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Atiq Arshad Murder: मरते-मरते योगी को जोर का झटका दे गया माफिया अतीक?
Atiq Arshad Murder: खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी नहीं सोचा होगा कि माफिया का अंत इस अंदाज में होगा। मरते-मरते वह खुद तो मिट्टी में मिला ही, सरकार की छवि को भी धूल-धूश्रित कर गया। इस घटना को सरकार की इमेज पर धब्बे के तौर पर देखा जा रहा है।
Atiq Arshad Murder: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरी विधानसभा में माफिया अतीक अहमद को मिट्टी में मिलाने की बात कही थी और वह अब मिट्टी में मिल भी चुका है। खुद सीएम योगी ने भी नहीं सोचा होगा कि माफिया का अंत इस अंदाज में होगा। मरते-मरते वह खुद तो मिट्टी में मिला ही, सरकार की छवि को भी धूल-धूश्रित कर गया। इस घटना को सरकार की इमेज पर धब्बे के तौर पर देखा जा रहा है। प्रयागराज में शनिवार की रात को जो कुछ हुआ, उसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्षी दलों ने एक सुर से सूबे की कानून-व्यवस्था को ध्वस्त बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा प्रयागराज की घटना यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े करती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की घटना पर गहरी नाराजगी जताई है। अतीक की सुरक्षा में लगे 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। जांच के लिए एक कमेटी भी बना दी गई है। मुख्यमंत्री योगी खुद पूरे मामले पर नजर बनाये हुए हैं और प्रदेश भर में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो इस संदर्भ में अफसरों को कड़े निर्देश दिये हैं। अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। वह जानते हैं कि अफवाह की एक चिनगारी से बड़ा बवाल हो सकता है।
प्रयागराज की घटना बनी सिरदर्द?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मैं इस माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा। जानकार कहते हैं कि उनका मकसद उसके गैंग को खत्म करना और अपराधियों जेल में बंद करना था। साथ ही उसकी और करीबियों की अवैध संपत्तियों को बुलडोजर से धराशायी करना था। खासकर ऐसे समय में जब लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और निकाय चुनाव की दुंदुभी बज चुकी है, लॉ एंड ऑर्डर के लिहाज से यह घटना सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो सकती है।
विपक्ष को मिला मौका
प्रयागराज में जिस तरह से पुलिस कस्टडी में अतीक और उसके भाई अशरफ को मार गिराया गया है, दो महीनों के भीतर ही बेहतर कानून-व्यवस्था के दावों की पोल खुल गई है। इसके साथ ही उन विपक्षी दलों को लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर सरकार को घेरने का और मौका मिल गया है जो पहले ही उमेश पाल मर्डर और हाथरस जैसी घटनाओं के लिए सरकार को जिम्मेदार बता रहे थे।
सपा नेता राम गोपाल यादव ने ट्वीट कर कहा, मुख्यमंत्री जी का फरमान” मिट्टी में मिलादेंगे”अतीक अहमद की सुप्रीम कोर्ट में याचिका- पुलिस अभिरक्षा में हत्या की आशंका के चलते सुरक्षा की माँग- No relief.फिर फेक encounters और पुलिस के घेरे में सुनियोजित हत्याएँ तो होनी ही हैं।कोई आश्चर्य नहीं कि अतीक के शेष बेटे भी मारे जाएँ।
मामले में अखिलेश यादव ने भी लिखा कि उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसीकी हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।
किसी अपराधी को नहीं बख्शेंगे सीएम योगी!
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता अक्सर योगी राज में बेहतर कानून-व्यवस्था का दम भरते नजर आते हैं लेकिन अब वह इन घटनाओं पर क्या स्पष्टीकरण देंगे और जनता कितना उस पर भरोसा करेगी? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल, मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ किसी अपराधी को छूट देने के मूड में नजर नहीं आ रहे।!