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ये हैं सीओ अर्चना सिंह, जिन पर लगा प्रियंका का गला दबाने का आरोप
बीते शनिवार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पुलिस के बीच हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी की, वहीं एक महिला पुलिस कर्मी ने प्रियंका के साथ हाथापाई की।
लखनऊ: बीते शनिवार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पुलिस के बीच हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी की, वहीं एक महिला पुलिस कर्मी ने प्रियंका के साथ हाथापाई की। हालाँकि इस प्रकरण का वीडियो सामने आने के बाद मारपीट की बात झूठ निकली। राजधानी के एसएसपी कलानिधि नैथानी नेभी महिला पुलिसकर्मी के समर्थन में स्पष्टीकरण दिया। बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम के बाद महिला पुलिसकर्मी ट्वीटर पर ट्रेंड करने लगी। इस महिला पुलिसकर्मी का नाम है अर्चना सिंह (CO Archana singh)...
राजधानी लखनऊ में वीवीआईपी ड्यूटी पर तैनात सीओ अर्चना सिंह आज कल मीडिया में छाई हुई हैं। राजनीतिक दलों की सियासी उठापटक में यूपी पुलिस की यह पीपीएस अफसर 'मर्दानी' बन कर सामने आई। हालाँकि उनपर गंभीर आरोप लगे हैं लेकिन ड्यूटी का फर्ज निभा रहीं सीओ अर्चना सिंह के समर्थन में एसएसपी कलानिधि के साथ पुलिस विभाग खड़ा हो गया है।
कौन हैं सीओ अर्चना सिंह :
डॉ. अर्चना सिंह 2008 बैच की पीपीएस अफसर हैं, जो की वर्तमान में लखनऊ में बतौर सर्किल ऑफिसर तैनात हैं। डॉ. अर्चना सिंह मूलतः बस्ती की रहने वाली है। पति प्रमोद सिंह प्रोफेसर हैं। वहीं परिवार में एक बेटा और बेटी है। अर्चना सिंह वीआईपी ड्यूटी पर तैनात हैं।
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चचेरे भाई की मौत के बाद भी निभाती रहीं ड्यूटी का फर्ज:
बीते दिन सीओ के चहेरे भाई की मौत हो गई थी। इस दौरान वह ड्यूटी पर थी और जानकारी के बाद अपने आलाधिकारी से छुट्टी मांगने के लिए जा रही थीं। हालाँकि प्रियंका गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हंगामे के बाद उन्हें छुट्टी न मिल सकी। और अपनी वर्दी का फर्ज निभाते हुए सीओ अपनी ड्यूटी करती रहीं।
यह हैं पूरा मामला:
दरअसल, प्रियंका गांधी बीते दिन नागरिकता कानून के विरोध के चलते गिरफ्तार किए गए रिटायर्ड आईजी एसआर दारापुरी से मिलने के लिए जा रही थी। इस दौरान उन्हें पुलिसकर्मियों ने रास्ते में रोक दिया। पुलिस ने प्रियंका को निर्धारित रास्ते पर न जाने के चलते रोका। प्रियंका गांधी की गाड़ी निर्धारित मार्ग पर न जाकर लोहिया पथ की तरफ जा रही थी।
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सीओ के मुताबिक़, सुरक्षा के लिहाज से उन्हें रोका गया और जानकारी मांगी गयी, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जानकारी देने से इंकार कर दिया गया। इसके बाद प्रियंका गांधी गाड़ी से उतरकर पैदल कार्यकर्ताओं के साथ चलने लगीं। सीओ ने कहा, 'मैंने बस अपनी ड्यूटी का निर्वहन किया।'
मामले में प्रियंका का आरोप है कि पुलिस द्वारा उन्हें रोकने का प्रयास किया गया। जब वे पैदल चलने लगीं तो एक महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें धक्कर देकर गिरा दिया और गला दबाया। हालांकि बाद में प्रियंका गला दबाने वाली बयान से पलट गईं। उन्होंने गला दबाने की जगह गले पर हाथ लगाने की बात कही।