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CAB पर उच्च सदन में विपक्ष का हंगामा, सपा व बसपा का वाकआउट
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के विरोध के चलते प्रश्न प्रहर नहीं हो सका। सपा और कांग्रेस ने वेल में आकर हंगामा किया, जबकि बसपा ने सदन से वाक आउट किया।
लखनऊ: विधान परिषद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मंगलवार को सदन में नागरिकता संशोधन अधिनियम और इसके विरोध में हुए छात्र आन्दोलनों के दौरान हुए लाठी चार्ज और पुलिस की ज्यादती का मामला दिन भर गूंजा। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के विरोध के चलते प्रश्न प्रहर नहीं हो सका। सपा और कांग्रेस ने वेल में आकर हंगामा किया, जबकि बसपा ने सदन से वाक आउट किया।
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इस दौरान अधिष्ठाता ओम प्रकाश शर्मा ने दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित की। नेता सदन डा. दिनेश शर्मा ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 421085.40 लाख रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखा। भोजनावकाश के बाद भी सपा ने सदन में शोर-शराबा जारी रखा। शोर-शराबे के बीच ही सदन ने अपना आज का काम-काज निपटाया और अधिष्ठाता ने सदन को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
पढ़ाई-लिखाई वाले संस्थान तक सुरक्षित नहीं हैं
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों पर हुये लाठी चार्ज और राज्य में बलात्कार तथा अन्य घटनाओं का मामला उठाते हुए कहा कि आज देश तानाशाही की ओर जा रहा है। पढ़ाई-लिखाई वाले संस्थान तक सुरक्षित नहीं हैं, इसलिए प्रश्न प्रहर रोककर इस मुद्दे पर चर्चा करायी जाये। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लाठी-गोली की सरकार चल रही है। आधी रात में छात्रावासों में सो रहे छात्रों को पकड़कर पीटा जा रहा है। यहां तक कि पुलिस ने छात्राओं को भी नहीं छोड़ा।
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प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति करते हुये कहा कि यह प्रश्न प्रहर है और नेता प्रतिपक्षा किस नियम के तहत अपनी बात रख रहे हैं। सत्तापक्ष की इस बात से नाराज कांग्रेस और सपा के सदस्य वेल में आकर बैनर, पोस्टर लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे।
स्थगन के दौरान भी सपा सदस्य वेल में ही बैठे नारेबाजी करते रहे
जबकि बसपा सदस्यों ने इस मुद्दे पर सदन का बहिष्कार किया। सदन को व्यवस्थित न देख अधिष्ठाता सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिये स्थगित कर दिया। स्थगन के दौरान भी सपा सदस्य वेल में ही बैठे नारेबाजी करते रहे। 15 मिनट बाद कार्यवाही शुरू होने पर सपा और कांग्रेस के सदस्य फिर से वेल में आ गये और नारेबाजी करते रहे। जिस पर सदन की कार्यवाही को फिर से स्थगित कर दिया गया।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर नेता सदन डा. दिनेश शर्मा ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के 4,21,085.40 लाख रुपये के द्वितीय अनुपूरक बजट को सदन की मेज पर रखा और प्रमुख सचिव विधान परिषद डा. राजेश सिंह ने सदन को 11 विधेयकों के अधिनियम बनने की सूचना दी।
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शून्य प्रहर में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन समेत सपा सदस्यों ने केन्द्र सराकर द्वारा नागरिकता संशोधन बिल के संसद से पास हो जाने के बाद पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों में छात्र-छात्राओं के साथ पुलिस द्वारा किये गये दुव्र्यवहार के बाद उनके आन्दोलित होने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। अधिष्ठाता ने इसी विषय से संबन्धित बसपा सदस्यों की सूचना को सम्बद्ध कर दिया।
