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कोरोना संकट में जनप्रतिनिध नहीं ले रहे जनता की सुध? लोगों ने बताई परेशानी

कोरोना महामारी की वजह से देश में लाॅकडाउन है लाॅकडाउन की वजह से कामगारों के सामने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाना मुश्किल हो गया है। इस वजह से रोज कमाने खाने वालों के सामने संकट उत्पन्न हो गया हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 21 April 2020 4:41 AM GMT
कोरोना संकट में जनप्रतिनिध नहीं ले रहे जनता की सुध? लोगों ने बताई परेशानी
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गाजीपुर: कोरोना महामारी की वजह से देश में लाॅकडाउन है लाॅकडाउन की वजह से कामगारों के सामने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाना मुश्किल हो गया है। इस वजह से रोज कमाने खाने वालों के सामने संकट उत्पन्न हो गया हैं। ऐसे ही लोग अपने जनप्रतिनिधियों को उम्मीद की किरण से देख रहें हैं। आप हम आपको आज उत्तर प्रदेश के जहुराबाद विधानसभा क्षेत्र जहां से भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और लोकसभा क्षेत्र बलिया जहां बीजेपी के वीरेंद्र सिंह मस्त सांसद है के मजदूरों की परेशानियों से अवगत कराएंगे।

संकट की घड़ी में जनप्रतिनिध नहीं ले रहे सुध

जहुंराबाद विधानसभा के कुछ गांव चकिया बाराचवर, माटां व गोसलपुर के असहाय ग्रामीणों ने बताया कि इस समय दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाना मुश्किल हो गया है। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं को छोड़ किसी भी प्रतिनिधि से कोई सहायता नहीं मिली है।

ग्रामीणों का विधायक पर आरोप

जहुंराबाद विधानसभा के बाराचवर गांव निवासी मोहम्मद सोएब कहते हैं कि हमारे पास खेती के लिए 1 इंच भी जमीन नहीं हैं। महामारी आने से पहले घरों का रंगाई पुताई कर परिवार का पालन पोषण कर लेता था। एक सवाल के जवाब में शोएब ने कहां कि कोटे से जो चावल मिलता हैं उसी से इस समय गुजर हो रहा है। शोएब ने कहा कि विधायक जी या सांसद जी के तरफ से कोई भी सहायता नहीं मिली है। इसी गांव के लरी गोंड ने कहा कि साहब हम रोज कमाई ना और रोज खाइंना हमारा पास जमीन नईखे रहें खातिर एगो।मड़ई बा लेकिन ऐसा रोग आईल बा एकरा वजहं से कौनो काम नईखे उन्होंने आगे कहां कि विधायक जी से भी कुछ नईखे मिलत।

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फरिश्ता बने सामाजिक कार्यकर्ता

इस महामारी में बेसहारा लोगों के लिए कुछ सामाजिक कार्यकर्ता बेसहारा लोगों के लिए फरिश्ता साबित हो रहें हैं। कुछ बेसहारा ग्रामीणों का कहना है कि विधायक और सांसद की तरफ से कोई भी सहायता अभी तक नहीं मिली हैं, लेकिन हम लोगों के लिए कुछ सामाजिक कार्यकर्ता ही किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। जिनकी वजह से इस मुसीबत की घड़ी में दो वक्त की रोटी मिल रही है।

'क्षेत्र में नहीं आते विधायक जी'

जहुराबाद विधानसभा क्षेत्र के बाराचवर ब्लॉक के कुछ ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने कहां कि सांसद जी हों या विधायक जी कोई भी चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र का दौरा नहीं किया। इस आपदा की घड़ी में किसी भी जनप्रतिनिधि के तरफ से गरीबों असहाय लोगों के लिए कोई भी सहायता उपलब्ध नहीं कराया गया हैं। इस बाबत जब अपना भारत और Newstrack के संवाददाता ने विधायक से फोन पर बात करना चाहा तो विधायक ने फोन नहीं उठाया।

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भारतीय समाज पार्टी ने कहा- जरूरतमंदों को दिया जा रहा है राशन

भारतीय समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष व विधायक के प्रतिनिधि राम जी राजभर ने सारे आरोपों को खारिज करते हुए कहां कि विधायक जी बाराचवर में बनवासी व बसफोर बस्तियों में डेढ़ सौ पैकेट राशन वितरण किया है और ऐसे जरूरतमंदों के लिए आगे हमारा अभियान चल रहां हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विरोधियों का काम हैं भड़काना। विधायक जी विधायक निधि से खरंजा व इंटरलॉकिंग का कार्य कराया है। किस-किस को ले जाकर काम दिखाया जाए कुछ अंधभक्त हैं जो कहं रहें हैं, कहां हुआ है। सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बद्दोपुर चकिया गाव में मैंने जायजा लिया। लेकिन उस गांव में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो भूखां है। हम लगातार तत्पर हैं ऐसे लोगों को लगातार राशन उपलब्ध कराया जा रहां हैं जो इस संकट की घड़ी में दो वक्त खाने का जुगाड़ नहीं कर पा रहे हैं।

बलिया से बीजेपी के सांसद प्रतिनिधि ने कहा कि सांसद जी ने अपना एक महीने का तनख्वाह दिया है और 36 लाख अलग से शासन को दिया है। शासन अपना पॉलिसी बनाकर मदद कर रहा है। एक सवाल के जवाब में कहां कि अलग से करने पर अफरा तफरी मच जाएगी। अगर हम लोग राशन बाटें तो भीड़ हो जाएगी और लॉकडाउन का उल्लंघन होगा। अगर क्षेत्र का दौरा करेंगे तो भी लॉकडाउन का उल्लंघन होगा, क्योंकि जनप्रतिनिधि होने के नाते काफी संख्या में लोग इकट्ठा हो जाएंगे ।कार्यकर्ताओं के माध्यम से जनमानस में सूचना दे दिया गया हैं, जिनके पास खाने के लिए राशन नहीं है। कार्यकर्ताओं के माध्यम से संपर्क करें तुरंत सहायता किया जाएगा।

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पूर्व मंत्री सदा फातिमा ने नहीं उठाया फोन

जहुराबाद विधानसभा के पूर्व विधायक व मंत्री शादाब फातिमा से पत्रकार ने बात करना चाहा तो बार-बार फोन करने पर भी फोन उठाने का कष्ट नहीं किया। क्या इनके प्रति अपने क्षेत्रीय जनता के लिए इस संकट के दौर में कुशल जानने का कर्तव्य नहीं बनता है? क्षेत्रीय जनता ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री शादाब फातिमा जो मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर हैं। इस महामारी में अपने कार्यकर्ताओं के द्वारा हाल जानने का कष्ट नहीं किया। ग्रामीणों ने कहां कि जब चुनाव आता हैं तभी हम लोग जनप्रतिनिधियों को याद आते हैं।

रिपोर्ट: रजनीश मिश्रा

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