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‘ऊटी’ ज़िंदगी में एक बार जरूर जाएँ
भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में शुमार ऊटी किसी स्वर्ग से कम नही है। यह जगह कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों की सीमा पर स्थित है, यह तमिलनाडु के नीलीगिरी जिले में एक छोटा सा शहर है जहां एक लाख से भी कम लोग निवास करते हैं। लेकिन इसकी खूबसूरती लोगों को दूर दूर से खींच लाती है।
शाश्वत मिश्रा
ऊटी: भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में शुमार ऊटी किसी स्वर्ग से कम नही है। यह जगह कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों की सीमा पर स्थित है, यह तमिलनाडु के नीलीगिरी जिले में एक छोटा सा शहर है जहां एक लाख से भी कम लोग निवास करते हैं। लेकिन इसकी खूबसूरती लोगों को दूर दूर से खींच लाती है। यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय मई से लेकर अक्टूबर तक का होता है, क्योंकि ठंड में यहाँ का तापमान 0 डिग्री से भी नीचे चला जाता है जिससे यहाँ पर लोगों को रहने में भी दिक्कत होती है।
इन सबसे इतर अगर आप घूमने के शौकीन हैं या आपको पहाड़ों को देखने की चाहत है और ठंडी जगह आपकी आँखों को सुकून व शरीर में एक अलग तरह का एडवेंचर पैदा करती है तो ऊटी जाना आपके लिए सबसे सही साबित हो सकता है।
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ऊटी झील: इस झील का निर्माण ब्रिटिश शासन के समय कोयंबतूर के कलेक्टर जॉन सुलीवान ने 1824-25 में करवाया था। ये एक आर्टिफिसियल अथवा मानव निर्मित झील है। यह झील तमिलनाडु टूरिज़्म डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के अधीन है, जिसका अधिकार इसने टूरिज़्म डिपार्टमेंट से 1973 में पाया था। ढाई किमी लंबी इस झील का एरिया लगभग 65 एकड़ का है। झील के चारों ओर फूलों की क्यारियों में तरह-तरह के रंगबिरंगे फूल यहां की ख़ूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। झील में मोटर बोट, पैडल बोट और रो बोट्स में बोटिंग का लुत्फ भी उठाया जा सकता है। जो विजिटर्स को बोटिंग का मजा देते है। यहाँ मई के महीने में होने वाली बोट रेस भी प्रसिध्द है। इस झील को देखने के लिए सालाना लाखों पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
बॉटनिकल गार्डेन: इसका निर्माण उटकमंडलम(ऊटी) में 1848 में किया गया था। जिसके आर्किटेक्ट विलियम ग्राहम म्क्लोवर थे। यह उद्यान अपनी प्राचीन वनस्पतियों के लिए प्रसिध्द है। इस जगह को घूमने के लिए आप बारिश के अलावा अन्य कोई भी समय का चयन कर सकते है। इस उद्यान की रखवाली तमिलनाडु हॉर्टिकल्चर सोसाइटी द्वारा की जाती है। यहाँ घूमने आने वालों को देखने के लिए सबसे पहले यही जगह सजेस्ट की जाती है, और यह है भी इतना सुंदर कि हर किसी का मन मोह लेता है। 22 एकड़ में फैले इस गार्डन में लगभग 650 दुर्लभ किस्म के पेड़-पौधों हैं। इसके अलावा रंगबिरंगे लिली के फूल, खूबसूरत झाड़ियां व 2000 हजार साल पुराने पेड़ के अवशेष देखने को मिलते हैं। मई के महीने में यहां एक महोत्सव का आयोजन होता है, इस महोत्सव में फूलों की प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें स्थानीय प्रसिद्ध कलाकार भाग लेते हैं। यह जगह फोटोग्राफी के लिए भी उपयुक्त है, लेकिन इस जगह को घूमने के लिए आपको खूब पैदल भ्रमण करना पड़ेगा।
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टी-फ़ैक्टरी: वैसे तो यहाँ ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं होता, परंतु फिर भी इस जगह को घूमना आपको एक नया अनुभव देता है। यहाँ से आती चाय की खुशबू भी आपका मन मोह लेती है। यहाँ मशीनों द्वारा चाय को बनता और पैक होते देखना आपके और बच्चों के लिए एक अलग अनुभव रहेगा। यहाँ पर से आप चाय खरीद भी सकते है, और यहाँ फ्रेश पत्तियों से बनी ग्रीन टी भी उपलब्ध होती है, जिसकी खुशबू भी मन मोहने वाली होती है।
डोडाबेट्टा चोटी(Doddabetta peak) : इसकी ऊंचाई लगभग 8650 फीट है, और यह साउथ इंडिया की सबसे ऊँची चोटी है। यह ट्रेकिंग के लिए आकर्षण का केंद्र है, साथ ही यहाँ फोटो सेशन के लिए भी अच्छे पॉइंट्स है। जब आप यहाँ पहूँच जाते है, तो आप यहाँ से घाटियों के सुंदर नजारो का लुफ्त उठा सकते है।
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रोज गार्डेन(Rose garden) : यह भारत का सबसे बड़ा रोज़ गार्डन है। यह गार्डन समुद्र तट से 2200 मीटर की ऊचाई पर एल्क पहाड़ी की ढलान पर स्थित है। यहाँ आप अलग अलग प्रकार के कई तरह के गुलाबों की प्रजातीय देख सकते है, यहाँ लगभग 20000 तरह के गुलाब मौजूद है।
स्टोन हाउस (stone house): सन 1822 में बना हुआ ब्रिटिश गवर्नर जॉन सुलीवान का यह बंगला ऊटी में बना हुआ पहला बंगला है। आज के समय में यह ऊटी में स्थित गवर्नमेंट आर्ट कॉलेज के प्रिन्सिपल के निवास के रूप में जाना जाता है।
ऊटी माउंटेन रेलवे (ooty mountain railway) : ऊटी में मौजूद यह रेल्वे 1908 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाया गया था। यहाँ ट्रेन आज भी पुराने तरीके के अनुसार भाप के इंजन द्वारा ही चलती है।
स्टीफेंस चर्च(Stephens church): यह चर्च 19 वी शताब्दी में बना हुआ नीलगिरी के प्राचीन चर्च में से एक है। यहाँ आप हमारे देश की प्राचीन कला को देख सकते है।
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डियर पार्क(Deer park) : ऊटी में यह पार्क भारत के प्रमुख चिड़ियाघर में से एक है। यहाँ पर्यटक हिरणो की विभिन्न प्रजातियों के साथ कई अन्य जानवरों और पक्षीयों को भी देख सकते है।
मदुमलाई वन्यजीव अभ्यारण (Mudumalai national park): यह ऊटी से लगभग 67 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और टाइगर रिजर्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ कई सारे जंगली जीवों और पक्षियों का घर भी है। कई सारे हाथी, सांभर, चीतल, हिरण टाइगर भी यहाँ आसानी से देखे जा सकते है।
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अवलांचे झील(Avalanche lake): ऊटी से 28 किलोमीटर की दूरी पर यह झील स्थित है, और यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं। आप चाहे तो यहाँ फिशिंग का भी लुफ्त उठा सकते है, यही पास ही में फिशिंग के लिए उपयोगी सामान भी उपलब्ध हो जाते है।