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''इस दीवाली गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां चीन से नहीं, बल्कि यहां से आएंगी''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के सपने को पूरा करने की पहल शुरू कर दी गई है। इसके तहत इस बार दीपावली में गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां चीन से न आकर उत्तर प्रदेश के गौशालाओं में बनाई जाएंगी।

Ashiki
Published on: 1 Jun 2020 3:19 PM GMT
इस दीवाली गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां चीन से नहीं, बल्कि यहां से आएंगी
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के सपने को पूरा करने की पहल शुरू कर दी गई है। इसके तहत इस बार दीपावली में गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां चीन से न आकर उत्तर प्रदेश के गौशालाओं में बनाई जाएंगी।

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उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नन्दन सिंह ने कहा है कि प्रदेश की पंजीकृत, गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य प्रारम्भ कर दिया है, जिससे गोशालाओं के गोवंशों के भरण-पोषण के लिये सरकार पर उनकी निर्भरता धीरे-धीरे कम हो। उन्होंने कहा है कि प्रारम्भ में प्रदेश की कुछ बड़ी गोशालायें, जिनमें गोवंश की अच्छी संख्या है उनमें पंचगव्य उत्पाद (दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र) का भरपूर उपयोग करते हुये उनसे जैविक खाद, गोबर के गमले, लट्ठे, गोनाइल (फिनाइल) इत्यादि बनाकर उनकी बिक्री की सम्भावनायें तलाशी जायेंगी।

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इससे बढ़ेगी गोशालाओं की आय

दीपावली के अवसर पर गोबर के दीये व लक्ष्मी जी एवं गणेश जी की सुन्दर मूर्तियां बनायी जा रही हैं। समाज को प्रेरित कर उनसे अनुरोध किया जायेगा कि दीपावली के अवसर पर विदेशी मूर्तियों के स्थान पर इन स्वदेशी मूर्तियों को खरीदें। इससे गो-वंश के प्रति सम्मान भी बढ़ेगा और गोशालाओं की आय में वृद्धि होगी।

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रोजगार के अवसर भी तलाशे जाएंगे

गोबर से बने लट्ठों को शमशान घाट, स्थानीय नर्सरी, वन विभाग आदि को खरीदने के लिये जागरूक किया जायेगा। गोशालाओं में कार्य कर रहे कर्मचारियों के परिवारों की महिलाओं को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के महिला स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर उनको रोजगार दिलाने की सम्भावनाओं को भी तलाशा जायेगा।

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सभी जिलाधिकारियों व मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारियों से भी अनुरोध किया जायेगा कि उनके जनपद में बने स्थायी गो-संरक्षण केन्द्रों को भी इसी प्रकार से आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनायें। इसमें मनरेगा से भी सभी प्रकार का सहयोग लिया जा सकता है।

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