TRENDING TAGS :
कौन हैं फक्कड़ बाबा: माने जाते हैं मानवता की प्रतिमूर्ति, जाने इनके बारे में
उन्होंने सबसे पहले श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा से दीक्षा ली और दीक्षा लेकर वह मोहम्मद अनीस से बन गए महंत फक्कड़ पुरी उर्फ फक्कड़ बाबा।
हरदोई। आज जब जाति धर्म मजहब की खाई खोदी जा रही है तो लोगों को आपस में लड़ाया जा रहा है और समाज मे सद्भावना को खंडित करने के कुचक्र भी कभी कभी रचे जा रहे है। ऐसे में मोहम्मद अनीस उर्फ फक्कड़ पुरी उर्फ फक्कड़ बाबा मानवता का पाठ पढ़ा रहे है।मोहम्मद अनीस उर्फ फक्कड़ पुरी उर्फ फक्कड़ बाबा वास्तव में इंसानियत की प्रतिमूर्ति है।
कौन है महंत फक्कड़ बाबा
"मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना हिंदी है हम वतन है हिन्दुस्ता हमारा"। कुछ इसी तरह का जज्बा लेकर मुस्लिम परिवार में जन्मे और उसी मजहब में शादी करके दुनिया बसाने वाले मोहम्मद अनीस अब महंत फक्कड़ बाबा के नाम से जाने जाते है। उनका जीवन अब शिव पार्वती की सेवा में गुजरेगा इसका संकल्प लेकर उन्होंने अपने मजहब को हमेशा के लिए छोड़ दिया और लखनऊ हरदोई मार्ग पर कोतवाली कछौना क्षेत्र में शांतिकुंज आश्रम बनाकर अपने आराध्य की सेवा में रत है।
सेना को बड़ी कामयाबी: हाथ लगा ये खूंखार आतंकी, बौखलाया हिजबुल
अपना धर्म रास नहीं आया
कछौना के निवासी मोहम्मद नंन्हे बाबा के बड़े पुत्र के रूप में जन्मे मोहम्मद अनीस अपने छह भाइयों मोहम्मद शरीफ नसीम,मुख्तार हसनैन इरशाद व यासीन में बड़े है। यूँ तो मोहम्मद अनीस का जन्म उनकी माँ किश्मतुन बानो की कोख से हुआ और उनका निकाह सूफिया बानो से हुआ लेकिन उन्हें अपना धर्म रास नहीं आया। वह अक्सर विचलित रहते थे और आखिरकार उन्होंने निकाह के एक साल बाद घर परिवार पत्नी धर्म सबको छोड़ दिया और सनातन धर्म अपना लिया।
चीनी राष्ट्रपति की जूतों से पिटाई, ऐसे जमकर हुआ यहां विरोध
ऐसे बने महंत फक्कड़ पुरी उर्फ फक्कड़ बाबा।
उन्होंने सबसे पहले श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा से दीक्षा ली और दीक्षा लेकर वह मोहम्मद अनीस से बन गए महंत फक्कड़ पुरी उर्फ फक्कड़ बाबा। इसके बाद कछौना में उन्होंने लखनऊ हरदोई मार्ग पर कोतवाली कछौना क्षेत्र में एक आश्रम स्थापित किया और उसका नामकरण किया शांतिकुंज आश्रम। वह यहीं अपने आराध्य शिव पार्वती की सेवा में लग गए।
हालांकि शुरुआती दौर में उनकी साधना आराधना में धर्मों की दीवार बीच में बाधक बनी लेकिन वह बिचलित नहीं हुए और अपने इष्ट की सेवा लीन रहे।आज उनके दिल से सिर्फ एक बात निकलती है सभी एक हो सभी नेक हो।वह धर्म के नाम पर बंटाने वालों को भी यही समझाते है।
मोहम्मद अनीस उर्फ़ फक्कड़ बाबा के आश्रम में पहुंचने पर वास्तव में शांति मिलती है।उनके द्वारा खुद की बनायीं गयी शिव पार्वती की मूर्तियां व पांचों पांडव की मूर्तियां आश्रम में स्थापित है।वह जाती धर्म के नाम पर बांटने वालों को भी यही उपदेश देते है कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।
रिपोर्टर- मनोज तिवारी, हरदोई
राम मंदिर भूमि पूजनः कार्यक्रम टला, भारत चीन सीमा विवाद का बड़ा असर