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Sonbhadra News: NHRC करेगा कनहर विस्थापितों से जुड़े मामलों की सुनवाई, AIPF की शिकायत पर लिया संज्ञान
Sonbhadra News: कनहर सिंचाई परियोजना से जुड़े महिला मुखिया वाले विस्थापित परिवारों को मुआवजे से वंचित करने का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के दरबार में जा पहुंचा है।
Sonbhadra News: कनहर सिंचाई परियोजना से जुड़े महिला मुखिया वाले विस्थापित परिवारों को मुआवजे से वंचित करने का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के दरबार में जा पहुंचा है। ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (AIPF) की तरफ से भेजी गई शिकायत का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले को केस के रूप में दर्ज कर लिया है और मामले की सुनवाई को लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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लोगों को बगैर विस्थापन लाभ के जमीन से बेदखल होना पड़ा था
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के नाम भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि हर भारतीय नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार दिया गया है। लेकिन वर्ष 2014 में कनहर विस्थापन को लेकर बनाई गई नीति के जरिए, सैकड़ों कनहर विस्थापितों को इस अधिकार से वंचित कर दिया गया है। इसके चलते सैकड़ों विस्थापित परिवारों को बगैर विस्थापन लाभ के ही अपनी जमीन से बेदखल होना पड़ा है। इसमें कई परिवार ऐसे हैं, जिनके सामने फाकाकशी की नौबत आ गई है। विस्थापित कॉलोनी में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, शुद्ध पेयजल, पक्की सड़कें, बंद नालियां, शौचालय आदि का इंतजाम न किए जाने के बीच जानकारी दी गई है। दावा किया गया है कि बरसात के मौसम में विस्थापन लाभ से वंचित परिवारों की कच्ची बनी झोपड़ियां भी गिर गईं और उन्हें खुले में जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ा।
राजस्व संहिता में वारिस तो मुआवजे में क्यों नहीं?
महिला मुखिया वाले परिवारों को विस्थापन लाभ से वंचित किए जाने के मसले को प्रमुखता से रेखांकित करते हुए कहा गया है कि जिन विस्थापितों की वारिस एक मात्र लड़कियां हैं, उन्हें राजस्व संहिता में उत्तराधिकारी होने का नियम होने के बावजूद विस्थापित पैकेज का लाभ नहीं दिया गया। प्रपत्र तीन और 11 में दर्ज विस्थापितों तथा जलमग्न टापू में रहने वाले परिवारों को भी विस्थापन लाभ की सूची में सम्मिलित नहीं किया गया। कहा गया है कि इसी तरह कनहर विस्थापन को लेकर मुकदमे की जद में आए लोगों को मुकदमे वापस लिया जाने का भरोसा दिया गया था, लेकिन उसपर भी अब तक अमल नहीं किया जा सका है। इसके चलते कई बुजुर्गों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है।
मामला दर्ज कर शुरू की गई सुनवाई की प्रक्रिया
कनहर विस्थापन मामले को लेकर शिकायत दर्ज करने वाले ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने बताया कि भेजी गई शिकायत का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सुनवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्राथमिक प्रक्रिया के रूप में केस को डायरी नंबर 114071/CR/2023 पर दर्ज कर आगे की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
स्थानीय स्तर पर भी शुरू हुई मसले को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी
2024 के सियासी समर को नजदीक देखते हुए कनहर विस्थापन के मामले को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रकरण को लेकर 16 अगस्त को दुद्धी तहसील मुख्यालय पर एक बड़े सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक, सामाजिक कार्यकर्ताओं, संस्कृतिकर्मियों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से रायशुमारी के साथ ही उनकी मौजूदगी में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। कनहर विस्थापित नेता और बैरखड के पूर्व प्रधान इस्लामुद्दीन ने बताया कि 16 अगस्त को सिविल बार एसोसिएशन दुध्दी के हाल में नागरिक समाज की तरफ से कनहर विस्थापितों के दर्द को लेकर सम्मेलन बुलाया गया है। इसके जरिए पूरे जिले में नागरिक समाज की तरफ से एक बड़ी पहल की तैयारी की जा रही है।