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ताबड़तोड़ छापेमारी: यूरिया की कालाबाजारी पर एक्शन, 15 लाइसेंस निरस्त

यूपी में खाद और यूरिया की कालाबाजारी के विपक्षी दलों के आरोपों के बीच प्रदेश सरकार कालाबाजारी रोकने के लिए लगातार छापामारी कर रही है।

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Published on: 21 Aug 2020 2:01 PM GMT
ताबड़तोड़ छापेमारी: यूरिया की कालाबाजारी पर एक्शन, 15 लाइसेंस निरस्त
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यूरिया की कालाबाजारी पर एक्शन

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: यूपी में खाद और यूरिया की कालाबाजारी के विपक्षी दलों के आरोपों के बीच प्रदेश सरकार कालाबाजारी रोकने के लिए लगातार छापामारी कर रही है। प्रदेश के कृषि विभाग ने बीते दो दिन में अभियान चला कर 18 जोनों में 3119 उर्वरक व्यवसाय प्रतिष्ठानों पर छापा मारकर 653 नमूने लिए।

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247 उर्वरक विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी

इस छापेमारी में 247 उर्वरक विक्रेताओ को कारण बताओं नोटिस जारी हो चुका है जबकि 158 विक्रेताओं के लाईसेंस निलम्बित तथा 15 विक्रेताओं के लाईसेंस निरस्त किये गये है। इसके अलावा 94 विक्रेताओं को चेतावनी दी गयी और 15 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर बिक्री प्रतिबंधित करने के साथ ही 6 प्रतिष्ठान सील किये गये। इस दौरान 2 उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया और यूरिया के साथ टैगिंग करने के आरोप में 7 लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की गई।

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में उर्वरक की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले विक्रेताओं के विरूद्ध सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश सरकार किसानों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होने देगी। सरकार निरंतर जीरो टाॅलरेंस नीति पर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि खाद और यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए अपर निदेशक तथा संयुक्त निदेशक स्तर के 19 अधिकारियों को भी 2-2 जिलें औचक निरीक्षण के लिए आवंटित किए गए है। यह अधिकारी जिलों में उर्वरक के थोक और फुटकर विक्रेताओं, एजेंसियों तथा साधन सहकारी समितियों का निरीक्षण करेंगे।

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यूरिया और उर्वरक की नहीं है कोई कमी

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में यूरिया और उर्वरक की कहीं कोई कमी नहीं है। किसान अपनी जरूरत के अनुसार ही उर्वरकों को खरीदे, उन्हे भण्डार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। प्रदेश के सहकारिता क्षेत्र में 2.00 लाख मीट्रिक टन यूरिया और उर्वरक का स्टाक उपलब्ध है, जिन जिलों में यूरिया और उर्वरक की मांग ज्यादा है, वहां पर 50 प्रतिशत तक यूरिया का अवमुक्त करते हुए साधन सहकारी समितियों पर भेजकर किसानों को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

उन्होंने बताया कि यह भी निर्णय लिया गया है कि सहकारिता, यूपी स्टेट एग्रो, गन्ना संघ के अतिरिक्त उद्यान, एग्रीजंक्शन, आईएफएफडीसी और इफ्को ई-बाजार जैसी अन्य संस्थाओं को भी इफ्को तथा कृभको की यूरिया उर्वरक उपलब्ध कराई जाये।

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कृषि मंत्री ने बाराबंकी, बस्ती, अयोध्या जनपद की समीक्षा की तथा सीतापुर, सोनभद्र और वाराणसी के जिलाधिकारी से फोन पर वार्ता कर उन्हें जिलें में किसानों की उर्वरक समस्याओं के निराकरण करने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि वास्तविक उपभोक्ताओं की पहचान कर उन्हें उनकी जोत के आधार पर उर्वरक उपलब्ध करायी जाये।

शाही ने कहा कि उर्वरकों की कैशलेस बिक्री कराने के लिए क्यूआर कोड की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करायी जाये। किसानों को उर्वरकों की बिक्री उनकी जोत-बही में अंकित कृषित भूमि एवं फसलवार संस्तुत मात्रा के अनुसार ही उर्वरक उपलब्ध कराये जाये, ताकि महंगे उर्वरको का असंतुलित प्रयोग तथा कृषि के अतिरिक्त अन्य कार्यो में दुरूपयोग को नियंत्रित किया जा सके।

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