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पुलिस का गुंडा राज: नाबालिक को बेवजह पीटा, अपने गुस्से का बनाया शिकार

13 वर्षीय सुमित अपनी मां ऊषा शर्मा के साथ कृष्णा टाकिज रोड पर सड़क किनारे एक खोखे में कुछ सामान रख कर पटरी दुकान चलाकर अपना व अपनी मां का जीवन यापन करता है।

Newstrack
Published on: 19 July 2020 12:05 PM GMT
पुलिस का गुंडा राज: नाबालिक को बेवजह पीटा, अपने गुस्से का बनाया शिकार
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लखीमपुर:'अमीरो पर करम, गरीबों पर सितम, ऐ खीरी पुलिस ये जुल्म न कर" यह लाइने लखीमपुर जिले सदर कोतवाली की संकटा देवी चैकी पुलिस पर एकदम सटीक बैठती हैं। शनिवार को संकटा देवी चैकी पुलिस ने एक ऐसे नाबालिक किशोर को पकड़ लिया, जो अपनी मां के साथ एक खोखे में छोटी सी पटरी दुकान चलाकर एवं वहीं पर रहकर खुद का व अपनी मां का जीवन गुजर बसर करता है। पुलिस उसे पकड़कर चैकी पर ले गई, जहां मौजूद चैकी इंचार्ज ने भी लाॅक डाउन का पालन न करने के नाम पर उसकी जमकर पिटाई कर वाह-वाही लूट ली। जबकि चंद कदम की दूरी पर ही एक दुकान पर भारी भरकम ट्रक से माल उतारा जा रहा था, शायद पुलिस की नजर उस जगह पर नही गई।

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ये है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार 13 वर्षीय सुमित अपनी मां ऊषा शर्मा के साथ कृष्णा टाकिज रोड पर सड़क किनारे एक खोखे में कुछ सामान रख कर पटरी दुकान चलाकर अपना व अपनी मां का जीवन यापन करता है। उसने बताया कि वह अपनी मां के साथ खोखे में ही खाना आदि बनाकर दिन भर यहीं रहता है। शनिवार को वह खोखे का ऊपर का पल्ला थोड़ा सा खोलकर बैठा था।

बताया कि उधर से एक पुलिसकर्मी कृष्णा टाॅकिज की ओर जाते समय उससे खोखा बंद करने की बात कहकर चला गया। जिसपर सुमित ने खोखे का पल्ला गिरा दिया, लेकिन जब वह पुलिसकर्मी वापस लौटा तो वह उसके पास आया और बोला कि तुमने इसमें ताला क्यों नही लगाया है। इस पर उसकी मां ने कहा कि हम लोग यहीं रहते हैं, आप की बात समझ नही पाए कि ताला भी लगाना है, लेकिन सिपाही ने रौब दिखाते हुए नाबालिक सुमित को मोटर साइकिल पर बैठा लिया और चैकी पर ले गए।

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चैकी इंचार्ज ने भी दिया साथ

वहां मौजूद चैकी इंचार्ज ने भी सुमित को समझाने के बजाए उसे मारना शुरू कर दिया। सुमित का आरोप है कि साहब ने उसके पैरों पर लातों से मारा तब भी जी न भरा तो उसके कान पर मुक्का जड़ दिया। जिससे उसके कान से खून भी निकल आया था। इधर मां ने जबतक आस-पास के लोगों से विनती की तो कुछ लोगों ने जाकर चैकी से सुमित को छुड़ाकर वापस घर भेजा। ऊषा शर्मा ने रोते हुए बताया कि उसका पति शराबी है और वह घर पर कुछ भी खर्चा नही देता है। जिसके कारण वह अपने पुत्र के साथ ही दुकान चलाकर अपना गुजारा करते हैं। विचारणीय प्रश्न यह है कि जहां शासन उच्च अधिकारियों के माध्यम से मित्र पुलिस का नारा दे रहा है।

प्रभारी निरीक्षक ने दिया जवाब

वहीं क्या एक 13 वर्षीय बालक जिसनेे कोई बहुत बड़ा अपराध भी नही किया गया था, उसे समझाकर या चेतावनी देकर भी नही छोड़ा जाना चाहिए था या फिर उस बालक की पिटाई करना चैकी इंचार्ज का कितना सही कदम है। इस संबंध में जब संकटा देवी चैकी इंचार्ज संतोष कुमार राय के मोबाइल पर सम्पर्क किया गया तो वह स्विच आॅफ मिला। वहीं इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार मिश्रा से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में ऐसी कोई घटना नही है, आप द्वारा ही मुझे बताया जा रहा है।

रिपोर्टर- शरद अवस्थी, लखीमपुर

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