमारी टीम आगे के जरूरी बिंदुओं पर काम करेगी। इस परियोजना पर थोड़ा समय तो लगेगा,सबसे मुख्य बात होगी इसका पूरा आंकलन करने के बाद मैप। फिलहाल सिंचाई एवं जल संसाधन की टीम ने इस परियोजना पर काम तो शुरू कर दिया है और जल्द ही ये बड़ा स्वरूप लेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधि इस परियोजना पर क्या रुख अख्तियार करते हैं। फिलहाल जनता ने तो अपना मॉडल दे दिया और उस पर विभाग ने संज्ञान लेते हुए काम भी शुरू कर दिया। यकीन मानिए अगर ये परियोजना साकार रूप लेती है तो निःसन्देह पाठा सहित समूचे चित्रकूट की पेयजल समस्या दूर हो जाएगी।

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आपको बता दें कि मानिकपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत करौहा के दक्षिणी पुर्वी भाग में बरदहा नदी से मिलने वाली अनेक्सी नदी में बांध बनाने के पर्याप्त संसाधन है। यदि अनेक्सी नदी में एक बांध बनाया जाए तो इस जिले की पेयजल समस्या और सिंचाई की समस्या दूर हो सकती है। यह विंध्यांचल पर्वत की दो श्रेणियों के बीच मध्य प्रदेश से उतरकर चौरी के जंगल से होकर आती है जिसमे सिरसहाई नदी ,तेलिया नदी ,डेलुआ नदी,पन्ना झरना ,एवं बन्दरचुआ बहरा तथा अन्य कई छोटे नाले मिलते हैं। जो करौंहा तक आते आते अगम जलराशि में मिल जाते हैं।

यह क्षेत्र पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित होगा

यही आगे बरदहा नदी में मिलकर रानीपुर गिदुरहा ,चमरौंहा ,सकरौंहा में भारी तबाही मचाते हैं। यदि करौहा के गजना पहाड़ एव कल्यानपुर ग्राम पंचायत के चूडा पहाड़ को जोड़कर एक किमी तक का बांध जिसकी ऊंचाई 50 मीटर लगभग की जाए जो करौहा से कारिगोही तक 16×3.5 =50 वर्गकिमी झील के बराबर जलभराव होगा तथा ओवरफ्लो नगना (ग्राम पंचायत जारोमाफी) से होगा। जिससे न केवल पेयजल समस्या और सिंचाई समस्या खत्म होगी बल्कि 200 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी किया जा सकता है। साथ ही यह क्षेत्र पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित होगा।

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इस नदी का पानी बरदहा नदी में टिप्पुरी बाबा(कल्यानपुर ग्राम पंचायत) नामक स्थान पर मिलता है और रानीपुर गिदुरहा ,सकरौंहा ,चमरौहां में भीषण तबाही मचाता है। बरसात में यह गांव महीनों सम्पर्क से कटे रहते हैं। बांध बन जाने से यहां बाढ़ की समस्या से निजात मिलेगी। वही दूसरी ओर चौंरी के जंगल मे पानी भर जाने से दस्यु समस्या भी समाप्त होगी। बांध का पानी नहर के माध्यम से राजापुर ,बरगढ़ ,कर्वी तथा जिले के हर गांव तक बाणसागर परियोजना जैसे ले जाया जा सकता है।

Shivakant Shukla

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