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कोरोना से लड़ाई में लगातार मदद कर रहा है शिया वक्फ बोर्ड
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने एलान किया है कि लॉकडाउन के दौरान बोर्ड की किसी भी मस्जिद में जुमे या रोजाना की नमाज जमात में नहीं पढ़ी जायेगी। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने शुक्रवार को बताया कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अपने सभी मुतवल्ली को अवगत करा दिया है कि किसी भी मस्जिद लॉकडाउन के दौरान जुमे की नमाज या रोजमर्रा की नमाज जमात के साथ नहीं पड़ी जाएंगे।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने एलान किया है कि लॉकडाउन के दौरान बोर्ड की किसी भी मस्जिद में जुमे या रोजाना की नमाज जमात में नहीं पढ़ी जायेगी। बोर्ड ने अपने सभी मुतवल्लियों को निर्देश दिए है कि उक्त निर्देश की अवहेलना करने पर बोर्ड की ओर से संबंधित मुतवल्ली और मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा कर जेेल भेजा जायेगा।
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धार्मिक भावनाओं में बहकर कर चोरी-चुप्पे नमाज
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने शुक्रवार को बताया कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अपने सभी मुतवल्ली को अवगत करा दिया है कि किसी भी मस्जिद लॉकडाउन के दौरान जुमे की नमाज या रोजमर्रा की नमाज जमात के साथ नहीं पड़ी जाएंगे। अगर कोई भी मुतवल्ली बोर्ड के इस निर्देशों की अनदेखी करता है या धार्मिक भावनाओं में बहकर कर चोरी-चुप्पे नमाज जमात से करवा कर भीड़ जमा करता है, तो बोर्ड उस मुतवल्ली और नमाज पढ़ाने वाले मुल्ला के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा कर जेल भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह नियम जब तक के लॉक डाउन है, तब तक लागू रहेगा और सख्ती से लागू किया जाएगा। जनहित से जुड़े इस मामले में नियम तोड़ने वाले को बख्शा नहीं जाएगा।
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धार्मिक स्थलों, स्कूलो, मदरसों को अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड
गौरतलब है कि कोरोना को लॉकडाउन शुरु होने से वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी लगातार लोगों को मदद देने और वायरस को फैलने से रोकने के लिए सहयोग कर रहे हैं। बीते गुरुवार को उन्होंने सरकार को पेशकश की थी कि सरकार चाहे तो यूपी में जितनी भी शिया वक्फ बोर्ड की प्रापर्टी है, धार्मिक स्थलों, स्कूलो, मदरसों को अस्पताल में तब्दील कर उनमे आइसोलेशन वार्ड बना सकती हैं।
उन्होंने बताया था कि वह इस संबंध में जहां सभी जिलाधिकारियों को सूचित कर चुके है और सभी वक्फ प्रापर्टियों के मुतवल्लियों को बोर्ड की ओर से आदेश भी दिए जा चुके है।
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इससे पहले बीते सोमवार को बोर्ड की ओर से प्रदेश के सभी लॉकडाडन शहरों में जो वक्फ 50 हजार रुपये से ज्यादा आय वाले है, वह अपने वक्फ के जरिए 25 दिहाड़ी मजदूरों के परिवारों को, एक लाख रुपये से ज्यादा आय वाले वक्फ रोज वह 50 ऐसे परिवारों को तथा पांच लाख रुपये से ज्यादा आमदनी वाले वक्फ 100 ऐसे परिवारों को राशन उपलब्ध करायें। उन्होंने इस राशन में डेढ़ किलों दाल, चार किलों चावल, पांच किलों आटा, एक किलों नमक और एक किलों तेल शामिल होने की बात कही थी।