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UP Politics: क्या ओमप्रकाश राजभर एनडीए में होंगे शामिल ? जानें क्या बोले योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर
UP Politics: ओपी राजभर द्वारा लगातार जातिगत जनगणना की मांग पर जोर देने को लेकर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने पलटवार किया है। उन्होंने साफ कह दिया कि एनडीए का हिस्सा वहीं बन सकता है, जो बीजेपी की विचारधारा और पीएम मोदी के मिशन को जानता हो।
UP Politics: लोकसभा चुनाव की आहट के बीच राजनीतिक दल अपने-अपने मुद्दे सेट करने में जुट गए हैं। जिसके आधार पर वे जनता के बीच समर्थन मांगने जाएंगे। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी जहां सामान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे को आगे बढ़ाते जा रही है। वहीं, मुख्य विपक्षी सपा जातिगत जनगणना की मांग को जोर शोर से उठाती नजर आ रही है। उनकी इस कवायद में पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी साथ आ रहे हैं। ओपी राजभर ने ऐसे समय में जातिगत जनगणना को उठाया है, जब उनकी बीजेपी से सियासी सेटिंग की चर्चा राजनीतिक हलकों में जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य वरीय भाजपा नेताओं के साथ मुलाकात को लेकर उन्होंने माहौल को गरमा दिया है। ओपी राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के एनडीए में शामिल होने के कयासों पर योगी सरकार के एक कैबिनेट मंत्री का बड़ा बयान आया है।
अनिल राजभर का पलटवार
ओपी राजभर द्वारा लगातार जातिगत जनगणना की मांग पर जोर देने को लेकर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने पलटवार किया है। उन्होंने साफ कह दिया कि एनडीए का हिस्सा वहीं बन सकता है, जो बीजेपी की विचारधारा और पीएम मोदी के मिशन को जानता हो। राजभर ने नाम न लेते हुए सुभासपा प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री भारत को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं, लेकिन यह राजनीति में समूह छोड़ने वाले लोग जो जातिगत जनगनणा की बात करते हों वे कैसे भाजपा का हिस्सा बन पाएंगे।
कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर के बयान से साफ है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर की एनडीए में वापसी इतनी भी आसान नहीं है। राजभर को एनडीए गठबंधन में शामिल होने के लिए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की तरह जातिगत जनगणना का राग अलापना बंद करना होगा। बता दें कि ओपी राजभर कह चुके हैं कि अगले तीन-चार महीने में गठबंधन का ऐलान हो जाएगा। वे पहले भी एनडीए में रह चुके हैं। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे लेकिन मनमुटाव के चलते वे सरकार से काफी जल्द बाहर आ गए। इसके बाद उन्होंने सपा के साथ अलायंस कर 2022 में विधानसभा का चुनाव लड़ा। हालांकि, गठबंधन सरकार बना नहीं सकी। इसके बाद उन्होंने अखिलेश यादव पर कुछ तीखी टिप्पणियां की, जिससे अंततः सपा के साथ भी उनका गठबंधन खत्म हो गया। ओम प्रकाश राजभर ने अपने सारे विकल्प खुले रखे हैं।