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मंगलवार को जिस संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन डीएम राकेश मिश्र की अध्यक्षता में हो रहा था, वहां न तो वायरस से बचने के लिए मास्क लगाए कोई अधिकारी बैठा था और न ही फरियादी बचाव के साथ आए थे। विशेषज्ञों की राय है कि अधिक भीड़ न होने दी जाए, उसके बाद भी लापरवाही का आलम नजर आया।
कन्नौज: मंगलवार को डीएम की अध्यक्षता में संपूर्ण समाधान दिवस सदर तहसील में सम्पन्न हुआ। कई विभागों के 94 फरियादी आए, जिलेभर के कई अफसर बैठे रहे, लेकिन नोबेल कोरोना वायरस का अलर्ट नहीं दिखा। न तो बचाव का पोस्टर या बैनर ही था और न ही मास्क आदि लगाए हुए कोई नजर आया। कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले इस वजह से ज्यादा भीड़ पर रोक है। मॉल, सिनेमाघर आदि के बाद अब समाधान दिवस पर भी रोक लग गई है।
डीएम की अध्यक्षता में मना समाधान दिवस, लेकिन कोरोना का नहीं दिखा अलर्ट
मंगलवार को जिस संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन डीएम राकेश मिश्र की अध्यक्षता में हो रहा था, वहां न तो वायरस से बचने के लिए मास्क लगाए कोई अधिकारी बैठा था और न ही फरियादी बचाव के साथ आए थे। विशेषज्ञों की राय है कि अधिक भीड़ न होने दी जाए, उसके बाद भी लापरवाही का आलम नजर आया। इस दौरान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बैग और पर्स महिला फरियादियों को बांटे गए।
इन विभागों की आईं समस्याएं
समाधान दिवस में राजस्व विभाग की सबसे अधिक 32, पुलिस विभागकी 21, विकास विभाग की 18, नायब तहसीलदार सर्वे की पांच, पूर्ति विभाग, चकबंदी की चार-चार, पॉवर कॉरपोरेशन की तीन, नगर पालिका परिषद की दो, एलडीएम, समाज कल्याण, मास्टर प्लान, पंचायती राज व जिला कमांडेंट होमगार्ड की एक-एक शिकायत आई। इसमें राजस्व विभाग की दो और विकास विभाग की तीन शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया।
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ये अधिकारी रहे मौजूद
समाधान दिवस पर एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह, एसडीएम शैलेष कुमार, सीओ श्रीकांत प्रजापति, डीएफओ जेएल गुप्त, तहसीलदार अरविंद कुमार, डीएसओ केके गुप्त, जिला कृषि अधिकारी राममिलन सिंह परिहार, डीपीआरओ जेके मिश्र, जिला दिव्यांग सशक्तीकरण अधिकारी तनुज त्रिपाठी, समाज कल्याण अधिकारी अंजनी कुमार, डीआईओएस राजेंद्र बाबू, प्रभारी डीपीओ नीलम कटियार, बीएसए केके ओझा और जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रेमेंद्र कुमार आदि रहे।
किसानों को राहत देने के मानक तक नहीं पहुंच पाया प्रशासन का आंकडा
कन्नौज: अन्नदाताओं की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी फसल का वाजिब दाम नहीं मिलता है तो कभी प्राकृतिक आपदा से नुकसान होता है। अब नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा किसानों से दूर खिसकता जा रहा है। कारण, प्रशासन का दावा है कि जिले में 33 फीसदी का नुकसान फसलों को नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों ऐलान किया था कि मौसम की मार से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा किसानों को दिया जाएगा। अधिकारियों को फरमान जारी हुआ कि 72 घंटे में राहत राशि दे दी जाए। लेकिन जिले में अब तक नुकसान की रिपोर्ट जिले की मुखिया तक नहीं पहुंच सकी है। हालांकि कृषि विभाग करीब 22 फीसदी तो राजस्व विभाग प्राकृतिक आपदा से तकरीबन 10 फीसदी फसल नुकसान का दावा कर रहा है। उधर, किसानों के अरमानों पर फिर आपदा का पानी फिरता जा रहा है।