सूचना की ग्राहय्ता पर शतरूद्र प्रकाश ने कहा कि सरकार का व्यवहार दमनकारी, गैरजनतान्त्रिक है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम के कानून बनने से छात्र नाराज हैं
छात्रावासों के कमरों में रात दो बजे घुसकर सो रहे छात्रों को मारा गया, लड़कियों को भी पुलिस ने मारा। क्या अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता अपराध है। उन्होंने कहा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक समुदाय के लोग नहीं पढ़ते। बीएचयू में भी देश-विदेश के सभी वर्गों के छात्र पढ़ने आते हैं। नागरिकता संशोधन अधिनियम के कानून बनने से छात्र नाराज हैं।
उन्होंने कहा गुण्डाराज की तर्ज पर अब पुलिसराज हो गया। विपक्ष पर आरोप लगाना छोड़कर सरकार को हस्तक्षेप करना होगा और जिन पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को दमनपूर्वक मारा है उनपर कार्रवाई की जाये। उन्होंने इस विषय पर काम रोककर दो घण्टे की चर्चा कराये जाने की मांग की।
लगभग 10 जिलों में इन्टरनेट सेवाएं बन्द हैं
सपा के असीम यादव ने तीन छात्रों का विवरण देते हुए कहा कि इन्हें मैं जानता हूॅ-तारिक जिसका हाथ टूट गया है। दूसरा शाद जफर जिसका सिर फटा है व गंभीर रूप से घायल है। उसके सिर में पांच टांके लगे हैं और बिहार का आशुतोष बुरी तरह से घायल है। 33 लोगों के खिलाफ मुकदमा है, इन मुकदमों को वापस लिया जाये। बसपा के दिनेश चन्द्रा ने कहा लगभग 10 जिलों में इन्टरनेट सेवाएं बन्द हैं। मुकदमे वापस हों और पुलिस पर कार्रवाई हो।
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नेता विरोधी दल अहमद हसन ने कहा सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ नौजवान और जनता आन्दोलित हो रही है। नागरिकता बिल लाकर संविधान का मखौल उड़ाया जा रहा है। इस बिल के द्वारा वोट बैंक के लिए समाज को बांटने का काम किया जा रहा है। हिन्दुस्तान में समाज कभी नहीं बंटेगा।
देश में भाजपा सरकार ने नफरत की राजनीति की है। सत्ता पाना और सत्ता को हर कीमत पर रखना यह भाजपा का चरित्र है। छात्र बधाई के पात्र हैं कि एएमयू के साथ बीएचयू के छात्र भी खड़े हुए। पूरे प्रदेश के विश्वविद्यालयों में विरोध हुआ। भाजपा ने अंग्रेजों के शासन की याद दिला दी। उन्होंने बुनकरों का मामला उठते हुए कहा कि वर्ग विशेष के लोगों से नफरत का करोबार खत्म होना चाहिए।
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सम्प्रदाय विशेष के लोगों को भड़काकर ऐसी घटनाएं करवा रहे हैं
सरकार की ओर से जवाब देते हुए नेता सदन डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि गलत अफवाह फैलाकर यह दिखाने का प्रयास किया गया कि यह कानून एक वर्ग के खिलाफ है। राजनीतिक हताश, निराश और पराजित लोगों के द्वारा यह अफवाह फैलायी गयी। किसी भी धर्म या जाति के खिलाफ इस कानून में कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा राम जन्मभूमि पर अदालत का फैसला आया। कहीं कोई घटना नहीं हुयी। दुष्प्रचार करनेवालों कों अब मौका मिल गया तो सम्प्रदाय विशेष के लोगों को भड़काकर ऐसी घटनाएं करवा रहे हैं। अशान्ति फैलानेवालों से सरकार सख्ती से निपटेगी।
शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने पर कोई रोक नहीं है। असामाजिक तत्वों का साथ देनेवाले छात्रों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। नेता सदन के उत्तर से संतुष्ट न होने पर सपा और कांग्रेस के सभी सदस्यों ने वाकआउट किया। अधिष्ठाता ने सरकार को शान्ति व्यवस्था कायम रखने के लिये आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। भोजनावकाश के बाद भी सपा के सदस्यों ने छात्रों को बन्दी बनाये जाने का मामला उठाते हुए शोर-शराबा किया।