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चित्रकूट को डकैतमुक्त करने के बाद विदा हुए एसपी मनोज झा

गुरुवार देर शाम सूबे में दो दर्जन से अधिक आईपीएस अफसरों के हुये ट्रांसफर में एक नाम था चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा का । जैसे ही ये नाम सामने आया वैसे ही सोशल मीडिया में मैसेजों की बाढ़ आ गई ।

Vidushi Mishra
Published on: 1 Nov 2019 7:13 AM GMT
चित्रकूट को डकैतमुक्त करने के बाद विदा हुए एसपी मनोज झा
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अनुज हनुमत

चित्रकूट : गुरुवार देर शाम सूबे में दो दर्जन से अधिक आईपीएस अफसरों के हुये ट्रांसफर में एक नाम था चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा का । जैसे ही ये नाम सामने आया वैसे ही सोशल मीडिया में मैसेजों की बाढ़ आ गई । बेहद सरल ,सौम्य एवं सादगी भरे व्यक्तित्व के धनी मनोज कुमार झा वर्ष 2009 बैच के आईपीएस हैं ।

पाठा की पाठशाला से आये थे चर्चा में

एक लंबा समय पीपीएस अफसर के तौर पर बिताने वाले मनोज झा एसटीएफ से लेकर कई विभागों में काम कर चुके हैं । चार दशक तक आतंक का पर्याय रहे दस्यु सम्राट ददुआ के खात्मे वाली टीम में भी मनोज झा शामिल थे । उन्हें सर्विलांस विभाग का मास्टर माना जाता है ।

नई तकनीकी का बेहतर प्रयोग और उसकी समझ के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले मनोज कुमार झा का आगमन चित्रकूट के लिए बेहद खास संयोग बनकर सामने आया ।

लगभग डेढ़ वर्ष के कार्यकाल के समय मे ज्यादातर समय चित्रकूट के बीहड़ो में बिताने में आईपीएस मनोज कुमार झा के काम मे कभी उनकी उम्र बाधा नही बनी । 50 वर्ष से अधिक की उम्र का पड़ाव पार कर चुके मनोज कुमार झा पूरे जोश से जंगल मे अपनी टीम के साथ काम्बिंग करते रहे ।

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सबसे खतनरनाक और मोस्ट वांटेड डकैत

सूबे के सबसे खतनरनाक और मोस्ट वांटेड डकैत बबुली कोल गैंग(आईएस262) का पूरी तरह खात्मा करने में अहम भूमिका निभाने वाले आईपीएस मनोज झा ने चित्रकूट को डकैत मुक्त कर दिया।

आजादी के बाद ये पहला मौका होगा जब धर्मनगरी चित्रकूट डकैत मुक्त हुआ । अब इस जिले में कोई भी गैंग सक्रिय नही है । सबसे बड़ी सफलता ये रही कि इनकी अगुवाई में चित्रकूट पुलिस ने दशकों पुराने वो अत्याधुनिक और विदेशी असलहे बरामद किए जो ददुआ से लेकर ठोकिया और बलखड़िया गैंग तक प्रयोग किये गए ।

फिलहाल अब डकैतो के खात्मे के बाद चित्रकूट में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं । एक और बात एसपी मनोज झा के कार्यकाल को खास बनाती है और वो है पाठा की पाठशाला मुहीम । इस मुहीम ने बीहड़ के किनारे बसे गांवो में शिक्षा की लौ जला दी ।

आदिवासी बाहुल्य इलाका होने के कारण चित्रकूट के अधिकांश बीहड़ वाले भाग में इस मुहीम ने एक नई क्रांति ला दी । पकड़े जाने के बाद गैंग के कई सक्रिय सदस्यों ने ये बात स्वीकार की अगर शिक्षा के प्रति हम जागरूक हुए होते तो शायद ही डकैत होते !

इस मुहीम ने सैकड़ो बच्चो को स्कूल भेजने का काम किया । कुलमिलाकर चित्रकूट के बतौर एसपी पद पर कार्य करते हुए मनोज कुमार झा ने कई बड़े बदलाव किए जिनका भविष्य में प्रभाव दिखेगा। उनके स्थान्तरण ने सभी जिलेवासियों को भावुक कर दिया है ।

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Vidushi Mishra

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