TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

फर्जी टीचर अनामिका की तलाश में जुटी पुलिस, इस बड़ी साजिश की आशंका

बेसिक शिक्षा विभाग के लिए अबूझ पहेली बनी जिले के रामनगर विकास खण्ड में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत कथित अनामिका शुक्ला की तलाश में पुलिस जुट गई है।

Ashiki
Published on: 11 Jun 2020 7:15 PM IST
फर्जी टीचर अनामिका की तलाश में जुटी पुलिस, इस बड़ी साजिश की आशंका
X
anamika shukla

अम्बेडकर नगर: बेसिक शिक्षा विभाग के लिए अबूझ पहेली बनी जिले के रामनगर विकास खण्ड में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत कथित अनामिका शुक्ला की तलाश में पुलिस जुट गई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार सिंह ने गत छः जून को इस फर्जीवाड़े के मामले में आलापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है। यहां कार्यरत अनामिका ने अपना पता मैनपुरी जिले के ग्राम व पोस्ट जोगा बेवर लिखवाया है।

ये भी पढ़ें: आ गया इलेक्ट्रिक स्कूटर: दूर होगी पेट्रोल की समस्या, कमाल के हैं फीचर्स

त्याग पत्र के पीछे दिखाया था पति की मौत का कारण

आठ मार्च 2019 से विज्ञान विषय की पूर्णकालिक शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही कथित अनामिका ने 17 मार्च को वार्डन के व्हाटसप पर अपना त्यागपत्र भेजा था। इसमें त्यागपत्र देने का कारण पति का देहांत हो जाना बताया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि विद्यालय के रजिस्टर पर कथित अनामिका द्वारा हिन्दी में हस्ताक्षर किये जाते थे जबकि त्यागपत्र पर उसने अंग्रेजी में हस्ताक्षर किये हैं। समझा जाता है कि इसके पीछे भी उसकी कोई चाल रही होगी। मामला दब जाने पर वह अंग्रेजी व हिन्दी के हस्ताक्षर का मामला उठाकर वह पुनः सेवा में आने का प्रयास कर सकती थी।

कथित अनामिका कथित अनामिका

महिला के साथ रहता था उसका बेटा

इस महिला का साहिल नाम का एक लड़का भी स्थानीय श्रीकृष्णा चिल्ड्रेन कालेज में अध्ययनरत था। अधिकारियों द्वारा लगातार उससे मूल अभिलेख मांगे जा रहे थे लेकिन वह उसे उपलब्ध नही करा रही थी। प्रश्न यह उठता है कि काउन्सिलिंग के दौरान अधिकारियों ने उसका कौन सा अभिलेख देखा था। या तो वह अधिकारियों को भी गच्चा दे गयी या जानबूझ कर मूल अभिलेखों को देखने से दरकिनार किया गया।

ये भी पढ़ें: भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को कोर्ट से तगड़ा झटका, अभी और बढ़ेंगी मुश्किलें

विभागीय संलिप्तता की भी आ रही बू

विभागीय सूत्रों के अनुसार 19 मार्च से निष्ठा का प्रशिक्षण होना था जिसके लिए प्रेरणा ऐप डाउनलोड करना आवश्यक था। इस ऐप के डाउनलोड करने से वह पकड़ में आ सकती थी लेकिन इसके पूर्व ही उसने 17 मार्च को अपना त्याग पत्र दे दिया। उसके जिस खाते में मानदेय की धनराशि जा रही थी उसका खाता पीएनबी बुलन्दशहर में था जबकि नियमतः कार्य करने वाले जिले में ही खाता होना अनिवार्य है। ऐसी स्थिति में उसके बुलन्दशहर के खाते में भुगतान क्यों और कैसे किया गया था।

यदि मामले की गहराई से जांच की जायेगी तो विभागीय संलिप्तता की बात निश्चित रूप से सामने आ सकती है। प्रकरण की विवेचना कर रहे लल्लन यादव ने बताया कि पूरे प्रकरण से जल्द ही पर्दा उठ जायेगा।

रिपोर्ट: मनीष मिश्रा

ये भी पढ़ें: भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को कोर्ट से तगड़ा झटका, अभी और बढ़ेंगी मुश्किलें



\
Ashiki

Ashiki

Next Story