×

युनिवर्सिटी में फीस बढ़ाने पर बवाल, विरोध में उतरे छात्र

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में स्ववित्त पोषित योजना के अंतर्गत चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों के शुल्क में हुई आंशिक वृद्धि के सम्बन्ध में कुलपति प्रो. जे वि वैशम्पायन के समक्ष कई छात्र संगठनों एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा शुल्कवृद्धि वापस लिये जाने के सम्बन्ध में प्रत्यावेदन प्रस्तुत किये गये हैं जिसमें कुछ शुल्क वृद्धि के विरोध में है तथा कुछ शुल्क वृद्धि के पक्ष में भी हैं।

Ashiki
Published on: 6 Jun 2020 2:01 PM GMT
युनिवर्सिटी में फीस बढ़ाने पर बवाल, विरोध में उतरे छात्र
X

झाँसी: बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में स्ववित्त पोषित योजना के अंतर्गत चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों के शुल्क में हुई आंशिक वृद्धि के सम्बन्ध में कुलपति प्रो. जे वि वैशम्पायन के समक्ष कई छात्र संगठनों एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा शुल्कवृद्धि वापस लिये जाने के सम्बन्ध में प्रत्यावेदन प्रस्तुत किये गये हैं जिसमें कुछ शुल्क वृद्धि के विरोध में है तथा कुछ शुल्क वृद्धि के पक्ष में भी हैं।

ये भी पढ़ें: जल्दी बुक करें: आ गई शानदार बाइक्स, मिल रहा ये जबरदस्त ऑफर

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को किसी भी प्रकार का वित्तीय अनुदान प्राप्त नहीं है। यह विश्वविद्यालय परिसर में अध्ययनरत विद्यार्थियों द्वारा दिये शुल्क तथा सम्बद्ध महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के परीक्षा शुल्क पर ही वित्तीय रूप से निर्भर है। पिछले कई वर्षों से किसी भी पाठ्यक्रम में कोई भी शुल्कवृद्धि नहीं की गई। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में चल रहे पाठ्यक्रमों में किसी भी प्रकार की शुल्क बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। जबकि इस बीच शासन द्वारा सभी प्रकार के मुल्यांकन और प्रश्नपत्र निर्माण की नई दरें लागू की गई हैं।

शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन में की गई वृद्धि

वर्तमान में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार विश्वविद्यालय में कार्यरत स्थायी शिक्षकों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है तथा सभी को वेतन के एरियर का भुगतान भी किया गया है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय में चल रहे स्ववित्त पोषित योजना के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों कर्मचारियों की भी अभी हाल ही में 8 प्रतिशत से 14 प्रतिशत तक की वेतन वृद्धि की गई है। जिससे विश्वविद्यालय पर अतिरिक्त व्यय भार बढ़ा है।

नवप्रवेशित विद्यार्थियों से लिया जाएगा बड़ा शुल्क

इस वर्ष के प्रारम्भ में विभागाध्यक्षों/ पाठ्यक्रम समन्वयकों एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों की बैठक में आवश्यकतानुसार लगभग 3 प्रतिशत से 50 प्रतिशत शुल्क वृद्धि किये जाने के सम्बन्ध में संस्तुति की गई तथा वित्त समिति एवं कार्य परिषद् का अनुमोदन प्राप्त किये जाने के उपरान्त यह निर्णय लिया गया कि सत्र 2020-21 में विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों में नवप्रवेशित विद्यार्थियों से बड़ा हुआ शुल्क लिया जाये। द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ एवं पंचम सेमेस्टर, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्रों का शुल्क पूर्व की भॉति ही रहेगा।

ये भी पढ़ें: लालू के लाल का कमाल: राजद ऑफिस में खुद करने लगे ये काम, देखकर सभी रह गए हैरान

विश्वविद्यालय को बनाना हैं उत्कृष्ट विश्वविद्यालय

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं विश्वविद्यालय के विकास के लिये अगले वर्ष नैक (छाबू) का निरीक्षण कराया जाना अनिवार्य है। जिसके लिये विश्वविद्यालय में सुविधाओं और व्यवस्थाओं को दुरूस्त करना होगा तथा आवश्यकतानुसार उच्चीकरण कराना पड़ेगा। छात्र- छात्राओं हेतु छात्रावासों का निर्माण भी प्रस्तावित है क्योंकि वर्तमान में उपलब्ध छात्रावास पर्याप्त नहीं हो रहे है और लगातार मांग बढ़ रही हैं।

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को इस सम्पूर्ण क्षेत्र के लिये एक उत्कृष्ट विश्वविद्यालय बनाना है तो सुविधाओं का विस्तार तथा शिक्षा का उच्चीकरण अत्यन्त आवश्यक है और शिक्षा हेतु अर्ह और उत्कृष्ट शिक्षकों का होना अनिवार्य है। अच्छे शिक्षक कम वेतन के कारण विश्वविद्यालय से महाविद्यालयों तक में चले जा रहे हैं। अतः उन्हें रोकने हेतु आकर्षक वेतन दिया जाना जरूरी है।

शुल्क वृद्धि का विरोध करना गलत

यह शुल्क वृद्धि कई वर्षों के उपरान्त की गई है। कुछ पाठ्यक्रमों में शून्य अथवा अति अल्प वृद्धि की गई है। सम्बद्ध महाविद्यालयों में अध्ययन छात्र-छात्राओं के शुल्क में किसी भी प्रकार की कोई शुल्क वृद्धि नहीं की गई है। विश्वविद्यालय में चल रहे पाठ्यक्रमों में वर्तमान में अध्ययनरत किसी भी छात्र-छात्रा के शुल्क में वृद्धि नहीं की गई है। केवल जो इस वर्ष में प्रवेश लेंगे उनके शुल्क में वृद्धि की जा रही है।

ये भी पढ़ें: इस ब्लड ग्रुप के लोगों को कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा, शोध में खुलासा

यहाँ भी उल्लेखनीय है कि सभी श्रेणियों के विद्यार्थियों जिनके अभिभावकों की आय कम है, को शासन द्वारा शुल्क प्रतिपूर्ति की जाती हैं। अतः इस शुल्क वृद्धि का प्रभाव न तो विद्यार्थी पर रहेगा न अभिभावक पर। विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र -छात्राओं की शैक्षणिक सुविधाओं में वृद्धि की गई है। अतः इन सुविधाओं को विकसित करने में हुये अतिरिक्त व्यय हेतु आंशिक शुल्क वृद्धि की गई। सुविधाओं से विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश भी बढ़ेगें। शुल्क वृद्धि के पश्चात भी बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के समस्त पाठ्यक्रमों का शुल्क अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में काफी कम है।

रिपोर्ट: बी.के. कुशवाहा

ये भी पढ़ें: कोरोना से नहीं डरते बीजेपी के मंत्री, सरेआम नियमों की उड़ा रहे धज्जियां

Ashiki

Ashiki

Next Story