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UP में हर्बल सड़कें बनाने की तैयारी तेज, उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि प्रदेश में हर्बल मार्ग बनाने के लिये आगामी पहली जुलाई से 15 जुलाई तक चलेगा विशेष अभियान पर्यावरण संरक्षण चलाया जायेगा।

Ashiki
Published on: 20 Jun 2020 3:46 AM GMT
UP में हर्बल सड़कें बनाने की तैयारी तेज, उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि प्रदेश में हर्बल मार्ग बनाने के लिये आगामी पहली जुलाई से 15 जुलाई तक चलेगा विशेष अभियान पर्यावरण संरक्षण चलाया जायेगा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के उच्चाधिकारियों को को निर्देश दिये हैं कि इसके लिये वह पहले से ही कार्ययोजना व रूपरेखा तैयार कर लें। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जिन सड़कों के किनारे हर्बल पौधों को लगाया जाना है, उन सड़कों का चिन्हांकन व गड्ढ़े आदि खोदने तथा पौधों की उपलब्धता समय से सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही सारी तैयारियां पूरी कर ली जाएं।

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25 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य

उन्होंने शुक्रवार को कहा कि पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिये इस वर्ष प्रदेश में 25 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होने लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम व राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वह इस वृक्षारोपण अभियान में भी बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता निभायें तथा सौंपे गये दायित्वों का निर्वाहन करें। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि लोक निर्माण विभाग, राजकीय निर्माण निगम की जहां पर खाली भूमि हो, वहां पर भी वृहद वृक्षारोपण किया जाय।

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इसलिए हर्बल रोड का नाम दिया गया

हर्बल रोड के बारे में उन्होने निर्देश दिये हैं कि सड़कों का चयन करते हुये यथासम्भव सड़कों के दोनों ओर हर्बल पौधे जैसे-आंवला, पीपल, नीम, सहजन और जामुन आदि प्रजातियों के पौधे लगाये जायें। बता दे कि जिन मार्गों के किनारे हर्बल पौधों को लगाया जाता है, उन्हे लोक निर्माण विभाग द्वारा हर्बल रोड का नाम दिया गया है। मौर्य ने सड़कों के किनारे पनकटे जल्दी से जल्दी बनाने के निर्देश दिये हैं ताकि पानी गिरते ही पनकटों के माध्यम से सड़क का पानी नीचे चला जाय, इससे मार्ग क्षतिग्रस्त होने से बचेंगे।

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उपमुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जो भी पौधे लगाये जायं, उनकी सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध किये जायं, विभागीय मैनपावर जैसे मेटों, बेलदारों आदि को इनकी सुरक्षा व संरक्षण में लगाया जाय तथा अधिकारी भी समय-समय पर हर्बल रोडों का निरीक्षण करते हुये पौधों की देखभाल के लिए किये गये इंतजामों का जायजा लें और पौधों की सुरक्षा के लिये यथावश्यक कार्यवाही भी करेंगे। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि वर्षा का पानी बेकार न जाने पाये, इसलिये सड़कों के किनारे वाॅटर रिचार्जिग के भी इंतजाम किये जायें।

इस दिन से हुई शुरुआत

गौरतलब है कि हर्बल मार्गों की शुरूआत 15 अगस्त 2018 (स्वतंत्रता दिवस) के अवसर पर की गयी थी। लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गत वर्ष 65 जिलों में 69 हर्बल रोडों, जिनकी लम्बाई 493 किमी0 है, में 22121 हर्बल पौधे इस योजना में लगाये गये हैं। उपमुख्यमंत्री ने आम जनमानस से अपील की है कि प्रदेश के पर्यावरण को संतुलित रखने के लिये बारिश के दौरान खाली जगहों पर अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें तथा सरकार द्वारा चलाये जा रहे वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने के लिये अपना सहयोग प्रदान करें।

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