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आयुक्त ने खतरनाक कीट से गन्ना बचाने के बताए उपाय, दिए ये निर्देश

प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने गन्ने की फसल में लगने वाले पायरिला कीट की रोकथाम के लिये विभागीय अधिकारियों से सभी...

Ashiki
Published on: 12 May 2020 9:37 PM IST
आयुक्त ने खतरनाक कीट से गन्ना बचाने के बताए उपाय, दिए ये निर्देश
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लखनऊ: प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने गन्ने की फसल में लगने वाले पायरिला कीट की रोकथाम के लिये विभागीय अधिकारियों से सभी गन्ना जनपदों में स्थलीय निरीक्षण करने और उ.प्र. गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिकों द्वारा पायरिला कीट की जांच करायी जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर पायरिला कीट का प्रकोप पाया जाता है तो उसकी रोकथाम की उचित व्यवस्था की जाए।

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बताई ये विधि

गन्ना आयुक्त ने मंगलवार को विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि जिन खेतों में पायरिला के प्राकृतिक शत्रु की संख्या नगण्य है, वहां उ.प्र. गन्ना शोध परिषद की संस्तुति के अनुरूप चीनी मिलों द्वारा पावर स्प्रेयर से वृहद स्तर पर सुरक्षात्मक कीटनाशी इमिडाक्लोरोपिड 150-200 मि.ली. अथवा प्रोफेनोफास 750 मि.ली. को 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कराया जाए।

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दिए ये निर्देश

इसके साथ ही गन्ना कृषकों को पायरिला कीट से प्रभावित खेतों में तुरन्त सिंचाई व निराई कर के खेत में सफाई रखने के लिए सुझाव दिये जायें, जिससे कि परजीवी कीट इपीरिकेनिया मेलैनोल्यूका ककून का तेजी से खात्मा हो सके। जिन क्षेत्रों में पायरिला का प्रकोप ज्यादा है उन क्षेत्रों का विशेष ध्यान देते हुए उसकी तुरन्त रोकथाम के लिए उ.प्र. गन्ना शोध परिषद से तत्काल सम्पर्क स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

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और बताए ये उपाय

उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों में पायरिला कीट का प्रकोप देखा जा रहा है। पायरिला कीट गन्ने की फसल हेतु एक अभिशाप है इसके प्रकोप को रोकना अतिआवश्यक है, चूंकि वर्तमान समय में वातावरण में नमी अधिक है और तापक्रम में भी दिन-प्रतिदिन अत्यधिक उतार-चढ़ाव है। यह स्थिति पायरिला प्रकोप के लिए अनुकूल परिस्थितियां है। गन्ना आयुक्त पायरिला कीट से प्रभावित क्षेत्रों में सघन अभियान चलाकर किसानों से जनसम्पर्क करके जागरूकता गोष्ठियां कराने, एसएमएस भेजकर और प्रचार साहित्य द्वारा परभक्षी कीट, अण्ड परजीवी एवं निम्फ परजीवी इपीरिकेनिया के बारे में बताया जाय तथा बचाव के उपायों के सम्बन्ध में जागरूक करते हुए प्राकृतिक नियन्त्रण पर जोर दिया जाय। उन्होंने इन सभी कार्यों में भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के संबंध में जारी सोशल एवं फिजिकल डिस्टेसिंग का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाय।

रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव

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