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बांसडीह से सपा विधायक राम गोविंद चौधरीः विधायक निधि बंद करे सरकार
वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी कहते हैं कि विधायक निधि ने विधायक की छवि आम जनमानस में कमीशनखोर व ठेकेदार की बना दिया है। वह बताते हैं कि विधायक निधि के खात्मे को लेकर वह विधानसभा में हमेशा आवाज मुखर करते रहे हैं। इसको लेकर विधायक उनपर नाराज भी हो जाते हैं।
अनूप हेमकर
बलिया । उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण व पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के विचारों से प्रभावित होकर राजनीति में आये। उत्तर प्रदेश के सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक समाजवादी नेता श्री चौधरी राजनीति की विद्रूप स्थिति को लेकर अत्यंत चिंतित हैं।
उनका स्पष्ट मानना है कि राजनीति अब व्यवसाय बन गई है। हर राजनैतिक दल येन केन प्रकारेण सत्ता हासिल करना चाहता है। विधायक निधि के खात्मे को लेकर हमेशा आवाज मुखर करने वाले वरिष्ठ नेता श्री चौधरी कहते हैं कि विधायक निधि ने विधायक की छवि आम जनमानस में कमीशनखोर व ठेकेदार की बना दी है।
छात्र राजनीति से सक्रिय में
बलिया जिले के बांसडीह क्षेत्र से सपा के मौजूदा विधायक राम गोविंद चौधरी छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति में पदार्पण किये हैं। 9 जुलाई 1953 को जन्मे श्री चौधरी अपनी साफगोई व गांधीवादी राजनीति के लिए जाने जाते हैं।
पैतृक गांव से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद इन्होंने इंटर तक की शिक्षा जिला मुख्यालय पर स्थित सतीश चंद्र कॉलेज से ली। इसके बाद इन्होंने स्नातक की शिक्षा जिला मुख्यालय पर ही स्थित मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय से ली। इसी दौरान वह छात्र राजनीति से जुड़े।
पहले छात्र संघ के महामंत्री बने और फिर अध्यक्ष। सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण व पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के विचारों से प्रभावित होकर वह सक्रिय राजनीति में आये।
1977 में चिलकहर क्षेत्र से जनता पार्टी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़े तथा जीते। 1993 तक वह लगातार विधायक रहे। इस दौरान मुलायम सिंह यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। वर्ष 2002 में बांसडीह आ गये तथा मौजूदा समय में बांसडीह से ही विधायक हैं।
अखिलेश यादव सरकार में बेसिक शिक्षा व बाल विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हैं। वह पूर्ण रूप से शाकाहारी हैं।
शुद्ध सात्विक
वर्ष में दोनों नवरात्र पर वह सभी नौ दिन व्रत रहते हैं। हर साल वह पहला दिन माँ विन्ध्वासिनी व माँ शारदा भवानी की शक्तिपीठ पर मत्था टेक कर शुरू करते हैं। भोजन में बलिया की प्रसिद्ध बाटी चोखा व खादी वस्त्रों के पहनावे का वे बेहद शौक रखते हैं।
राजनीति में नैतिकता व शुचिता के प्रबल पैरोकार दिग्गज नेता श्री चौधरी सियासत की मौजूदा स्थिति को लेकर अत्यंत चिंतित हैं।
न्यूजट्रैक के अनूप कुमार हेमकर ने नेता प्रतिपक्ष श्री चौधरी से राजनीति के स्थिति से लेकर विधायक निधि व अन्य मसलों को लेकर विशेष बातचीत की। दिग्गज नेता श्री चौधरी ने हर सवाल पर बेबाकी के साथ विचार रखे।
राजनीति बेहद दुखद दौर में
वह कहते हैं कि वह चंद्रशेखर जी के शिष्य हैं। लोकनायक जयप्रकाश नारायण व चंद्रशेखर के विचारों से प्रभावित होकर सियासत में आये। वह कहते हैं कि आज के दौर में राजनीति बेहद दुखद दौर में है।
राजनीति अब रह ही नही गई है। राजनीति अब शुद्ध रूप से व्यवसाय बन गई है। विधायक व सांसद बनना ही अब राजनीति में आने का मुख्य उद्देश्य हो गया है। हर दल येन केन प्रकारेण सरकार बनाना चाहता है।
