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अयोध्या मामले पर मायावती बोलीं- सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला दे, सब करें सम्मान

बसपा सुप्रीमो मायावती ने रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर बयान दिया है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से जो भी फैसला आए उसका सभी को सम्मान करना चाहिए।

Aditya Mishra
Published on: 7 Nov 2019 10:59 AM IST
अयोध्या मामले पर मायावती बोलीं- सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला दे, सब करें सम्मान
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लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर बयान दिया है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से जो भी फैसला आए उसका सभी को सम्मान करना चाहिए और देश में हर जगह साम्प्रदायिक सौहार्द का वातावरण कायम रखना चाहिए।

बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर लिखा, अयोध्या प्रकरण में माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला आजकल में ही आने की उम्मीद है। जिसको लेकर जनमानस में बेचैनी व विभिन्न आशंकाएं स्वभाविक है।

ऐसे में समस्त देशवासियों से अपील है कि वे कोर्ट के फैसले का हर हाल में सम्मान करे। यही देशहित में सर्वोत्तम उपाय है।



उन्होंने सरकार से कहा कि सत्ताधारी पार्टी एवं केंद्र और राज्य सरकारों की भी ये संवैधानिक व क़ानूनी जिम्मेदारी है कि वे खास मौके पर लोगों के जानमाल और मजहब की सुरक्षा की गांरटी सुनिश्चित करे और सामान्य जन जीवन को प्रभावित न होने दे।



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17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं सीजेआई

चीफ जस्टिस( सीजेआई) रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली 5 न्यायमूर्तियों की संविधान पीठ मामले की सुनवाई कर रही है और चीफ जस्टिस गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।

कार्यकाल खत्म होने के बाद रंजन गोगोई न तो मामले की सुनवाई कर पाएंगे और न ही फैसला सुना पाएंगे।

लिहाजा वो चाहते हैं कि मामले पर फैसला उनके रिटायर होने से पहले ही हो जाए।

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अनावश्यक बयानबाजी से बचे नेता: पीएम मोदी

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट सहयोगियों से इस मुद्दे पर अनावश्यक बयानबाजी से बचने और देश में सद्भाव बनाए रखने को कहा है।

सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट मंत्रियों की बैठक में पीएम ने कहा कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है। ऐसे में देश में सद्भाव और शांति बनाए रखने की हम सभी की जिम्मेदारी है। इस मुद्दे पर सभी को अनावश्यक बयानबाजी से बचना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस फैसले को हार और जीत के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए। अयोध्या मामले में अगले हफ्ते फैसला आ सकता है क्योंकि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

हाल ही में ‘मन की बात’ में पीएम ने 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अयोध्या मामले पर आए फैसले के बाद सरकार, राजनीतिक दलों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा अराजकता और हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों व कोशिशों को याद किया था। उन्होंने इसे देश की मजबूती के लिए एकजुट आवाज का उदाहरण करार दिया।

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फैसला आने पर सील होगी अयोध्या से जुड़ी सीमा, अधिकारियों-कर्मचारियों के अवकाश निरस्त

अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले को लेकर सतर्कता बढ़ती जा रही है। फैसले के मद्देनजर जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों के अवकाश 30 नवंबर तक निरस्त कर दिए गए हैं।

शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में अतिरिक्त फोर्स मंगाई गई है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में अस्थाई जेल बनाने के लिए विद्यालयों को चिह्नित किया जा रहा है।

फैसले के बाद अयोध्या से जुड़ी जिले की सीमाएं सील करने की भी तैयारी है। पुलिस ने एहतियात के तौर पर सतर्कता बढ़ा दी है। अयोध्या के बार्डर का जिला होने के चलते यहां खास एहतियात बरता जा रहा है।

अयोध्या विवाद के फैसले को लेकर पुलिस समेत अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों को 24 घंटे अपने-अपने क्षेत्र पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है।

अलर्ट पर प्रशासन

सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले को लेकर शासन के निर्देश पर पुलिस-प्रशासन सतर्क हो गया है। जिले की कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है।

फैसले के बाद किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की अधिकारियों के साथ बैठकें लगातार जारी हैं। इनमें संबंधित अधिकारियों को सतर्क करते हुए अपने-अपने विभागीय कर्मचारियों के जरिए क्षेत्रों पर नजर रखने का निर्देश प्रशासन की ओर से दिया जा रहा है।

अयोध्या विवाद के संभावित फैसले को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आरजेबी सेल का गठन किया है।

एएसपी उत्तरी आरएस गौतम को सेल का नोडल अधिकारी और सीओ सिटी को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है। सेल में कई इंस्पेक्टर व दरोगाओं की भी तैनाती की गई है।

अयोध्या विवाद के फैसले के बाद किसी भी स्थिति से निपटने के लिए शासन से अर्द्धसैनिक बल की मांग की गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही जिले को अर्द्धसैनिक बल उपलब्ध हो जाएगा, जिसके बाद ये जिले में जगह जगह पर तैनात किया जाएगा।

तैयारियों के बीच स्वास्थ्य विभाग को भी सतर्क किया गया है। जिला अस्पताल समेत सभी सीएचसी पर दवाओं के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने को कहा गया ही। डॉक्टरों समेत पूरे स्टाफ को मुस्तैद रहने का निर्देश दिया गया है।

सोशल मीडिया पर रखी जा रही हैं नजर

प्रशासन के मुुताबिक एलआईयू व अन्य जांच एजेंसियों को लगातार सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। गोपनीय सूचनाओं से प्रशासन व पुलिस अफसरों को तत्काल अवगत कराया जा रहा है।

फैसले के मद्देनजर सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए एक कमेटी गठित की गई है। सोशल मीडिया पर भड़काऊ व आपत्तिजनक मैसेज पोस्ट, शेयर व लाइक करने से बचने की लोगों को सलाह दी जा रही है।