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इन फसलों को मौसम से नुकसान
बीते पखवाड़े कई बार बेमौसम बारिश हुई। ओला गिरा और तेज हवाएं भी चलीं, जिसकी वजह से खेतों में तैयार हो रही गेहूं की फसल भारी तादात में गिर गई। इससे उत्पादन प्रभावित हुआ। बोई गई मक्का की फसल पर भी पड़ बैठने से वह निकलने से पहले बर्बाद हो गई। सरसों की पकी फसल पर भी ओला ने प्रभाव डाला। आलू की खुदाई भी प्रभावित हुई। टमाटर की बेड़ में पानी भर गया। सबसे अधिक नुकसान गेहूं की फसल को बताया जा रहा है।
क्या बोले डीएम
डीएम राकेश मिश्र ने बताया कि अभी उनके पास फसल नुकसान की रिपोर्ट आई नहीं है। एडीएम से बनाने को कहा था। रिपोर्ट बनकर तैयार हो गई होगी। आने के बाद नुकसान का सही आंकड़ा पता चलेगा।
नोबेल कोरोना वायरस से बचने को परीक्षकों के पास
कन्नौज: न मास्क हैं और न ही सेनेटाइजर। पास-पास बैठकर बोर्ड परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जा रहा है। हाथों की उंगलियों पर गिनने वाले परीक्षक ही मास्क लगाकर मूल्यांकन केंद्रों पर दिख रहे हैं। दूसरे दिन इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों का भविष्य लिखने का ‘श्रीगणेश’ हो गया।
शहर के एसबीएस इंटर कॉलेज केंद्र के उपनियंत्रक एमसी पाल ने बताया कि उनके यहां दूसरे दिन हाईस्कूल की 13839 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन हुआ है। मंगलवार को 81 उप प्रधान परीक्षक और 392 सहायक परीक्षक आए थे। डीआईओएस राजेंद्र बाबू ने केंद्र पर पहुंचकर निरीक्षण किया। पर्यवेक्षक अजय सिंह बराबर डेरा डाले हैं। केके इंटर कॉलेज केंद्र पर इंटरमीडिएट की 8619 कॉपियां दूसरे दिन जांची गईं। पहले दिन यहां मूल्यांकन नहीं हो सका था।
उप नियंत्रक बीके श्रीवास्तव ने बताया कि 58 डीएचई और 273 सहायक परीक्षक ने मूल्यांकन कार्य किया। उनके केंद्र पर 586 सहायक परीक्षक व 65 डीएचई को कॉपियों के मूल्यांकन की जिम्मेदारी दी गई है। एक ओर बंदी तो दूसरी ओर भीड़सीएम योगी आदित्यनाथ ने तकरीबन हर जगह अवकाश घोषित कर दिया है।
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भीड़भाड़ की वजह से कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले इसलिए मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं। लेकिन जिले में मूल्यांकन कार्य एक कमरे में कई परीक्षकों के पास-पास बैठकर हो रहा है। साबुन व पानी की टंकीकेके इंटर कॉलेज मूल्यांकन केंद्र पर नगर पालिका परिषद से पानी की टंकी मुहैया कराई गई है। साबुन भी हाथ धोने के लिए रखा गया है। मंगलवार को शिक्षक-शिक्षिकाओं ने इसका प्रयोग भी किया। एसबीएस इंटर कॉलेज में भी साबुन व नई ढकी हुई बाल्टियां रखी हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
डीआईओएस राजेंद्र बाबू ने बताया कि दोनों ही मूल्यांकन केंद्र पर साफ-सफाई कराने के लिए डीएम ने नगर पालिका परिषद के ईओ को निर्देश दिए हैं। साबुन रखवा दिए गए हैं। पीने वाले पानी को ढककर रखने के लिए नई बाल्टियां मंगा ली गई हैं।