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चीन कर बैठा ये बड़ी गलती, अमेरिका ने दिया मुंहतोड़ जवाब
अमेरिकी राष्ट्रंपति का यह ट्वीट ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमण के 4576 मामले सामने आए हैं। अमेरिका में 87 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है और 60 लोग गंभीर हैं।
वाशिंगटन: चीन के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा था कि उनके देश में कोरोना वायरस फैलाने के लिए अमेरिका जिम्मेदार है। उनके इस बयान पर अमेरिका भड़क गया और उसने अमेरिका में चीनी राजदूत को तलब कर लिया।
दरअसल चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक ट्वीट करके ये बयान दिया था कि चीन में कोरोना वायरस फैलाने में अमेरिका की भागीदारी है वो ही इसके लिए जिम्मेदार है। अमेरिकी अधिकारियों को जब इस तरह की बयानबाजी के बारे में पता चला तो उनकी ओर से तीखी प्रतिक्रिया दी गई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के इस बयान के एक दिन बाद एशिया के लिए शीर्ष अमेरिकी राजनयिक डेविड स्टिलवेल ने राजदूत कुई तियानकाई को सख्त संदेश दिया।
विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि चीन एक वैश्विक महामारी शुरू करने और दुनिया को इस बारे में नहीं बताने में अपनी भूमिका के लिए हो रही आलोचना से ध्यान हटाना चाह रहा है। साजिश की कहानी फैलाना खतरनाक है। हम चीनी सरकार को बताना चाहते है, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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अमेरिका में कोरोना के 4576 मामले, 87 की मौत
अमेरिकी राष्ट्रंपति का यह ट्वीट ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमण के 4576 मामले सामने आए हैं। अमेरिका में 87 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है और 60 लोग गंभीर हैं।
ट्रंप के इस ट्वीट के बाद चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोऐबल टाइम्स के एडिटर हू शिनजिन ने लिखा, 'अमेरिकी शेयर बाजार के गिरने से ट्रंप की टीम को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका के पास इस महामारी से निपटने का कोई प्रभावी तरीका नहीं है। डर के इस माहौल में वे खुद को बचाने के लिए इतना कर सकते हैं कि चीन को बलि का बकरा बना दें।'
इससे पहले कोरोना संकट के केंद्र बिंदू चीन ने दावा किया था कि यह घातक वायरस अमेरिका से फैला है। यही नहीं चीन ने यह भी कहा था वुहान में इसके संक्रमण के पीछे अमेरिकी सेना का हाथ हो सकता है।
कोरोना वायरस के संक्रमण की सबसे पहले पुष्टि चीन के हुबेई प्रांत में हुई थी। हुबेई की राजधानी वुहान इस वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित है, हालांकि अब वहां संक्रमण की रफ्तार नियंत्रण में है।
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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियन झाउ ने गुरुवार को दावा किया था कि कोरोना वायरस अमेरिका में जन्मा और हो सकता है कि वुहान में इसे लाने के पीछे अमेरिकी सेना हो।
प्रवक्ता ने अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के डायरेक्टर रॉबर्ट रेडफील्ड के एक विडियो को भी ट्वीट किया है जिसमें वह कथित तौर पर स्वीकार कर रहे हैं कि फ्लू से कुछ अमेरिकी मरे थे लेकिन मौत के बाद पता चला कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित थे। रेडफील्ड अमेरिकी संसद की समिति के सामने बुधवार को यह स्वीकार किया।
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लिजियन झाउ ने एक अन्य ट्वीट में सवाल किया कि अमेरिका में कितने लोग संक्रमित हैं, किन अस्पतालों में भर्ती हैं, सबसे पहले कौन मरीज संक्रमित हुआ, इन सब आंकड़ों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि हो सकता है कि अमेरिकी सेना ही वुहान में कोरोना वायरस लेकर आई हो। उन्होंने कहा कि अमेरिका को हमें स्पष्टीकरण देना होगा।
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झाउ ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'अमेरिका में सीडीसी के रॉबर्ट रेडफील्ड ने हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के सामने यह स्वीकार किया कि इन्फ्लुएंजा से होने वाली कुछ मौतों की असली वजह कोविड-19 थी। अमेरिका में इन्फ्लुएंजा के 3.4 करोड़ केस हुए और 20,000 की मौत हुई। कृपया हमें बताएं कि इसमें से कितने मामले COVID-19 से जुड़े हैं।'