जिले से अयोध्या को सीमा जुड़ी होने की वजह से शासन ने जिला प्रशासन को विशेष रूप से सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। प्रशासन ने जिले में सुपर, जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट को नामित किया है।

एहतियात के तौर पर छह सुपर जोनल, पांच जोनल व 22 सेक्टर मजिस्ट्रेट को नामित करते हुए क्षेत्र का बंटवारा कर दिया है।

कई सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाए जा रहे हैं। अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टी 30 नवंबर तक निरस्त कर दी गई है। साथ ही अधिकारियों को मुख्यालय छोड़ने की दशा में पहले सूचित करने का निर्देश दिया गया है।

अयोध्या व बाराबंकी जिले की सीमा जुड़ी है। इसके चलते फैसले को लेकर जिले की सीमा सील करने की तैयारी की जा रही है। अयोध्या की सीमा से जुड़े पुलिस धानों व लेखपालों को विशेष रूप से सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।

इसके अलावा ग्राम प्रधानों को भी सूचना का स्रोत बनाया गया है। उन्हें भी किसी अप्रिय घटना की जानकारी तत्काल देने को कहा गया है।

अस्थाई जेल बनाने की प्रक्रिया में जुटी पुलिस

अयोध्या विवाद के फैसले को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में अस्थाई जेल बनाने की प्रक्रिया में पुलिस जुटी है। हर थाना क्षेत्र में एक अस्थाई जेल बनाने के लिए विद्यालयों को चिह्नित किया जा रहा है।

इसके तहत सीमा पर बैरियर लगाने के साथ ही भारी पुलिस बल तैनात रहेगा। हाईवे पर आवागमन रोकने की भी तैयारी की जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने सभी थाना प्रभारियों को इसके लिए आदेश जारी किये हैं।

एसपी आकाश तोमर ने बताया कि फैसले के मद्देनजर व्यवस्था तकरीबन पूरी कर ली गई है। कलेक्ट्रेट व पुलिस लाइन में दो कंट्रोल रूम स्थापित किये गये हैं। कोई भी इस पर सूचना दे सकता है। इसके साथ ही कंट्रोल रूम में आने वाली हर सूचना को गंभीरता से लेकर काम किया जा रहा है।

एसपी आकाश तोमर ने बताया कि अयोध्या विवाद के फैसले को लेकर सभी थानों की पुलिस लोगों के साथ बैठक कर रही है।

हर थाना स्तर पर एक स्थायी जेल बनेगी, इसके लिए स्कूल चिह्नित किये जा रहे हैं। जिले की सीमा सील करने की भी तैयारी है। माहौल बिगाड़ने व अफवाह फैलाने वाले अराजक तत्वों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश सभी थानेदारों को दिए गए हैं।

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अम्बेडकर नगर में भी अलर्ट पर प्रशासन

अम्बेडकर नगर में भी अयोध्या में श्री रामजन्म भूमि पर उच्चतम न्यायालय के सम्भावित फैसले के मद्देनजर जिले में प्रशासनिक अमला पूरी तरह सक्रिय हो गया है।

प्रदेश सरकार के निर्देश के अनुपालन में जिला प्रशासन ने आठ स्कूलों को अस्थायी जेल में तब्दील कर दिया है। पुलिस अधीक्षक के पत्र पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने जेल में तब्दील स्कूलों की सूची जारी कर दी है।

जिले में डॉ जीके जेटली इंटर कालेज शहजादपुर,अकबरपुर, बीएन इंटर कालेज अकबरपुर, डॉ अशोक स्मारक डिग्री कालेज तमसा मार्ग ,अकबरपुर, टीएन डिग्री कालेज टाण्डा, एनडी इंटर कालेज जलालपुर,जनता इंटर कालेज नेवादा, अजय प्रताप इंटर कालेज भीटी, एसएन इंटर कालेज इंदईपुर को अस्थायी जेल बनाया गया है।

सुरक्षा व्यवस्था पर पुलिस अधीक्षक ने दी ये अहम जानकारी

गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि जिले को 17 सेक्टर व पांच जोन में बांटा गया है। इसके अलावा जिले भर में 12 बैरियर बनाये गए हैं जिनमे तीन अयोध्या को जाने वाले रास्ते पर बनाये गये हैं जबकि 9 बैरियर जिले में प्रवेश करने वाले रास्तो पर हैं।

उन्होंने बताया कि जिले में धारा 144 को प्रभावी ढंग से लागू कराया जा रहा है। अपर पुलिस अधीक्षक अवनीश कुमार मिश्र ने बताया कि जिले में पांच लोग आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं और तीन लोग सिमी से जुड़े हुए है जिनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। फ़िलहाल यह सभी लोग फरार हैं।

व्हाट्स एप ग्रुप पर भ्रामक सूचना पोस्ट करने पर कार्रवाई

व्हाट्स एप ग्रुप पर किसी भी ऐसी टिप्पणी से बचा जाना है जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की संभावना हो। अगर कोई भी गलत टिप्पणी करता है तो उसके विरुद्ध अवश्य कार्यवाई होगी। किसी भी ग्रुप पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के सम्बन्ध में कोई भी आंकलन नही किया जाना चाहिए।

उन्होंने लोगों से अफवाहो पर ध्यान न देने की अपील की। एएसपी ने बताया कि 228 साम्प्रदायिक लोगो को चिन्हित किया है। जो भी लोग साम्प्रदायिक विवाद से सम्बंधित रहे हैं उससे जुड़े दोनों पक्षो को नोटिस देकर पाबंद किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर जिले की सीमाएं सील की जा सकती हैं जिसकी तैयारी की जा चुकी है।

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