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Sonbhadra News: बचपन में सुहागन बनने से बचीं तीन बेटियां, राजकीय बाल गृह भेजी गईं
Sonbhadra News: जिले में बाल विवाह के खिलाफ लगातार एक्शन का क्रम बना हुआ है। सोमवार की शाम से लेकर देर रात तक बाल विवाह के तीन मामले पकड़े गए।
Sonbhadra News: जिले में बाल विवाह के खिलाफ लगातार एक्शन का क्रम बना हुआ है। सोमवार की शाम से लेकर देर रात तक बाल विवाह के तीन मामले पकड़े गए। जिला बाल संरक्षण इकाई को जैसे ही डाला स्थित मां वैष्णो शक्तिपीठ परिसर सहित तीन स्थलों पर नाबालिग की शादी कराए जाने की सूचना मिली, वैसे ही बाल संरक्षण इकाई और मानवतस्कर रोधी इकाई की संयुक्त टीम मौके पर पहुंच गई। देर रात तक चले मामले की जांच-पड़ताल में तीनों के नाबालिग होने की पुष्टि हुई। इसके बाद उन्हें रेस्क्यू कर जिला मुख्यालय लाया गया। यहां उन्हें बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत करने के बाद बालगृह (बालिका) में आवासित करा दिया गया।
मां वैष्णो शक्तिपीठ परिसर में दोनों पक्ष मिले मौजूद
बताते हैं कि बाल संरक्षण इकाई को सूचना मिली कि चोपन थाना क्षेत्र के डाला स्थित मां वैष्णो शक्तिपीठ धाम परिसर और गुरदह गांव में नाबालिग की शादी रचाई जा रही है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी राजेश कुमार खैरवार की तरफ से तत्काल मामले की जानकारी डीएम चंद्रविजय सिंह को दी गई। डीएम के निर्देश पर, बाल संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक, ओआरडब्ल्यू शेषमणि दुबे, महिला शक्ति केंद्र से जिला समन्वयक साधना मिश्रा, वन स्टाप सेंटर की केंद्र प्रशासक राबर्ट्सगंज दीपिका सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता तनु सिंह, आरती पाठक और प्रियंका सिंह की मौजूदगी वाली टीमें गठित कर मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया गया। सबसे पहले टीम थाना चोपन से समन्वय स्थापित करते हुए डाला स्थित मां वैष्णो शक्तिपीठ पहुंची। वहां लड़की और लड़का दोनों पक्ष मौजूद मिले। लड़की के उम्र के बारे में जांच की गई तो उसे नाबालिग होने की पुष्टि हुई।
बाल विवाह को अपराध बताते हुए पीड़िता को विधिक संरक्षण में ले लिया गया। लड़की और लड़का दोनों पक्ष को बाल विवाह करने या इसे बढ़ावा देने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई। इसी तरह जुगैल थाना क्षेत्र में नाबालिग का विवाह कराए जाने की पुष्टि हुई और पीड़िता को विधिक संरक्षण में लेकर आवश्यक प्रक्रिया अपनाते हुए बाल गृह बालिका में आवासित कराया गया।
द्वारचार के बाद की निभाई जा रही थी रस्म, तभी आ धमकी टीम
बताते हैं कि गुरदह गांव में जिस वक्त टीम पहुंची उस दौरान द्वारचार के आगे की रस्म निभाई जा रही थी। विवाह मंडप में पाणिग्रहण संस्कार की तैयारियां चल रही थी, तभी बाल संरक्षण इकाई की टीम धमक पड़ी। इसके चलते कुछ देर के लिए अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। बालिका के माता-पिता से पूछताछ करने के साथ ही जरूरी जानकारी जुटाई गई। लड़की को नाबालिग पाते हुए विधिक संरक्षण में ले लिया गया। वहां मौजूद वर और वधू दोनों पक्षों को बाल विवाह अपराध बताते हुए आगे ऐसा पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई और उन्हें बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी राजेश खैरवार ने बताया कि तीनों मामलों में तत्काल विवाह रोकने के साथ ही पीड़ित लड़कियों को विधिक संरक्षण में लेकर जिला मुख्यालय लाया गया। जहां उन्हें बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत कराते हुए, उनके निर्देश पर बाल गृह बालिका में आवासित करा दिया गया।