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Shamli News: एआरटीओ की लोकेशन ट्रेस करने वाले हुए गिरफ्तार, इस वजह से लगाया था अधिकारी के वाहन में जीपीएस
Shamli News: शामली एआरटीओ की गाड़ी में चोरी-चुपके जीपीएस (GPS) लगाने के मामले में पुलिस को सफलता हाथ लगी है। जिसमें पुलिस ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
Shamli News: शामली एआरटीओ की गाड़ी में चोरी-चुपके जीपीएस (GPS) लगाने के मामले में पुलिस को सफलता हाथ लगी है। जिसमें पुलिस ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बताया गया है कि पकड़े गए आरोपित ओवरलोडिंग गाड़ियों की एंट्री कराने के नाम पर पैसे लेते थे।
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लोकेशन गैंग के सदस्य हैं आरोपित
जनपद में ओवरलोड गाड़ियों की एंट्री कराने में आरटीओ की चेकिंग का खतरा बना रहता था। एआरटीओ की चेकिंग से बचने के लिए गाड़ी में जीपीएस लगाया गया था। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस मामले में एक अभियुक्त अभी भी फरार है, जिसके लिए पुलिस ने टीम गठित कर तलाश शुरू कर दी है।
गाड़ी में जीपीएस लगने का सीसीटीवी देख अधिकारी ने दर्ज कराई थी शिकायत
दरअसल, शामली एआरटीओ रोहित राजपूत द्वारा सदर कोतवाली क्षेत्र में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसमें तीन अगस्त की रात्रि में एआरटीओ की गाड़ी में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा जीपीएस लगाने का मामला प्रकाश में आया था। गाड़ी में जीपीएस लगाते हुए एक व्यक्ति का सीसीटीवी वीडियो भी वायरल हुआ था।
एआरटीओ द्वारा दी गई शिकायत पर पुलिस ने संज्ञान में लेते हुए जांच पड़ताल शुरू की थी। जिसमें आजम, सूफियान व मुसारिक तीन नाम प्रकाश में आए थे। जिसमें पुलिस ने सबसे पहले आजम को गिरफ्तार किया था, वहीं आजम ने पूछताछ में बताया कि वह ओवरलोड़िंग गाड़ियां को निकलवाने का गोरखधंधा करता है। लेकिन शामली एआरटीओ की गाड़ी में उसने जीपीएस नहीं लगाया है बल्कि सुफियान व उसके ड्राईवर मुसारिक द्वारा गाड़ी में जीपीएस लगाया गया है। जिसके बाद पुलिस ने अभियुक्त सुफियान को गिरफ्तार किया।
ओवरलोडिंग के बड़े खेल का खुलासा
सुफियान ने पूछताछ में बताया कि उसके ड्राइवर मुसारिक द्वारा शामली एआरटीओ की गाड़ी में जीपीएस लगाया गया था। यह भी आरोप लगाया कि एआरटीओ कार्यालय में तैनात 3 कर्मचारियों द्वारा भी ओवरलोड़िंग गाड़ियों की एंट्री ली जाती है। जिसमें कार्यालय में तैनात बाबूराम, शमीम व सुधीर तीन नाम प्रकाश में आए थे, पुलिस ने इन तीनों को भी हिरासत में लेते हुए पूछताछ की थी, जिसमें बताया गया कि हमने भी अपना-अलग ग्रुप बना रखा है तथा ओवरलोड़िंग गाड़ियों की एंट्री कर गाड़ियों को पास कराने के लिए प्रतिमाह पैसे लिए जाते हैं। वही शमीम ने अपनी बुलेरो गाड़ी को एआरटीओ कार्यालय में सरकारी कार्य में लगा रखा है।
लोकेशन आउट करने के लिए कुछ कोड वर्ड का प्रयोग किया जाता था, जोकि हर महीने बदलते रहते थे। वही कोड वर्ड बताने वाली ओवरलोड गाड़ियां को छोड़ दिया जाता था और जो गाड़ियों के चालक कोडवर्ड नहीं बता पाते थे, उनसे पैसे वसूले जाते थे। सूफियान व आजम अपने ग्रुप की गाड़ियां की संख्या बढ़ाने के लिए कम पैसे लेकर एंट्री करवाते थे। वही पुलिस ने घटना में प्रयुक्त गाड़ी स्विफ्ट डिजायर को भी बरामद कर लिया है और पकड़े गए पांचों अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है।