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अलग-अलग प्रदेशों से आ रहे श्रमिक, ऐसे सबको पहुंचाया गया घर
स्पेशल ट्रेनों द्वारा गुजरात के सूरत और पंजाब के जालंधर सहित अन्य प्रदेशों से अब तक तीन खेमों में 2500, 1800, और 1200 श्रमिक आ चुके हैं।
अयोध्या: कोरोना महामारी के बीच तृतीय चरण में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश पर अन्य प्रदेशों में रह रहे श्रमिकों को लाने का सिलसिला शुरू हो गया। जिसमें अब तक फैजाबाद जंक्शन पर लगभग 5000 श्रमिक आ चुके हैं। इन श्रमिकों में अयोध्या जिले के अगल बगल अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर, अमेठी, बस्ती, गोंडा आदि जिलों के श्रमिक शामिल थे।
अलग अलग प्रदेशों से आ रहे श्रमिक
स्पेशल ट्रेनों द्वारा गुजरात के सूरत और पंजाब के जालंधर सहित अन्य प्रदेशों से अब तक तीन खेमों में 2500, 1800, और 1200 श्रमिक आ चुके हैं। इन श्रमिकों के आने पर जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने बड़े पैमाने पर व्यवस्था कराई। जिसमें स्टेशन पर पहुंचने पर तत्काल आने वाले सभी श्रमिकों को डब्बे के अंदर बोगी में ही लंच पैकेट तथा पानी की बोतल उपलब्ध कराया गया। सभी श्रमिकों को भोजन करने के पश्चात सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए उन्हें प्लेटफार्म पर उतरवाया गया।
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तत्पश्चात उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग व थर्मल स्क्रीनिंग कराने के बाद उनका पूरा विवरण जनपद वार बनाए गए काउंटर पर दर्ज किया गया। तत्पश्चात जनपद अयोध्या को छोड़कर अन्य जनपदों के श्रमिक को उनको पहले से आवंटित बसों में 28- 28 की संख्या में बैठा कर पुलिस के साथ रवाना किया कर दिया गया। उस जनपद के जिला मुख्यालय पर बस पहुंचने पर पुलिस द्वारा बसों से भेजे गए श्रमिकों को वहां के जिला प्रशासन के संरक्षण में सुपुर्द कर उस जनपद के जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए श्रमिकों के लिए शासन द्वारा निर्धारित गतिविधियों का आगे संचालन किया जाएगा।
जनपद के सभी श्रमिकों को जाँच के बाद भेजा गया उनके घर
जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा के निर्देश पर जनपद अयोध्या के श्रमिकों को तहसील वार अलग अलग बसों में सवार कर उनके पूर्ण विवरण के साथ तहसीलों में भेजा गया। जहां उप जिलाधिकारी के दिशा निर्देशन में भेजे गए श्रमिकों की पुनः थर्मल स्क्रीनिंग के साथ तहसील में निर्धारित परिसर में ही श्रम विभाग के कर्मचारियों द्वारा प्रत्येक श्रमिकों का पंजीकरण किया गया। तथा श्रमिको द्वारा प्रवासी जनपद में क्या-क्या कार्य किया जाता है और उन्हें किस कार्य में महारत हासिल है, को एक अलग रजिस्टर में दर्ज कर इसका एक बैंक अकाउंट तैयार किया गया।
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जिससे भविष्य में उन्हें उनके कार्यों के हिसाब से किसी कंपनी या किसी व्यापारिक प्रतिष्ठान द्वारा यदि कोई कार्य हाथ में लिया जाता है उसमे उन्हें लगाया जाए। इसी के साथ थर्मल स्क्रीनिंग में स्वस्थ पाए गए सभी श्रमिकों को 14 दिन के राशन किट के साथ उन्हें होम क्वारंटाइन के लिए संबंधित ग्रामों में भेजा गया। होम क्वारंटाइन किए गए सभी श्रमिकों का डाटा जनपद के कंट्रोल रूम में उपलब्ध रहेगा।
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जहां से प्रतिदिन उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की जाएगी। यदि कोई श्रमिक के अंदर किसी प्रकार की बीमारी का कोई लक्षण प्रकट होता है। तो उन्हें तत्काल आइसोलेशन या क्वारंटाइन फैसिलिटी सेंटर में भेजा जाएगा। होम क्वारंटाइन किए गए सभी श्रमिकों की सतत निगरानी हेतु ग्राम निगरानी समिति गठित की गई है। जो प्रतिदिन उनके स्वास्थ्य के के बारे में पूछेगी और रिपोर्ट कंट्रोल को देगी।
नाथ बख्श सिंह