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गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेला: लोगोंं से की गई ये अपील

‘मकर संक्रान्ति’ के अवसर पर गोरखनाथ मन्दिर में आयोजित होने वाला परम्परागत खिचड़ी मेला की तैयारी पूर्ण हो चुकी है। इस अवसर पर शिवावतार बाबा गोरखनाथ  को अपनी पवित्र खिचड़ी चढ़ाने के लिये आने वाले श्रद्धालुजनों की सुविधा एवं सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जा रहा है।

Shreya
Published on: 13 Jan 2020 6:30 AM GMT
गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेला: लोगोंं से की गई ये अपील
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गोरखपुर: ‘मकर संक्रान्ति’ के अवसर पर गोरखनाथ मन्दिर में आयोजित होने वाला परम्परागत खिचड़ी मेला की तैयारी पूर्ण हो चुकी है। इस अवसर पर शिवावतार बाबा गोरखनाथ को अपनी पवित्र खिचड़ी चढ़ाने के लिये आने वाले श्रद्धालुजनों की सुविधा एवं सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जा रहा है।

15 जनवरी को मनाया जाएगा संक्रान्ति

इस वर्ष शुभ संवत् 2076 शाके 1941 सूर्य उत्तरायण ऋतौ माघ मास कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि बुधवार के दिन में प्रातः 8 बजकर 24 मिनट पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। संक्रान्ति का पुण्यकाल रात्रि 2 बजकर 48 मिनट से प्रारम्भ होकर सायंकाल सूर्यास्त तक सम्पूर्ण दिन तक पुण्यकाल। इसलिए इस वर्ष मकर संक्रान्ति का महापर्व निर्विवाद रूप से 15 जनवरी, 2020 को मनाया जायेगा।

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संक्रान्ति से शुरु होगा मांगलिक एवं पुण्य कार्य

इसकी जानकारी गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने दी। उन्होनें बताया कि धनुराशि से मकर राशि में संक्रमण ही ‘मकर संक्रान्ति’ कहलाता है। चूॅकि जगत्पिता भगवान् सूर्य इस तिथि को उत्तरायण में प्रवेश करते है। इसलिये हर प्रकार के मांगलिक एवं पुण्य कार्य इस पवित्र तिथि से प्रारम्भ हो जाते है। मकर संक्रान्ति के दिन स्नान, दान का महत्व शास्त्रों में विशेष रूप से वर्णित है जिसमें चावल, घी, कम्बल, सुवर्ण,गौ आदि प्रमुख है। इस महापर्व को विभिन्न प्रान्तों में खिचड़ी , मकर संक्रान्ति , पोन्गल, लोहड़ी आदि नामों से मनाया जाता हैं।

श्रद्धालुजनों की सुरक्षा का विशेष ध्यान

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश, बिहार तथा देश के विभिन्न भागों के साथ-साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन शिवावतार भगवान गोरखनाथ जी को अपनी पवित्र खिचड़ी चढ़ाते है और अपनी मनोकामना की पूर्ति करते है। लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुजनों की सुरक्षा एवं सुविधा का विशेष ध्यान रखते हुये पूरी तैयारी की गई है। योगी कमलनाथ जी ने बताया कि चुंकि मकर संक्रान्ति पर्व परम्परागत रूप से 14 जनवरी को आम श्रद्धालुजन मनाता आया है। दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है। इस दृष्टि से 13 जनवरी के दोपहर बाद से ही आने वाले श्रद्धालुओं को परिसर में रूकने की व्यवस्था इस भीषण शीतलहरी में गोरखनाथ मन्दिर परिसर स्थित धर्मशाला और अन्य स्थलों पर की गई है।

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मंदिर में की गई तैयारियां

मकर संक्रान्ति के अवसर पर खिचड़ी चढ़ाने वाले श्रद्धालुजन सुविधा पूर्वक भगवान गोरखनाथ का दर्शन कर सके इसके लिये बेरीकेटिंग का कार्य पूरी तरह से पूर्ण हो चुका है। मन्दिर परिसर में जगह-जगह अलाव की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था के साथ-साथ परिसर में पहले से मौजूद शुलभ-शौचालय के साथ-साथ मन्दिर परिसर के पश्चिम मेें नये शौचालय बनाये गये है।

इसके अलावा मन्दिर परिसर में विद्युत की आपूर्ति अनवरत् बना रहे, इसके लिये पर्याप्त मात्रा में जनरेटर रखे गये है। मन्दिर और मेला परिक्षेत्र में प्रत्येक गतिविधि को नजर रखने के लिये जगह-जगह सी0सी0 कैमरे लगाये गये है। चंूकि 15 जनवरी को मकर संक्रान्ति का पर्व मनाया जायेगा इसलिये मकर संक्रान्ति के बाद दूसरे मंगलवार जो 28 जनवरी को है, यही बुढ़वा मंगल के रूप में मनाया जायेगा।

पाॅलिथीन में खिचड़ी न लाने की अपील

योगी कमलनाथ ने श्रद्धालुजनों से अपील की है कि चूंकि गोरखनाथ मंदिर को पाॅलिथीन मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है अतः पवित्र खिचड़ी चढ़ाने के खिचड़ी को पाॅलिथीन में रखकर न लाएं। इसके अलावा 15 जनवरी को विभिन्न स्वयंसेवी सस्थाओं द्वारा दस न0 बोरिंग, पचपेड़वा, बरगदवा, मोहद्दीपुर, नौसड़ आदि स्थलों पर श्रद्वालुओं हेतु खिचड़ी ( प्रसाद ) की व्यवस्था की गई है।

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