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UPMRC 5 सितंबर से मनाएगा "सेफ ट्रैवल फॉर चिल्ड्रन" सप्ताह, 6 वर्ष में 7.5 करोड़ यात्रियों ने किया सफर
Lucknow Metro: इस अभियान के जरिए यूपीएमआरसी बाल यात्रियों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देगा। बताया जाएगा कि कैसे मेट्रो हर बच्चे के लिए यात्रा को पूरी तरह से सुरक्षित बनाता है।
Lucknow Metro: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमअरसी) 5 सितंबर से परिचालन सेवा के 6 वर्ष पूरा होने पर "सेफ ट्रैवल फॉर चिल्ड्रन" सप्ताह मनाएगा। इस अभियान के जरिए यूपीएमआरसी बाल यात्रियों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देगा। बताया जाएगा कि कैसे मेट्रो हर बच्चे के लिए यात्रा को पूरी तरह से सुरक्षित बनाता है।
6 वर्षों में 7.5 करोड़ यात्रियों किया सफर
यूपीएमअरसी द्वारा हर वर्ष 5 सितंबर को मेट्रो दिवस मनाया जाता है। मंगलवार को लखनऊ मेट्रो परिचालन सेवा के 6 वर्ष पूर्ण होने पर छठा मेट्रो दिवस मनाया जायेगा। लखनऊ मेट्रो विगत 6 वर्षों में 7.5 करोड़ यात्रियों को सफलतापूर्वक यात्रा करवा चुकी है।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ. कैलाश सत्यार्थी रहेंगे मौजूद
इस अवसर पर नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ. कैलाश सत्यार्थी हजरतगंज मेट्रो स्टेशन पर उपस्थित रहेंगे। मेहमानों के साथ बच्चों की बेहतरी और उत्थान के लिए अथक प्रयास करने के अपने अनुभवों को साझा करेंगे।
हजरतगंज मेट्रो स्टेशन पर होगी "सेफ ट्रैवल फॉर चिल्ड्रन" सप्ताह समारोह की शुरुआत
यूपीएमआरसी "सेफ ट्रैवल फॉर चिल्ड्रन" सप्ताह समारोह का शुरुआत हजरतगंज मेट्रो स्टेशन पर किया जाएगा। इस दौरान सभी मेट्रो यात्रियों के लिए मनोरंजक गतिविधियाँ, प्रश्नोत्तरी और खेल आयोजित किए जाएंगे। विजेताओं को पुरस्कार और डिस्काउंट कूपन संग बहुत से अन्य उपहार दिए जाएंगे।
यूपीएमआरसी के एमडी ने क्या कहा?
यूपीएमआरसी के एमडी सुशील कुमार ने कहा कि, “इस साल, लखनऊ मेट्रो का वार्षिकोत्सव बाल यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा की थीम पर आधारित होगा। स्कूल, स्टेडियम, मनोरंजन स्थल पर जाने वाले बच्चों के लिए यूपीएमअरसी यात्रा को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने का प्रयास करता है।
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उन्होंने कहा कि "मेट्रो स्टेशनों पर कोई डार्क स्पॉट नहीं है। मेट्रो ट्रेन से लेकर मेट्रो स्टेशन तक हर एक इंच सीसीटीवी की निगरानी में है। मेट्रो ट्रेन के अंदर पैसेंजर इमरजेंसी बटन दिया गया है जिसे आपातकाल स्तिथि में इस्तेमाल कर सीधे ट्रेन ऑपरेटर से बात की जा सकती है। अत्यधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्टेशनों के अंदर कांच का अधिकतम उपयोग किया जाता है। उत्तर प्रदेश मेट्रो द्वारा किए गए ये सभी उपाय मेट्रो को बच्चों के लिए परिवहन का सबसे सुरक्षित साधन बनाते हैं”