Mathura News: पहली बार श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने किया ईदगाह की भूमि पर अपना दावा

Mathura News: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में शुक्रवार को पहली बार श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ईदगाह द्वारा 13.37 एकड़ भूमि पर अपना दावा प्रस्तुत किया और एक वाद सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में दायर किया।

Mathura Bharti
Published on: 11 Aug 2023 6:33 PM GMT
Mathura News: पहली बार श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने किया ईदगाह की भूमि पर अपना दावा
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पहली बार श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने किया ईदगाह की भूमि पर अपना दावा: Photo- Newstrack

Mathura News: जन्मभूमि ट्रस्ट के दावे के साथ ही स्वामित्व मामले को लेकर चल रहे मामलों में आ सकता है नया मोड़, जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि पर शाही ईदगाह के अवैध कब्जे को लेकर एक दर्जन से अधिक वाद हो चुके हैं दायर। आज हुए दायर वाद में श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट ने 1968 के समझौते को बताया अवैध।

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में शुक्रवार को पहली बार श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ईदगाह द्वारा 13.37 एकड़ भूमि पर अपना दावा प्रस्तुत किया और एक वाद सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में दायर किया।

न्यायालय ने वाद को स्वीकार करते हुए उक्त वाद को अन्य वादों की तरह ही हाईकोर्ट भेजने की संतुति कर दी है क्योंकि जन्मभूमि शाही ईदगाह से जुड़े मामलों को हाईकोर्ट के आदेश पर जिला न्यायालय से हाईकोर्ट स्थानारांतरित किया जा चुका है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा किए गए इस वाद से अब सभी मामलों में नया मोड़ आ सकता है और मुस्लिम पक्ष की भी अदालत में दी जाने वाली दलील कि सभी मामलों में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को कोई आपत्ति नहीं है पर विराम लग गया है।

समझौता गलत

इस वाद में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी बनाया गया है। ट्रस्ट ने कहा है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान (तब सेवा संघ) को समझौते का अधिकार नहीं था। लेकिन 1968 में सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से भूमि को लेकर समझौता किया था। ये समझौता गलत है।

इस समझौते की डिक्री 1973 व 1974 में न्यायालय द्वारा की गई। इसे रद किया जाए। अब तक जन्मस्थान मामले में 17 वाद दायर हो चुके हैं, लेकिन ये पहला मामला है, जिसमें जन्मभूमि ट्रस्ट खुद ही वादी है। ये वाद ट्रस्टी विनोद कुमार बिंदल और ओमप्रकाश सिंघल की ओर से किया गया है। भोजनावकाश के बाद न्यायालय में इस वाद पर सुनवाई होगी।

ये है मामला

श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ भूमि पर ही जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह है। जन्मस्थान का कार्य देख रहे श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने 1968 में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से प्रमुख दस बिंदुओं पर समझौता कर लिया। इससे पूर्व में चले सभी वाद समाप्त हो गए। कालांतर में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ का नाम परिवर्तित कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान कर दिया गया। 13.37 एकड़ भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर है। समझौता संस्थान ने किया था, इसलिए दावा किया गया है कि भूमि जब संस्थान के नाम नहीं थी, तो उसके द्वारा किया गया समझौता ही गलत है।

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