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शवों को बचा लो सरकार: फ्रीजर हैं नही, बर्फ फैक्ट्री बन्द होने से भटक रहे लोग

देश व्यापी लॉकडाउन को 38 दिन बीत चुके हैं। उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में इन दिनों बर्फ बनाने वाली फैक्ट्रियां भी बंद चल रही हैं। शवों को परिजनों के इंतजार व अंतिम संस्कार तक सुरक्षित रखने के लिए बर्फ की सिल्ली की जरूरत पड़ती है।

Vidushi Mishra
Published on: 30 April 2020 1:48 PM GMT
शवों को बचा लो सरकार: फ्रीजर हैं नही, बर्फ फैक्ट्री बन्द होने से भटक रहे लोग
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शवों को बचा लो सरकार: फ्रीजर हैं नही, बर्फ फैक्ट्री बन्द होने से भटक रहे लोग

कन्नौज। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस में आम आदमी ही नहीं मुर्दे भी खासे परेशान हैं। बैशाख की गर्मी में उनको कुछ समय तक के लिए सुरक्षित रखने के लिए बर्फ नहीं मिल रही है। जनपद के कई नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत में भी पास भी शव रखने वाला डी-फ्रीजर नहीं हैं। गमी के माहौल में ऐसे परिजनों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।

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मुर्दों के लिए बर्फ न मिलने से परेशानियां

देश व्यापी लॉकडाउन को 38 दिन बीत चुके हैं। उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में इन दिनों बर्फ बनाने वाली फैक्ट्रियां भी बंद चल रही हैं। शवों को परिजनों के इंतजार व अंतिम संस्कार तक सुरक्षित रखने के लिए बर्फ की सिल्ली की जरूरत पड़ती है। मुर्दों के लिए बर्फ न मिलने से परिजनों को परेशानियां उठानी पड़ी रही हैं।

पोस्टमार्टम हाउस में करीब दो साल पहले शवों को बदवू और सड़न से बचाने के लिए दो डी-फ्रीजर हैं। लेकिन इनमें दिसम्बर 2019 में छिबरामऊ बस आग हादसे में मरने वालों के नौ अवशेष रखे हैं।

जिसकी वजह से मृतक के परिजन निजी खर्चे पर बर्फ खरीदते हैं। देर-सवेर आने वाले शवों को खराब होने से बचाने का साधन बर्फ ही है, जो अब बंद है।

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दूसरी ओर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर व अन्य स्टाफ को भी काफी मुश्किलों आती हैं। जिस दिन ज्यादा हादसे या शव आ जाते हैं, ऐसे में उनको सुरक्षित रखना चुनौती बन जाता है।

गर्मी में सुविधा नहीं इसलिए कर देते जल्द अंतिम संस्कार

कन्नौज में बर्फ फैक्ट्रियां बंद होने से बर्फ की सुविधा नहीं मिल रही, ऐसे में लोग शवों का अंतिम संस्कार जल्दबाजी में कर देते हैं, ताकि वह शव खराब न हो। पहले रिश्तेदारों व बाहर रहने वाले परिजनों का इंतजार कर शव को बर्फ से सुरक्षित रख देते हैं। सभी नगर निकाय इलाकों में शव को सुरक्षित रखने वाले फ्रीजर भी नहीं हैं।

लाखों का कारोबार है ठंडा

शहर में दो बर्फ फैक्ट्रियां हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इन दिनों ताला लगा है। रमजान में बर्फ की भी अधिक मांग रहती है। जनपद में कच्ची बर्फ से हर रोज लाखों रुपए का कारोबार होता है। कोल्ड ड्रिंक की बोतलें ठंडी करने के लिए भी बर्फ की जरूरत पड़ती है, हालांकि कोरोना महामारी में ठंडे पदार्थों का सेवन हितकर नहीं है।

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रिपोर्ट- अजय मिश्रा

Vidushi Mishra

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