×

Sonbhadra News: बाइक के जरिए बिहार पहुंचाई जा रही यूपी की शराब, पुलिस एक तस्कर को किया गिरफ्तार

Sonbhadra News: बाइक के जरिए बिहार पहुंचाई जा रही यूपी की शराब, सोनभद्र के सीमावर्ती क्षेत्रों से हो रही तस्करी, पुलिस के हत्थे चढ़े तस्कर ने दी कई अहम जानकारी

Kaushlendra Pandey
Published on: 29 July 2023 4:19 PM GMT
Sonbhadra News: बाइक के जरिए बिहार पहुंचाई जा रही यूपी की शराब, पुलिस एक तस्कर को किया गिरफ्तार
X
पुलिस ने शराब तस्कर को किया गिरफ्तार: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: एक तरफ जहां सोनभद्र पुलिस और आबकारी विभाग की टीम शराब तस्करों पर लगातार शिकंजे पर शिकंजा कसने में लगी हुई है। वहीं, बिहार के भभुआ (कैमूर) अंचल से जुड़ा तस्करों का एक गिरोह, बाइक के जरिए यूपी की शराब बिहार पहुंचाने में लगा हुआ है। रायपुर पुलिस ने शनिवार को एक ऐसे ही गैंग का खुलासा किया। बाइक के जरिए ले जाई जा रही शराब की बरामदगी के साथ ही, एक को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद आरोपी का

आबकारी एक्ट के तहत चालान कर दिया गया।

बताते चलें कि हाल के महीनों में सोनभद्र के रास्ते झारखंड होते हुए बिहार के लिए शराब तस्करी करने वाले पंजाब, हरियाणा और हिमांचल प्रदेश से जुड़े कई गिरोह बेनकाब हुए हैं। वहीं, यूपी की शराब सोनभद्र होते हुए, बिहार पहुंचाए जाने की बात भी लंबे समय से सुर्खियों में है। इस काम में भभुआ-कैमूर अंचल से जुड़े गिरोह का नाम तो चर्चा में रहा ही है, सीमा क्षेत्र से जुड़े कई लाइसेंसी दुकानदारों की भी संलिप्तता बताई जाती है लेकिन अब तक इस बारे में अधिकृत तौर पर कोई ख्ुालासा सामने नहीं आया था। रायपुर पुलिस ने शनिवार को गोटीबांध तिराहे से एक बाइक सवार युवक को झोले मे शराब भरी पेटियां ले जाते पकड़ा तो सोनभद्र के रास्ते यूपी की शराब बिहार पहुंचाए जाने का भी खेल सामने आ गया है। हालांकि अभी इस मामले में कैमूर जिले के ओमप्रकाश यादव पुत्र कोमल निवासी डूमरकोन, थाना चैनपुर, जिला कैमूर, बिहार की ही गिरफ्तारी की गई है। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक पूछताछ के बाद उसका चालान भी कर दिया गया है। हालांकि जिस तरह की बातें चर्चा में हैं, अगर उसको लेकर छानबीन आगे बढ़ाई जाए तो बाइक के जरिए शराब की तस्करी करने वाला एक बड़ा रैकेट सामने आ सकता है।

- भभुआ के तस्करों से जुड़े बताए जाते हैं चतरा-नगवां अंचल के कई लाइसेंसी दुकानदारों के तार:

बताते चलें कि बिहार से सटा नगवां-चतरा अंचल आदिवासियों के बहुलता वाला इलाका है। यहां ज्यादातर जगहों पर निजी उपयोग के लिए महुए की शराब उतारी जाती है। यदा-कदा छिटपुट रूप से इसकी बिक्री की भी खबरें सामने आती रहती हैं। इसके चलते चुनाव या किसी त्यौहार के वक्त को छोड़ दे ंतो इस इलाके के लाइसेंसी दुकानदारों के सामने बिक्री के मिले लक्ष्य की पूर्ति एक बड़ी चुनौती होती है। उधर, नगवां-चतरा अंचल से सटे बिहार में शराब प्रतिबंधित होने के कारण दोगुने-तिगुने दाम के साथ ही, कभी-कभी चौगुने दाम तक पर बिक जाती है। इसके चलते जहां सीमावर्ती दुकानों पर पहुंचने वाली यूपी की शराब की जहां बिहार में अच्छी खासी मांग बनी रहती है। वहीं, दुकानदारों को भी इसकी अच्छी कीमत मिल जाती है। वहीं, सीमा क्षेत्र के दुकानों से अच्छा राजस्व मिलने के कारण, आफ द रिकार्ड आबकारी विभाग के लोग भी इसके बारे में मिली जानकारी को अनसुना कर देते हैं। इसका फायदा उठाते हुए बाइकर्स गैंग आसानी से यहां की शराब कैमूर जिले के मुख्यालय भभुआ सहित आस-पास के इलाके में पहुंचा लेते हैं।

- भौगोलिक परिस्थितियां भी हैं तस्करों के लिए मुफीद:

बता दें कि कैमूर अंचल की कई रिश्तेदारियों खलियारी-वैनी-नगवां क्षेत्र में हैं। वहीं, यहां के लोगों का भी भभुआ, अधौरा मार्केटिंग एवं अन्य कामों से आना-जाना होता है। चैनपुर स्थित हरसू ब्रह्म बाबा धाम और ढाई हजार वर्ष प्राचीन मुंडेश्वरी धाम भी दर्शन-पूजन के लिए हर दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं का आना-जाना होता है। खलियारी के बाद का इलाका सुनसान और जंगल से भरा है। यूपी की सीमा पार करने के बाद भी, भभुआ के पहले लगभग 40 किमी तक कोई चेकपोस्ट या निगरानी की व्यवस्था नहीं है। चंद वर्ष पूर्व तक नक्सलाद से गंभीर रूप से ग्रसित इलाका रहने के कारण, बिहार की तरफ से भी नगवां बार्डर वाले रास्ते से बिहार में दाखिल होनेवालों के लिए चेकिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। यहीं कारण है कि पशु तस्करों का गैंग इस रूट का इस्तेमाल तो करता ही है, शराब तस्करों का भी गैंग, इस रूट को अपने मुनाफे और रैकेट संचालन का माध्यम बनाए हुए है।

Kaushlendra Pandey

Kaushlendra Pandey

Next Story