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माफियाओं पर महा एक्शन: इस अपराधी के घर फोर्स तैनात, अब नहीं बच पाएगा ये
पुलिस के अनुसार, बदन सिंह बद्दो पश्चिमी यूपी का बड़ा माफिया है। मेरठ, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में उसकी करोड़ों की संपत्ति बताई जा रही है। बद्दो के कई रसूखदारों से संबंध बताए जाते हैं, जोकि अक्सर जेल में उससे मुलाकात करने जाते थे।
मेरठ: वेस्ट यूपी के कुख्यात बदमाश बदन सिंह बद्दो के घर की शनिवार को कुर्की की कार्रवाई पुलिस द्वारा की जा रही है। इसी के मद्देनजर को फोर्स तैनात की गई है। शहर के सभी थानों की पुलिस टीपीनगर बुलाई गई। उसके बाद पुलिस शहर के पंजाबी पुरा में बद्दो के घर की कुर्की के लिए फोर्स रवाना हुई। इससे पहले ढोल नगाड़ों के साथ कुर्की की मुनादी की गई । ढाई लाख का इनामी बदमाश बदन सिंह बद्दो, पेशी पर ले जाते समय मेरठ से फरार हुआ था। तभी से बदन सिंह बद्दो की तलाश में पुलिस जुटी है।
पुलिस के अनुसार बदन सिंह बद्दो पश्चिमी यूपी का बड़ा माफिया है। मेरठ, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में उसकी करोड़ों की संपत्ति बताई जा रही है। बद्दो के कई रसूखदारों से संबंध बताए जाते हैं, जोकि अक्सर जेल में उससे मुलाकात करने जाते थे। पुलिस ने उसका रिकॉर्ड खंगाला है। पुलिस का कहना है कि बद्दो के मददगारों का पता लगाया जा रहा है।
पश्चिमी यूपी के कुख्यात बदमाश बदन सिंह बद्दो ने कई राज्यों की पुलिस को चुनौती दे दी है। उसकी गिरफ्तारी एसटीएफ के लिए आसान नहीं है। पुलिस के अनुसार, मार्च 2010 में कालकाजी दिल्ली में चर्चित अनूप जुनेजा शूटआउट केस में बदन सिंह बद्दो का नाम सामने आया था, जिसके बाद पुलिस कमिश्नर ने उस पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।
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ट्रक ड्राइवर बद्दो कैसे बना अपराधी
बदन सिंह बद्दो 1980 के आस-पास तक मेरठ में ट्रक ड्राइवर हुआ करता था। थोड़ी-बहुत दबंगई करता था। यही दबंगई बढ़ती गई, तो बद्दो का नाम मेरठ के छोटे-मोटे बदमाशों में लिया जाने लगा। धीरे-धीरे उसने यूपी के बॉर्डर पर शराब की तस्करी भी शुरू कर दी। यहां से बद्दो का नेटवर्क बड़ा हुआ।
1988 में उस पर पहली बार हत्या का केस दर्ज हुआ, जब उसने दिनदहाड़े मेरठ के गुदरी बाजार कोतवाली में राजकुमार नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी. पश्चिमी यूपी के क्राइम नेटवर्क में बद्दो का नाम फैलने लगा था। बद्दो बड़ी सुर्खियों में आया साल 1996 में, जब उसने मेरठ के वकील रवींद्र गुर्जर की हत्या कर दी।
1996 के इस मर्डर केस में बद्दो को 2017 में गाज़ियाबाद अदालत ने उम्रकैद की सज़ा सुनाई। दो साल सज़ा काटी फतेहगढ़ की जेल में। मार्च 2019 में उसे एक मामले में फिर गाज़ियाबाद कोर्ट में पेश किया गया। पेशी के बाद पुलिस उसे वापस फतेहगढ़ ले जा रही थी।
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28 मार्च, 2019 का दिन था। शातिर बद्दो ने पेशी के बाद पुलिस को मेरठ के रास्ते होकर चलने के लिए राज़ी कर लिया। पुलिस टीम उसे लेकर मेरठ के मुकुट महल होटल पहुंच। इस होटल में बदन सिंह का भी शेयर था। होटल में पुलिस की जमकर ख़ातिरदारी की गई। खाने के साथ-साथ शराब भी परोसी गई। टीम में शामिल आधा दर्जन पुलिसकर्मी शराब के नशे में धुत हो गए। बद्दो ने मौके का फायदा उठाया और फरार हो गया। पुलिस को तब से उसका कोई सुराग नहीं मिला है। जानकारी है कि बेटे टोनी के साथ बद्दो नेपाल के रास्ते मलयेशिया पहुंच गया है। वो हर महीने मेरठ, दिल्ली और एनसीआर के दूसरे इलाकों के लोगों से बात करता है। बाप-बेटे की तलाश में पुलिस की चार टीमें लगी हैं।
50 साल के बद्दो पर हत्या, जबरन वसूली, अवैध हथियारों की सप्लाई जैसे मामलों में 30 से ज़्यादा केस दर्ज हैं. उस पर 2011 में जिला पंचायत सदस्य संजय गुज्जर की हत्या, 2012 में केबल मैनेजर पवित्र मैत्रेय की हत्या के केस हैं।
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अभी कुछ ही दिन पहले पुलिस ने बद्दो को फरार कराने के आरोप में उसके साथी मुकेश गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। मुकेश गुप्ता अभी तक कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी पर दिए गए स्टे ऑर्डर के आधार पर बचता रहा था। बद्दो लैविश लाइफस्टाइल का शौकीन है। बीएमडब्ल्यू की गाड़ियां, महंगी-महंगी घड़ियां, हॉलीवुड फिल्में, महंगी ब्रीड के पेट्स का शौक रखता है। बॉडीगार्ड्स रखता है।
फिलहाल बद्दो को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार उसके सहयोगियों की हरकतों पर नज़र रख रही है। उसके विदेश जाने की बात पर मेरठ पुलिस का मानना है कि ये मिसलीड करने की चाल भी हो सकती है।मुमकिन है कि बद्दो ये बताने की कोशिश कर रहा है कि वह विदेश में है, लेकिन असल में वो देश में ही छिपा हो. उसने इस दौरान कई इंटरनेशनल नंबरों से अपने सहयोगियों को कॉल किए, लेकिन ये सभी इंटरनेट कॉल्स थीं।
रिपोर्ट: सुशील कुमार
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