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15 अप्रैल तक के सभी कोविड-19 मरीज डिस्चार्ज, रिकवरी रेट 62 फीसद
नोएडा में कोरोना वायरस फैले हुए दो महीने से अधिक हो चुके है। कोविड-19 के संक्रमण का पहला मामला 8 मार्च 2०2० को सामने आया था। सोमवार को इस महामारी से संघर्ष का 65 वां रहा।
नोएडा: नोएडा में कोरोना फैले हुए दो महीने से अधिक हो चुके है। कोविड-19 के संक्रमण का पहला मामला 8 मार्च 2०2० को सामने आया था। सोमवार को इस महामारी से संघर्ष का 65 वां दिन था। अब तक जिले में दो लोगों की मौत भी हो चुकी हैं। लेकिन इस सबके बावजूद नोएडा में कोरोना संक्रमण के खिलाफ तीन महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। जिले के अस्पतालों ने संक्रमित मरीजों को स्वस्थ करने का रिकवरी रेट गिरने नहीं दिया। 15 अप्रैल तक भर्ती सभी कोरोना मरीज इलाज के बाद डिस्चार्ज किए गए है। प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में सरकारी अस्पतालों पर लोगों का भरोसा बढ़ा है।
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15 अप्रैल तक के भर्ती सभी मरीज हुए डिस्चार्ज
जनपद में मरीजों को ट्रीटमेंट देने की प्रक्रिया डॉक्टरों ने सही ढंग से अपनाई। इसका असर यह रहा कि मरीज तेजी से ठीक हुए। कई मरीज तो महज चार-पांच दिनों में ठीक होकर अपने घर लौट गए। 8०-85 साल के बुजुर्ग मरीज भी 14 से 21 दिनों में ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए हैं। जिसका फायदा यह मिला की पिछले 65 दिनों में अधिकांश दिन ऐसे रहे, जब बीमार मरीजों की संख्या ठीक होने वाले मरीजों के मुकाबले कम रही है। जिला प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई कि कोरोना वायरस के मरीज जिन्हें 15 अप्रैल तक भर्ती कराया गया था, वे सभी ठीक हो चुके हैं। उनको डिस्चार्ज किया जा चुका है।
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रिकवरी रेट पर डॉक्टरों ने लगातार रखी बढ़त
नोएडा में 8 मार्च से संक्रमण की शुरुआत हुई और बीमार पड़ने वालों की संख्या लगातार बढ़ती चली गई। अब तक 224 लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। लेकिन 135 लोग ठीक होकर अपने घर भी जा चुके हैं। इस तरह मौजूदा रिकवरी रेट करीब 62 फीसदी है। यानी अब तक जितने लोग बीमार पड़े उनमें से 62 फीसदी ठीक होकर अपने घर चले गए हैं। इसकी शुरुआत 21 अप्रैल से हुई। जब गौतम बुद्ध नगर जिला देश में रिकवरी रेट के मामले में अव्वल था।
प्राइवेट से अधिक सरकारी अस्पतालों पर लोगों का बढ़ा भरोसा
मेडिकल पर्यटन के नाम से मशहूर नोएडा में निजी अस्पताल बहुत बड़ी संख्या में है। बावजूद इसके कोविड-19 के इलाज ने लोगों के मन में सरकारी अस्पतालों का भरोसा बढ़ा दिया। यही वजह है कि ग्रेटर नोएडा के शारदा मेडिकल कॉलेज ने तो रविवार को एक साथ 15 मरीजों को ठीक करके उनके घर भेजा था। शारदा अस्पताल से अब तक 49 मरीज ठीक हो चुके हैं और अभी वहां 56 मरीज भर्ती हैं।
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शारदा अस्पताल में कोविड-19 का आइसोलेशन वार्ड बनाने का फैसला गौतम बुद्ध नगर जिले के लिए बड़ा फायदेमंद साबित हुआ है। दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) ने पहले दिन से लेकर अब तक कोरोनावायरस के खिलाफ मजबूत जंग लड़ी है। हालांकि, जिम्स में 2 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। जिम्स से अब तक 38 मरीज ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं। नोएडा के सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड अस्पताल से भी मरीज लगातार ठीक होकर घर जा रहे हैं।
कोविड-19 के बड़े फेरबदल
इस बीच जिले में कई बड़े उतार-चढ़ाव आए। यहां तक कि गौतम बुद्ध नगर के सबसे लंबे कार्यकाल वाले जिलाधिकारी को हटा दिया गया। दो मुख्य चिकित्सा अधिकारी का तबादला भी किया गया।
रिपोर्ट- दीपांकर जैन
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