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यूपी की ये फ़ूड स्कीम: लाखों लोगों के लिए रोजगार, प्रदेशवासियों को ऐसे मिलेगा लाभ

केंद्र की इस योजना के तहत 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह योजना ग्रामीण एवं असंगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन एवं गुणवत्ता मानकों के उच्चीकरण हेतु महत्वपूर्ण होगी।

Ashiki
Published on: 5 Jun 2020 2:30 PM GMT
यूपी की ये फ़ूड स्कीम: लाखों लोगों के लिए रोजगार, प्रदेशवासियों को ऐसे मिलेगा लाभ
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विशेष आर्थिक पैकेज के अन्तर्गत घोषित स्कीम 'फॉर फार्मेलाईजेशन ऑफ माइक्रोफूड प्रोसेसिंग इण्टरप्राइजेज' योजना असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के उच्चीकरण, ब्रांडिंग एवं प्रतिस्पर्धात्मक रूप से सुदृढ़ करने के लिए किया जाएगा।

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10 हजार करोड़ का प्रावधान

केंद्र की इस योजना के तहत 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह योजना ग्रामीण एवं असंगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन एवं गुणवत्ता मानकों के उच्चीकरण हेतु महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत 8 लाख माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इण्टर प्राइजेज लाभान्वित होंगी और लगभग 9 लाख स्कील्ड और अर्ध स्कील्ड रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

इतनी इकाइयां असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत

एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में लगभग 3.50 लाख सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इस योजना में भारत सरकार द्वारा केन्द्रांश एवं राज्यांश के रूप में 60 और 40 का अनुपात निर्धारित किया गया है। केशव प्रसाद मौर्य ने बताया उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2017 के अन्तर्गत अबतक कुल 457 आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं, जिनमें पूंजी निवेश 2528.50 करोड़ तथा कुल प्रस्तावित रोजगार सृजन अवसर 38636 होंगे। इसमें से अब तक 275 परियोजनाएं, जिनमें निजी पूंजीगत निवेश रू 923.93 करोड़ हुआ है तथा अनुदान धनराशि रू 55.6 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गयी, जिसके सापेक्ष 134 प्रस्तावों की अनुदान धनराशि रू 36 करोड़ 93 लाख 88 हजार संस्थाओं को अवमुक्त की गयी है।

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उन्होने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के अन्तर्गत महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना चलायी जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत किसानों और युवकों को उद्यमी बनाकर उनकी आय में वृद्धि करना है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा न्याय पंचायत स्तर पर तीन दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण जागरूकता शिविर आयोजित किये जाने का प्रावधान किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कुल 216 स्वीकृत प्रस्तावों में से 119 इकाइयां क्रियाशील हैं, जिसमें फल, सब्जी प्रसंस्करण के 53, अनाज आधारित 41, मसाला उद्योग के 8, दुग्ध प्रसंस्करण के 4 एवं उपभोक्ता उत्पाद की 13 इकाइयां हैं।

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