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मायावती ने देश की समस्याओं के लिए इन दो पार्टियों को ठहराया जिम्मेदार

संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, मायावती ने बसपा के प्रदेश मुख्यालय पर डा. अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया।

Aditya Mishra
Published on: 6 Dec 2019 9:39 AM GMT
मायावती ने देश की समस्याओं के लिए इन दो पार्टियों को ठहराया जिम्मेदार
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लखनऊ: संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, मायावती ने बसपा के प्रदेश मुख्यालय पर डा. अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया।

इस मौके पर मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर जम कर निशाना साधते हुए कहा कि बाबा साहब का मानवतावादी संविधान अगर इस देश में सही व सच्ची नीयत व नीति तथा पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ लागू किया गया होता तो पिछले 70 वर्षों में देश के बहुसंख्यक समाज में सर्वसमाज के गरीबों, शोषितों, पीड़ितों का दुख-दर्द, शोषण-उत्पीड़न व गरीबी व उपेक्षा आदि काफी हद तक दूर हो गया होता।

भारत एक चिन्ता-मुक्त अग्रणी देश बन गया होता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसके लिए अब तक केन्द्र में रही विभिन्न पार्टियों की सरकारें खासकर कांग्रेस व भाजपा ही असली तौर पर जिम्मेदार व कसूरवार हैं।

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स्वार्थ में केवल ऊपरी दिल से बाबा साहेब का नाम लेती रहती है पार्टियां

मायावती ने कहा कि केन्द्र व देश के विभिन्न राज्यों में अब तक जो भी सरकारें रही हैं वे ज्यादातर मामलों में डा. अम्बेडकर की सही व सच्ची मान्यता व सोच वाली सरकारें नहीं रही हैं बल्कि वोटों के लालच व स्वार्थ में केवल ऊपरी दिल से बाबा साहेब का नाम लेती रहती हैं व ज्यादातर केवल दिखावटी काम ही करती रहती हैं।

जिस कारण ही उनके अनुयाइयों में से खासकर दलितों, आदिवासियों, अति-पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों शोषितों-पीड़ितों का वास्तविक सामाजिक राजनीतिक व आर्थिक उत्थान नहीं हो पाया है तथा वे आज भी वंचित व उपेक्षित ही बने हुए हैं जो दुर्भाग्य की बात है।

बसपा सुप्रीमों ने कहा कि देश के धन व संसाधनों पर दलितों के जो हक हैं, उनसे उन्हें ज्यादातर वंचित रखा गया है और अब तो बाबा साहेब के प्रयासों के बाद करोड़ों दलितों आदिवासियों व पिछड़ों आदि को मिले आरक्षण की संवैधानिक सुविधा को भी अनेक प्रकार के षड़यंत्रों के माध्यम से या तो निष्क्रिय अथवा निष्प्रभावी बनाकर रख दिया गया है। उन्होंने जानना चाहा कि अगर सत्ता की मास्टर चाबी बहुजन समाज के अपने हाथों में होती तो यह सब शोषण व अन्याय कभी नहीं संभव होता।

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मायावती ने कही ये बात

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में चार बार बसपा की सरकार बनने से भी हर प्रकार से साबित है। सत्ता प्राप्त करने व सत्ता में उचित भागीदारी के लिए सामाजिक परिवर्तन के साथ-साथ राजनीतिक शक्ति, एकता व एकजुटता तथा इस लक्ष्य के लिए लगातार संघर्ष करना लाजिमी है, जिसके लिए भी बसपा का संघर्ष हर स्तर पर लगातार जारी है और आगे भी लगातार जारी रहेगा।

मायावती ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश सहित देश की जो दुर्दशा है उसका सबसे ज्यादा शिकार यहां के करोड़ों गरीब, उपेक्षित व मेहनतकश लोग ही हो रहे हैं।

उनका व उनके परिवार का भविष्य लगातार अनिश्चितता के दांव पर लगा हुआ है जबकि बसपा का आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का मूवमेन्ट उन्हीं करोड़ों लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए जबर्दस्त चुनौतियों का सामना करते हुए लगातार संघर्ष कर रहा है, जो जग-जाहिर है। साथ ही, देश में खासकर महिला वर्ग व हर वर्ग के करोड़ों बेरोजगार लोगों का जीवन आज तनाव व त्रस्त बना हुआ है।

क्योंकि केन्द्र व खासकर यूपी सरकार बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की ही समर्थन में केवल काम करती हुई नजर आती है। देश की बड़ी-बड़ी सम्पत्तियों व कम्पनियों को, जिनसे सर्वसमाज के लोगों को रोजगार की आस बनी रहती है, औने-पौने में निजी कम्पनियों के हवाले किये जाने की गलत नीति पर अमल किया जा रहा है।

इन सबसे देश में निराशा का माहौल है। इसके अलावा, केन्द्र व यूपी सरकार हर उस नीति पर जबर्दस्ती काम कर रही है जिससे देश की सावसौ करोड़ जनता में सुख-शान्ति नहीं बल्कि ज्यादातर अशान्ति व अफरा-तफरी ही फैलेगी, जिस आशंका से पूरा देश त्रस्त व परेशान नजर आता है जिसमें नागरिकता कानून में संशोधन करने का प्रयास भी शामिल है।

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Aditya Mishra

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