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काशी में मंदिर-मस्जिद विवाद: सुनवाई पूरी, कोर्ट के फैसले पर टिकी निगाहें
आज जनपद न्यायाधीश के न्यायलय में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने सिविल रिवीजन दाखिल किया था। लोअर कोर्ट ने जो फैसला 25 फरवरी 2020 को दिया था, जिसमे लोअर कोर्ट ने यह आदेशित किया था
वाराणसी स्वयंभू लार्ड विशेश्वर एवं अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद के मुकदमे मंगलवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई में सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा दिए गए विलम्बित सिविल रिवीजन के 3 हज़ार रुपये के जुर्माने की अदायगी के बाद जिला जज ने सुनवाई की। इस दौरान जिला जज ने सभी पक्षों को गौर से सुना और इस मुकदमे की सुनवाई सिविल न्यायालय में हो या वक्फ ट्रिब्यूनल में इसपर फैसला सुरक्षित कर लिया।
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कल आ सकता है फैसला
इस सम्बन्ध में स्वयंभू लार्ड विशेश्वर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि आज जनपद न्यायाधीश के न्यायलय में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने सिविल रिवीजन दाखिल किया था। लोअर कोर्ट ने जो फैसला 25 फरवरी 2020 को दिया था, जिसमे लोअर कोर्ट ने यह आदेशित किया था कि जो मूल वाद है ज्ञानवापी का उसके सुनवाई का अधिकारी सिविल न्यायालय को है नाकि वक्फ ट्रीब्यूनल लखनऊ को।
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जुर्माना अदा होने के बाद शुरु हुई सुनवाई
विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि उसके विरुद्ध उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सिविल रिवीजन विलम्बित दाखिल किया था, जिसपर उनको 3 हज़ार रुपये का जुर्माना लगा था। आज जुर्माना अदा करने के बाद सुनवाई के लिए सिविल रिवीजन प्रस्तुत हुआ। इसपर मंदिर पक्ष की तरफ से विरोध किया गया कि यह सिविल रिवीजन सुनवाई के योग्य ही नहीं है। इसे विधिक बिंदु पर निरस्त कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि इसपर जनपद न्यायाधीश महोदय द्वारा विधिवत सुनवाई करके फैसला सुरक्षित कर लिया गया है।
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आशुतोष सिंह रिपोर्टर