×

सरकार के दावों पर उठा सवाल, मजदूरों ने कही ये बड़ी बात

जिले के कई स्टेशनों जैसे जौनपुर जंक्शन, शाहगंज जंक्शन, सिटी जंक्शन पर होने वाले टिकटो के रिजर्वेशन आंकड़े बताते हैं लाक डाऊन खत्म होने के बाद अभी तक 10 से 15 टिकट महानगरों के लिए बुक हो रहे थे।

Newstrack
Published on: 8 July 2020 1:39 PM GMT
सरकार के दावों पर उठा सवाल, मजदूरों ने कही ये बड़ी बात
X

जौनपुर । कोरोना संक्रमण काल में देश के महानगरों से वापस अपने घरों को आये प्रवासियों का पुनः महानगरों की ओर वापसी ने सरकार के दावों की हवा निकालते हुए एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यहां जनपद में रोजगार की व्यवस्था न होने अथवा कम पारिश्रमिक मिलने से परेशान प्रवासी कोरोना संक्रमण के भय को दरकिनार करते हुए महानगरों की ओर रूख कर दिये हैं। इसकी पुष्टि रेलवे स्टेशनों पर महानगरों के लिए शुरू बुकिंग एवं आरक्षण से हो रहा है।

कोरोना का खौफ नहीं

कोरोना संक्रमण शुरू होने के पश्चात लोग महानगरों में जैसे मुंबई दिल्ली में अपनी-अपनी गृहस्थी छोड़ कर जान बचाने के लिए भाग कर घरों को आ गये। रास्ते के संकटों को झेलने के बाद फिर वापस न लौटने का संकल्प लेते रहे लेकिन जब यहाँ पर रोजगार की व्यवस्था नहीं हो सकी तो पुनः जहां से आये थे वहीं जाने का फैसला लेते हुए टिकट कटाने लगे हैं। मजबूरी में अब उन्हें कोरोना का खौफ नहीं है। ऐसे कई प्रवासीयों से बात करने उनका कहना है कि लॉकडाऊन में भूखे रहने की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। यहां पर न तो काम मिला नहीं इतनी मजदूरी ही मिल रही है कि परिवार का पेट पाला जा सके।

सॉरी मम्मी-पापा: ईमानदार महिला अधिकारी ने की आत्महत्या, भ्रष्टतंत्र का ऐसा दबाव

काउन्टर से टिकट रिजर्व कराते लोग

जिले के कई स्टेशनों जैसे जौनपुर जंक्शन, शाहगंज जंक्शन, सिटी जंक्शन पर होने वाले टिकटो के रिजर्वेशन आंकड़े बताते हैं लाक डाऊन खत्म होने के बाद अभी तक 10 से 15 टिकट महानगरों के लिए बुक हो रहे थे। लेकिन गत एक जुलाई से टिकटों के बिक्री की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। जौनपुर जंक्शन स्टेशन पर एक जुलाई को मुम्बई जाने वाली ट्रेन गंगा ताप्ती में 216 एवं दिल्ली जाने वाली ट्रेन सुहेलदेव में 208 टिकट बुक हुए।

दो जुलाई को वाराणसी अहमदाबाद एक्सप्रेस में 131 टिकट बुक हुए, तीन जुलाई को छपरा सूरत एक्सप्रेस में 221 और साबरमती में 158 ,चार जुलाई को गाजीपुर आनन्द विहार सुहेलदेव में 235, सूरत के लिए 220,पांच जुलाई को साबरमती एक्सप्रेस में 156 ,छपरा सूरत एक्सप्रेस में 220 ,सुहेलदेव में 265 टिकट बुक हुए, छ: जुलाई को सुहेलदेव में 260 टिकट बुक हुए, सात जुलाई को साबरमती एक्सप्रेस में 200 ,छपरा सूरत एक्सप्रेस में 210 टिकट बुक हुए। आज आठ जुलाई को छपरा सूरत एक्सप्रेस में 187 और सुहेलदेव में दिल्ली के लिए 230 टिकट बुक हुए हैं। ये संख्या संकेत करती है कि लोग अब घरों को छोड़ कर फिर रोटी रोजी के सिलसिले में महानगरों की ओर रूख कर दिये है।

प्रवासियों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिया जायेगा

हलांकि सरकारी स्तर से लगातार दावे किये जा रहे हैं कि प्रवासियों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिया जायेगा लेकिन प्रवासियों द्वारा महानगरों को जाने का निर्णय सरकारी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। यहां बतादे कि महानगरों में प्रवासी मजदूरों को पांच से सात सौ रूपये तक पारिश्रमिक मिलता रहा है तो यहाँ पर मनरेगा मे काम करने पर मात्र दो सौ रुपये मजदूरी वह भी कई महीने बाद मिलती है जो मजदूरों को परिवार का पेट भरने के लिए नाकाफी होता है। जौनपुर जंक्शन के सीआरएस रंजीत कुमार कहते हैं कि जून तक की स्थिति बेहद खराब थी टिकट वापसी के लिये पैसा मुश्किल से व्यवस्थित होता रहा लेकिन जुलाई में तेजी से रिजर्वेशन हो रहे है सब कुछ ठीक हो रहा है।

सोने में रिकॉर्ड तेजी: 50 हजार तक पहुंची कीमत, नौ सालों में पहली बार हुआ ऐसा

अनिल कुमार

रेलवे स्टेशन पर टिकट का रिजर्वेशन कराने आये कुछ प्रवासियों से बात करने पर उनका जबाब कुछ इस प्रकार था। दिल्ली में बतौर बिजली मिस्त्री के रूप में कार्यरत अनिल कुमार कहते हैं कि कोरोना संक्रमण काल में यहाँ घर आया था पहला तो यहाँ काम नहीं है काम मिलता भी है तो पैसा कम मिलता है जिसमें परिवार का भरण-पोषण संभव नहीं है इसलिए मजबूरी में फिर दिल्ली जाने की तैयारी है।

प्रेम चन्द यादव

दिल्ली में आटो चलाने वाले प्रेम चन्द यादव का कथन है कि दिल्ली में आटो चला कर घर परिवार को अच्छे से चला रहा था यहाँ आने पर कोई काम नहीं मिला एक बार फिर परिवार के सामने रोटी का संकट आ गया है परिवार को यही छोड़कर दिल्ली जाकर आटो चला कर आर्थिक संकट से उबरने का प्रयास करूंगा परिवार चलाने और जीवन जीने के लिए कोरोना के भय को त्यागना पड़ेगा।

यूपी में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1,196 नए मामले सामने आए, राज्य में 9,980 एक्टिव केस

सूरज गौड़

सूरत में सेल्स मैन का काम करने वाले सूरज गौड़ ने कहा बदली परिस्थितियों के चलते मजबूरी में घर आया था। गांव में दिन भर मजदूरी करने पर महज दो सौ रूपये मिल रहे है इससे परिवार का पेट कैसे पाला जा सकेगा इसलिए कोरोना के डर को भुला कर फिर महानगर को जाना मजबूरी है।

विशाल कुमार

मुंबई में काफी बेचकर जीविका चलाने वाले विशाल कुमार कहते हैं मुम्बई में लम्बे समय से रहते हुए गृहस्थी तैयार किया कोरोना के डर से घर चला आया। यहां पर कोई काम नहीं मिला अब मजबूर हो कर फिर कोरोना के भय को त्याग कर मुम्बई जा रहा हूँ ताकि परिवार की माली हालत सुधर सके।

रिपोर्टर- कपिल देव मौर्य, जौनपुर

पाकिस्तान ने भारत पर बोला हमला, दो भारतीयों को मारा, सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story