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टिड्डी दल से निपटने के लिए गन्ना विभाग ने अपनाया है ये सिद्धांत
यूपी में बीते कई दिनों से हमलावर टिड्डी दल से निपटने के लिए अब प्रदेश के गन्ना विभाग ने “प्रीवेंशन इज बेटर देन क्योर” के सिद्धांत को अपनाया है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: यूपी में बीते कई दिनों से हमलावर टिड्डी दल से निपटने के लिए अब प्रदेश के गन्ना विभाग ने “प्रीवेंशन इज बेटर देन क्योर” के सिद्धांत को अपनाया है। अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास संजय भूसरेड्डी ने कहा कि चूंकि टिड्डियां बहुत अधिक संख्या में एक साथ आक्रमण करती हैं और बहुत कम समय में फसल को चट कर जाती हैं इसलिए इनका आक्रमण होने के बाद फसल को बचाना बेहद मुश्किल है। ऐसे में पूर्व से ही तैयारी करके इनसे बचाव किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में गन्ना विभाग ने गन्ने की फसलों को बचाने के लिए आवश्यक इंतजाम कर लिए हैं तथा सभी विभागीय अधिकारियों को इसके लिए सचेत कर दिया गया है।
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टिड्डियों से बचाव के लिये स्प्रे टैंकर से कीटनाशक का छिड़काव
भूसरेड्डी ने बताया की टिड्डी के प्रकोप को देखते हुए गन्ना विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी लगातार गांवों का भ्रमण करके टिड्डी आक्रमण को विफल करने के लिए किसानों को सजग रहने तथा पर्याप्त सावधानियां बरतने के लिये जागरूक कर रहे है। टिड्डियों से बचाव के लिये स्प्रे टैंकर से कीटनाशक का छिड़काव, हैंडबिल का वितरण, दैनिक समाचार पत्रों में टिड्डी से बचाव के उपायों को प्रकाशित कराना तथा सभी कार्यालयों एवं गोदामों की दीवारों पर कीट के रोकथाम के उपायों का लेखन कराकर सभी किसानों तक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि गन्ना विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से 1,182 स्प्रे टैंकरों के माध्यम से टिड्डियों के प्रवास स्थल के रूप में चिन्हित् 1,256 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 1,098 लीटर दवा एवं कीटनाशकों का छिड़काव कर टिड्डी दल पर नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे है।
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मेरठ मण्डल में टिड्डियों का आगमन हुआ
उन्होंने बताया कि टिड्डी दल के भ्रमण व प्रवास के व्यवहार को देखते हुये प्रदेश के सभी गन्ना बहुल परिक्षेत्रों व जिलों में टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए स्प्रै टैंकरों एवं कीटनाशकों की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि हालांकि सहारनपुर और मुरादाबाद परिक्षेत्रों के जिलों में टिड्डी दल का आगमन अभी नहीं हुआ है फिर भी सम्भावित आगमन को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गयी हैं। मेरठ मण्डल में टिड्डियों का आगमन हुआ जिसके लिए 196 टीमों को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि बरेली परिक्षेत्र में टिड्डी दल के रोकथाम के लिए 08 टीमें व 03 स्प्रे टैंकर लगाकर 150 हेक्टेयर में कृषि, गन्ना, जिला प्रशासन व अग्निशमन विभाग के संयुक्त प्रयास से क्लोरोपायरीफॉस का स्प्रे कराया गया तथा किसानों ने शोर मचाकर टिड्डियों को खेतों में उतरने नही दिया।
कीटनाशकों का छिड़काव
वहीं लखनऊ परिक्षेत्र के जिला फर्रूखाबाद, हरदोई एवं सीतापुर में टिड्डियों द्वारा प्रवास किया गया। इसको देखते हुए 29 टीमें तथा 45 स्प्रे टैंकर से प्रवास स्थल के रूप में चयनित 291 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कीटनाशकों का छिड़काव कर टिड्डियों को मारा गया। इसी प्रकार अयोध्या मण्डल के सुल्तानपुर, जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी व अम्बेडकर नगर में टिड्डी दल का आगमन होने पर 30 टीमों तथा 5 स्प्रंे टैंकरों से 153 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कीटनाशकों का छिड़काव कृषि विभाग के सहयोग से कराया गया।
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उन्होंने बताया कि देवीपाटन मण्डल में 04 टीमें बनाकर 04 स्प्रंे टैंकर के माध्यम से 372 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कीटनाशक का छिड़काव किया गया। इसी प्रकार गोरखपुर मण्डल में गोरखपुर, बस्ती, महराजगंज व सिद्धार्थनगर जिलों में भी टिड्डी दल के आगमन पर जिला प्रशासन तथा कृषि विभाग के समन्वय से कीटनाशक का छिड़काव कर किसानों द्वारा शोर मचाकर टिड्डियों को भगाने के प्रयास किये गये। देवरिया परिक्षेत्र में भी 39 टीमें गठित कर 26 स्प्रें टैंकरों से 289 हेक्टेयर क्षेत्रफल मेंकीटनाशकों का छिड़काव किया गया।
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