यह पूछे जाने पर कि वह राजनीति में नहीं आते तो क्या करते, वह साफगोई के साथ कहते हैं कि वह किसान परिवार के हैं। वह निश्चित रूप से खेती करते।
चुनाव सुधार के लिए सख्ती के हिमायती सपा के दिग्गज नेता श्री चौधरी कहते हैं कि चुनाव लगातार मंहगे होते जा रहे हैं। किसी राजनैतिक दल में अब साधारण कार्यकर्ता के लिए चुनाव लड़ पाना संभव नहीं रह गया है।
सारे दलों में अब कैडर समाप्त हो गया है। वह इसके साथ ही कहते हैं कि सपा इकलौता ऐसा दल रह गया है, जहां आज भी साधारण कार्यकर्ता को टिकट मिलता है।
लोकतांत्रिक मूल्यों के संवाहक चुनाव बन गए अनैतिक हथकंडों का जरिया
वह कहते हैं कि चुनाव के जरिये लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना की कोशिश की जाती है, लेकिन आज चुनाव में ही सारे अनैतिक हथकंडे अपनाये जाते हैं। वोट के लिए जाति व धर्म का कार्ड तो खेला ही जाता है, पैसा व दारू के प्रभाव के जरिये मतदाताओं को प्रलोभित करने का सारा अनैतिक कार्य किया जाता है।
वह कहते हैं कि राजनीति की साफ सफाई का कार्य जनता ही कर सकती है। जनता को जातिवाद, धर्मवाद व लालच के व्यामोह से ऊपर उठकर सही जन प्रतिनिधि का चुनाव करना चाहिए।
आपातकाल के दौरान 19 महीने की जेल यात्रा को अपना सबसे कटु अनुभव मानने वाले श्री चौधरी कहते हैं कि उनके लिए अखिलेश सरकार के दौरान लैपटॉप का वितरण व कन्या विद्या धन दिया जाना सबसे यादगार पल रहा।
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वह बताते हैं कि वह स्वयं कन्या विद्या धन का वितरण करने एक शिविर में गये थे। उन्होंने जब एक छात्रा को चेक दिया तो छात्रा खुशी से भाव विभोर हो कर रो पड़ी थी। राजनैतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र को लेकर पूछे जाने पर वह कहते हैं कि सपा में आंतरिक लोकतंत्र कायम है।
नेता जी भी एक साधारण कार्यकर्ता की बात सुनते व उसपर विचार करते थे। अखिलेश जी भी ऐसा ही करते हैं। आठ बार के विधायक श्री चौधरी विधायक निधि की शुरू से ही पुरजोर मुखालफत करते हैं।
कमीशनखोर ठेकेदार बन गए
वरिष्ठ नेता श्री चौधरी कहते हैं कि विधायक निधि ने विधायक की छवि आम जनमानस में कमीशनखोर व ठेकेदार की बना दिया है। वह बताते हैं कि विधायक निधि के खात्मे को लेकर वह विधानसभा में हमेशा आवाज मुखर करते रहे हैं। इसको लेकर विधायक उनपर नाराज भी हो जाते हैं।
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उनका स्पष्ट मानना है कि यह विधायक की प्रतिष्ठा पर काला धब्बा लगा रही है। सरकार को विधायक निधि को समाप्त कर विधायक से कार्यो का प्रस्ताव मंगाना चाहिए।
प्रतिपक्ष के नेता का मानना है कि नौकरशाही की तानाशाही व मनमानी की स्थिति बेहद बुरी स्थिति में पहुँच गई है। वह कहते हैं कि विपक्षी दलों के विधायक की बात छोड़िये, सत्ता पक्ष के विधायक नौकरशाही की मनमानी के कारण रो रहे हैं। योगी सरकार में नौकरशाही किसी जनप्रतिनिधि की बात को तबज्जो नही दे रही।
बलिया के विकास को लेकर वह कहते हैं कि अखिलेश सरकार विकास के मामले में बलिया के लिए स्वर्णिम रहा। अखिलेश सरकार में गंगा नदी पर जनेश्वर मिश्र सेतु व घाघरा नदी पर दरौली घाट पर पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय व स्पोर्ट्स कॉलेज के रूप में अनमोल तोहफा मिला।
जिले की सारी सड़कों का कायाकल्प हुआ। बिजली के क्षेत्र में हर क्षेत्र में उप केंद्र की स्थापना के साथ ही आधारभूत संरचना के विकास के बहुतेरे कार्य हुए। वह कहते हैं कि अगली बार अखिलेश सरकार बनने के बाद उनका पहला काम मेडिकल कॉलेज की स्थापना का होगा।
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