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सपा बसपा के शासनकाल में स्वीकृत पुलों के लिये बजट नहीं, हो रहा ऐसा भेदभाव

विधानसभा जफराबाद क्षेत्र स्थित जमैथा गांव में अखड़ो देवी घाट तथा मई घाट पर सन् 2011 में बसपा के शासन काल में क्षेत्रीय विधायक एवं सरकार में मंत्री रहे जगदीश नरायन राय ने स्वीकृत कराया और बजट की व्यवस्था कराके कार्य भी शुरू करा दिया था।

Newstrack
Published on: 12 July 2020 5:29 PM IST
सपा बसपा के शासनकाल में स्वीकृत पुलों के लिये बजट नहीं, हो रहा ऐसा भेदभाव
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जौनपुर । यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने एवं विकास की कड़ी में स्वीकृत पुलों एवं सड़कों के निर्माण में सरकार द्वारा भेद भाव करना इन दिनों जनपद में चर्चा का बिषय बना हुआ है । सरकार सपा बसपा के शासन काल में स्वीकृत पुलों के निर्माण में जहां अनदेखी करते हुए बजट नहीं दे रही है और काम ठप पड़े हुए हैं वहीं पर भाजपा शासन काल में स्वीकृत पुलों के निर्माण में सरकार द्वारा बजट देकर काम कराया जा रहा है। जनमत है कि सपा बसपा के शासन काल में स्वीकृत पुलों के निर्माण होने पर पूरे जनपद की जनता को लाभ मिलता न कि सपा बसपा से जुड़े लोग ही लाभान्वित होते। पूर्व में स्वीकृत पुलों के निर्माण हेतु सरकार द्वारा बजट न दिया जाना आम जनता के प्रति उसकी मानसिकता का खुलासा होता है। सरकार विकास नहीं बल्कि अपना प्रचार करना चाहती है।

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सरकार ने बजट नहीं दिया

यहाँ बतादे कि विधानसभा जफराबाद क्षेत्र स्थित जमैथा गांव में अखड़ो देवी घाट तथा मई घाट पर सन् 2011 में बसपा के शासन काल में क्षेत्रीय विधायक एवं सरकार में मंत्री रहे जगदीश नरायन राय ने स्वीकृत कराया और बजट की व्यवस्था कराके कार्य भी शुरू करा दिया था। इसके बाद सरकार के पतन होने के पश्चात दोनों पुलों का काम ठप हो गया। सेतु निगम ने 2020 में पुनः काम शुरू करने के लिये पुनरिक्षित बजट आगणन शासन में भेजा जो विभाग ने स्वीकृत तो कर दिया लेकिन सरकार ने बजट नहीं दिया जिसके कारण काम नहीं शुरू हो सका है। निगम के अधिकारी बजट का इन्तजार कर रहे हैं।

पुल को लगा ग्रहण

इसी तरह केराकत विधानसभा क्षेत्र स्थित भड़ेरी वीरमपुर घाट बनने वाले पुल की स्वीकृति भी मंत्री रहते हुए जगदीश नरायन राय ने कराया था इसके लिए बसपा सरकार में 13 करोड़ तीन लाख रुपये के बजट की व्यवस्था कराया धनराशि जारी कराया, यहाँ बतादे कि जब यह पुल स्वीकृत हुआ उस समय यह इलाका बयालसी विधानसभा क्षेत्र में आता रहा वर्तमान में केराकत विधानसभा क्षेत्र में है विधानसभा क्षेत्र एवं सरकार बदलने के चलते इस पुल को भी ऐसा ग्रहण लगा कि आज तक काम नहीं शुरू हो सका सेतु निगम ने इसका भी पुनरिक्षित आगणन शासन में भेजा जो मार्च 2020 में स्वीकृत हुआ लेकिन सरकार ने बजट की व्यवस्था नहीं किया।

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सरकार बदलते ही काम बन्द हो गया

