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मनोरंजन उद्योग से जुड़ने का मिलेगा अवसर, इस संस्था ने उठाया बड़ा कदम
सपनों के शहर मुंबई से अदब के शहर लखनऊ के बीच सेतु निर्माण के उद्देश्य से आज शनिवार को एमरन फाउंडेशन की पहल पर लखनऊ फिल्म फोरम ने एक ई संगोष्ठी का आयोजन किया।
लखनऊ: सपनों के शहर मुंबई से अदब के शहर लखनऊ के बीच सेतु निर्माण के उद्देश्य से आज शनिवार को एमरन फाउंडेशन की पहल पर लखनऊ फिल्म फोरम ने एक ई संगोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें मशहूर फिल्म निर्मात्री निर्देशक लेखक ज्योति कपूर दास, पार्थ शाह सेंट्रीओड इंडिया के निदेशक और रामानंद सागर के पौत्र व सागर वर्ल्ड वाइड लिमिटेड के निदेशक शिव सागर ने भाग लिया।
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एमरेन फ़ाउंडेशन और लखनऊ फ़िल्म फ़ोरम की अध्यक्ष रेणुका टंडन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस वेबीनार के माध्यम से हम उन लोगों को साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जो मनोरंजन उद्योग में अपनी प्रतिभा के बल पर जुड़ना चाहते हैं। हम जानते हैं कि हमारे प्रदेश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, सिर्फ उन्हें संवारने और निखारने की आवश्यकता है। जिसे हम लखनऊ फ़िल्म फोरम के माध्यम से पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। हम फिल्म उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों की एक टीम को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जो यहां आकर छात्रों को अभिनय, फिल्म निर्माण और उससे जुड़ी तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दें।
...लखनऊ अब प्रोडक्शन फ्रेंडली हो गया है
इस संगोष्ठी को संबोधित करते हुए ज्योति दास कपूर जो की चटनी, भाग मिल्खा भाग, क्वीन, गैंग्स ऑफ वासेपुर और कहानी जैसी फिल्मों से जुडी रही हैं, ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि लखनऊ अब प्रोडक्शन फ्रेंडली हो गया है, और धीरे-धीरे यह मिनी इंडस्ट्री का रूप ले रहा है। उन्होंने युवा प्रतिभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वप्रथम वे आत्म विश्लेषण करें की फिल्म उद्योग की किस विधा के लिए वह उपयुक्त हैं। वे अपनी प्रतिभा का निर्धारण स्वयं करें। उन्होंने कहा कि जल्द ही वह लखनऊ फिल्म फोरम के साथ जुड़कर छात्रों के लिए मास्टर क्लास का आयोजन करेंगीं और उन्हीं छात्रों को अपने प्रोडक्शन हाउस में इंटर्नशिप करने का भी मौका देंगी।
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फिल्म फोरम से आए छात्रों को इंटर्नशिप करने का मौका
कार्यक्रम में दूसरे वक्ता के रूप में शिवसागर ने बताया कि इस बदलते समय में एनिमेशन उद्योग चरम पर है, जिसके माध्यम से हम ऐतिहासिक और पौराणिक फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं अब तो इस तकनीक के माध्यम से सामान्य फिल्म का भी निर्माण किया जा रहा है पहले हम ज्यादातर एनीमेशन फिल्मों में विदेशी कंपनियों का सहयोग लेते थे लेकिन आज ऐसा नहीं है हम भारत में ही एनिमेशन फिल्मों का निर्माण पूरा कर लेते हैं और खुशी की बात यह है कि अब बड़े बैनर भी इसका निर्माण कर रहे हैं जिसमें हालिया रिलीज यशराज बैनर की रोडसाइड रोमियो प्रमुख है, उन्होंने बताया कि हम अपने नए प्रोजेक्ट में लखनऊ फिल्म फोरम से आए छात्रों को इंटर्नशिप करने का मौका देंगे जिससे उनकी प्रतिभा में और निखार होगा और वह अपने भविष्य के सपनों को आकार दे सकेंगे।
वीएफएक्स गेम्स और विजुअल इफैक्ट्स में सुनहरा भविष्य
कार्यक्रम के तीसरे वक्ता के रूप में पार्थ शाह जिन्हें कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों का श्रेय दिया जाता है जिसमें गार्जियन ऑफ द गैलेक्सी, एंड मैन, गॉडजिला, मैक्स मैक्स और हत्यारों जैसी फ़िल्में और गेम शामिल हैं। उन्होंने फिल्म निर्माण की नई तकनीक के बारे में बताते हुए कहा कि अब वर्चुअल प्रोडक्शन का जमाना आ गया है वीएफएक्स गेम्स और विजुअल इफैक्ट्स में सुनहरा भविष्य है। अभिनय से अलग जो प्रतिभागी फिल्म निर्माण में अपनी भूमिका चाहते हैं उनके लिए यह उचित समय है कि वह इन क्षेत्रों में दक्षता हासिल करें और अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण करें।
उन्होंने आज इस कार्यक्रम के माध्यम से घोषणा करते हुए कहा कि वह जल्द ही लखनऊ में वर्चुअल प्रोडक्शन की एक यूनिट तैयार करेंगे जिससे यहां के छात्रों को यहीं पर काम मिल सकेगा। कार्यक्रम का संचालन गायत्री सिंह ने किया इस अवसर पर लखनऊ फिल्म फोरम के सदस्यों में डॉ निधि सिंह टंडन, रिचा वैश्य, वंदना अग्रवाल, विवेक यादव, प्रशांत और देवी सिंह भंडारी मौजूद थे।
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