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लखनवी खरबूजे: कोरोना वायरस का हैं एक बड़ा असर, जानिए ऐसा क्यों

लखनऊ अपने बेहतरीन आमों के लिए ही नहीं जाना जाता है वरन यहां के लाजवाब खरबूजे को चखने के लिए गर्मी के मौसम का इंतजार रहता है | आमतौर पर लोग नहीं जानते हैं की यह खुशबूदार लजीज और मिठास से भरा फल धीरे-धीरे लुप्त हो रहा है|

Vidushi Mishra
Published on: 21 May 2020 6:36 PM IST
लखनवी खरबूजे: कोरोना वायरस का हैं एक बड़ा असर, जानिए ऐसा क्यों
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लखनवी खरबूजे: कोरोना वायरस का हैं एक बड़ा असर, जानिए ऐसा क्यों

लखनऊ: लखनऊ अपने बेहतरीन आमों के लिए ही नहीं जाना जाता है वरन यहां के लाजवाब खरबूजे को चखने के लिए गर्मी के मौसम का इंतजार रहता है | आमतौर पर लोग नहीं जानते हैं की यह खुशबूदार लजीज और मिठास से भरा फल धीरे-धीरे लुप्त हो रहा है| निकट भविष्य में लखनऊ की यह खासियत शायद बाजारों में नजर ना आए क्योंकि लखनऊ का यह विशेष फल बाजार से ही नहीं खेतों से भी गायब हो रही है| बहुत से ऐसी किस्में बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हो रही हैं जो कि खाने में ज्यादा स्वादिष्ट है।

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कमाई पर कोरोना वायरस का प्रभाव

किसानों को सब्जियों से होने वाली कमाई पर कोरोना वायरस का प्रभाव पड़ा और लखनवी खरबूजा भी अछूता न रहा | इस खरबूजे को उगाने वाले कम ही किसान हैं और इसे बेचकर थोड़ी बहुत आमदनी करते थे लेकिन लॉक डाउन के चलते बेचने वालों का उन जगह पर पहुंचना नामुमकिन हो गया जहां इस विशेष खरबूजे के खरीदार है |

पुराने लखनऊ के मोहल्लों में इसे ले जाना कठिन होने के कारण किसान खेतों के पास रोड के किनारे ही औने पौने दाम में बेच रहे हैं | कोरोनावायरस के अतिरिक्त मौसम की मार ने भी इन खरबूजे को ना छोड़ा |

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फसल लगभग चौपट

असमय बारिश और बड़े-बड़े ओलो ने रही सही कसर निकाल दी | बड़े-बड़े ओलो की चोट से फलों पर दाग पड़े और वहां से फल ख़राब हो गया फल स्वरुप फसल लगभग चौपट हो गई |

लगभग दो दशक पहले लखनवी खरबूजे के बहुत मांग थी क्योंकि बाजार में अन्य खरबूजे नहीं आते थे और स्थानीय खरबूजा खुशबू और मिठास दोनों ही लाजवाब था |

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कानपुर और जौनपुर से खरबूजे

धीरे धीरे कानपुर और जौनपुर से खरबूजे ने लखनऊ के मार्केट में कब्जा जमाना शुरू कर दिया | यह खरबूजे लखनवी खरबूजे से थोड़े ज्यादा मीठे हैं और बाजार में प्रचलित किस्मों की शक्ल सूरत में ज्यादा मिलते हैं |

बाहर से आए हुए खरबूजे की बढ़ती मांग ने किसानों को भी नई किस्में उगाने के लिए प्रेरित किया | अब तो मार्केट में तरह-तरह थे खरबूजे आने लगे हैं |

अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियां नई किस्में निकालने में जुट गई है क्योंकि खरबूजा उत्पादन एक अच्छा व्यवसाय होने के कारण अच्छी किस्मों की बीज की मांग बढ़ चुकी है | किसानों को भी समझ में आ गया है कि अधिक आमदनी के लिए अच्छी किस्मों के खरबूजो का उत्पादन करें |

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बेमिसाल लखनवी खरबूजे

लखनऊ के विशेष खरबूजे नए जमाने के खरबूजो से मुकाबला तो नहीं कर सकते लेकिन इनमें भी कुछ खासियत थी | बुजुर्गों से अगर आप उनका अनुभव पूछें तो बताते हैं की खुशबू और मिठास में बेमिसाल लखनवी खरबूजे देखने को नहीं मिलते हैं |

ऐसा होना लाजमी था क्योंकि कभी लखनवी खरबूजे से अच्छी किस्म निकालने की कोशिश नहीं की गई, धीरे धीरे किसानों को जो भी बीज उपलब्ध था उस पर निर्भर होने के कारण गुणवत्ता का ह्रास हुआ | कहीं कहीं लखनवी खरबूजे बेमिसाल गुणवत्ता वाले भी हैं और उन्हें संरक्षण देने की आवश्यकता है|

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