इतना ही नहीं जफराबाद विधानसभा क्षेत्र में ही धनेजा घाट पर सपा शासन काल में क्षेत्रीय विधायक शचीन्द्र नाथ त्रिपाठी जो अब गोलोक वासी हो चुके है के द्वारा पुल स्वीकृत कराके 6 करोड़ 22 लाख रुपये बजट की व्यवस्था कराया यह भी समय से पूरा नहीं हो सका सरकार बदलने के बाद इसे भी ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया है। इसी तरह मल्हनी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री स्व. पारस नाथ यादव ने अपने मंत्रित्व काल में वर्ष 2015 में बैजारामपुर घाट तथा वर्ष 2016 में आदमपुर बेलांव घाट पुल स्वीकृत कराते हुए कार्य भी शुरू करा दिया दोनों पुलों का काम इतना तेज चला कि सरकार रहते लगभग 80 प्रतिशत काम हुआ लेकिन सरकार बदलते ही काम बन्द हो गया।

इस वजह से रुका हुआ है काम

उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के उप परियोजना प्रबंधक जे पी गुप्ता कहते हैं कि विभाग द्वारा सभी पुलों का काम पूरा करने के लिए पुनरिक्षित आगणन बजट शासन को भेजा गया है विभागीय स्वीकृति मिल गयी है लेकिन सरकार बजट की व्यवस्था नहीं किया जिसके कारण काम रूका है बजट मिलते ही काम शुरू कर दिया जायेगा ताकि इन पुलों का मकसद सार्थक हो सके। कारण जो भी हो लेकिन इस अधिकारी के बयान से इतना तो साफ है कि इन अधूरे पुलों को पूरा करने के लिए सरकार धनराशि नहीं दे रही है ।

वही पर भाजपा के शासन काल में जफराबाद विधानसभा क्षेत्र में 23 करोड़ 21लाख 84हजार रूपये की लागत से बनने वाले पुल नैपुरा घाट , बदलापुर विधानसभा क्षेत्र में 6 करोड़ 82 लाख 28 हजार रुपये की लागत से बनने वाले पुल चकरियांव घाट, मड़ियाहू विधानसभा क्षेत्र के जमालपुर में बसुही नदी पर स्वीकृत पुलों के लिए सरकार ने धनराशि जारी किया और काम भी चल रहा है। यहाँ पर यह सवाल खड़ा होता है कि कि पूर्व की सरकारो के शासन काल में स्वीकृत पुलों के लिये सरकार बजट की व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है। क्या उन पुलों की उपयोगिता नहीं है इसके कारण क्या हो सकते है क्या सरकार जनपद की जनता को बता सकेंगी।

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पूर्व मंत्री का बयान

इस सन्दर्भ में पूर्व मंत्री जगदीश नरायन राय से बात करने पर उन्होंने कहा कि पैसा तो सरकार का ही लगा है किसी दल का नहीं इसलिए सरकार भले ही बदली लेकिन जो सरकार में आया उसकी जिम्मेदारी बनती है कि विकास योजनाओं को पूरा कराये अन्यथा योजनाओं में खर्च हुए सरकारी धन निष्प्रयोज्य हो जायेगा उसका लाभ जनता को नहीं मिल सकेगा। इनका यह भी कहना है कि सरकार को ग्रसित होकर काम नहीं करना चाहिए इससे क्षति जनता की होती है। साथ ही यह भी कहा कि भाजपा के लोग केवल लम्बी बातें करते है विकास कार्यों से इनका कोई सरोकार नहीं है। पुल ही नहीं और भी तमाम परियोजनायें है जो जिले विकास हेतु बहुत जरूरी है लेकिन यह सरकार इस लिए बजट नहीं दे रही है कि उसको स्वीकृत सपा सरकार ने दिया था।

रिपोर्टर- कपिल देव मौर्य, जौनपुर

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