×

इलाहबाद हाई कोर्ट की आज की बड़ी ख़बरें, पढ़ें एक क्लिक में

भारतीय जनता पार्टी के सह मीडिया प्रभारी मृत्युंजय तिवारी ने संविधान दिवस के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी है और कहा है कि भारतीय संविधान पूरे विश्व में अपने आप में अनूठा संविधान है। जिसकी मिसाल दुनिया के अन्य किसी देश में नहीं है ।

SK Gautam
Published on: 26 Nov 2019 2:36 PM GMT
इलाहबाद हाई कोर्ट की आज की बड़ी ख़बरें, पढ़ें एक क्लिक में
X
इलाहाबाद हाईकोर्ट

संविधान दिवस पर समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग

प्रयागराज: हिंदू जागरण मंच प्रयागराज महानगर अध्यक्ष राजेश त्रिपाठी ने विधि दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी से मांग की है कि संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गतसंविधान निर्माताओं द्वारा देश की जनता को किए गए वायदे को निभाए और देश में समान नागरिक संहिता को लागू कर एक देश एक कानून का मार्ग प्रशस्त करें ।

ये भी देखें : होमगार्ड वेतन घोटाला मामला: फाइलें जलाने वाला आरोपी गिरफ्तार

भारतीय जनता पार्टी के सह मीडिया प्रभारी मृत्युंजय तिवारी ने संविधान दिवस के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी है और कहा है कि भारतीय संविधान पूरे विश्व में अपने आप में अनूठा संविधान है। जिसकी मिसाल दुनिया के अन्य किसी देश में नहीं है ।आदर्श अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शरद चंद्र मिश्र एवं प्रयागराज अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार चटर्जी ने देश के सभी नागरिकों को विधि दिवस, संविधान दिवस की बधाई दी है।

और कहा है कि केंद्र सरकार समान नागरिक संहिता को देश में लागू करने का कदम उठाएं।और देशवासियों के लिए एक कानून को लागू करे। उत्तर प्रदेश जूनियर लायर्स एसोसिएशन के सचिव गया प्रसाद सिंह ने संविधान दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों से अपने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहने की अपील की है।

ये भी देखें : टूटी खूनी सड़कों ने बहुत दी चोट, सड़क के नाम पर नहीं मिलेगा वोट

इन सभी संगठनों की बैठक इलाहाबाद हाईकोर्ट के भारत सरकार के अधिवक्ता कार्यालय व पुस्तकालय हाल में संपन्न हुई। बैठक में अधिवक्ता सभाजीत सिंह, सीबी सिंह,अजय पांडेय, रमेश चंद शुक्ला , केडी मालवीय ,हरिश्चंद्र दुबे, आदिअधिवक्ता मौजूद थे।

चयन बोर्ड के अध्यक्ष वीरेश कुमार तलब, प्रथम दृष्टया अवमानना के दोषी करार

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, एलनगंज इलाहाबाद के अध्यक्ष वीरेश कुमार को 29 दिसंबर को तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया अवमानना केस बनता है। अगली तिथि पर अवमानना का आरोप निर्मित किए जाने के लिए हाजिर हो। कोर्ट ने कहा है कि यदि उनके द्वारा कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया जाता है तो विपक्षी वीरेश कुमार को कोर्ट में हाजिर होने की जरूरत नहीं होगी।

ये भी देखें : हो जाएं सावधान: आपके पास भी है पालतू कुत्ता, तो जरूर पढ़ें ये खबर

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने इलाहाबाद के विश्वनाथ पाल की अवमानना याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता विवेक मिश्रा का कहना था कि कोर्ट ने बोर्ड की पुनरीक्षित चयन सूची के आधार पर चयनित लोगों को 3 माह में नियुक्ति देने का आदेश दिया था। जिसका पालन नहीं किया गया। याची टीजीटी परीक्षा 2010 में अंग्रेजी विषय में सहायक अध्यापक के पद पर चयनित किया गया है, किंतु उसे ज्वाइनिंग की अनुमति नहीं दी जा रही है जिसको लेकर के यह अवमानना याचिका दाखिल की गई है।

जल कल विभाग मे कनिष्ठ अभियंता पद पर नियुक्ति का निर्देश

चयन आयोग ने बिहार की निवासी होने के कारण संस्तुति ले ली थी वापस कोर्ट ने लगायी रोक,मांगा जवाब

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जलकल विभाग नगर निगम वाराणसी में जूनियर इंजीनियर के पद पर महिला कोटे से चयनित याची को नियुक्ति कर पदभार सौंपने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा याची की संस्तुति को वापस लेने के 19 जुलाई 2017 के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार तथा चयन आयोग से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने कुमारी अंजलि सिन्हा की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता एम.ए. सिद्दीकी व आयोग की तरफ से अधिवक्ता कैलाश सिंह कुशवाहा ने पक्ष रखा। याची का कहना है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लखनऊ की जूनियर इंजीनियर भर्ती में याची चयनित हुई।

ये भी देखें : सावधान हो जाएं! आपका डाटा यहां हो रहा लीक, तुरंत जाने ये पूरी जानकारी

उसकी नियुक्ति की संस्तुति की गयी। आयोग के सचिव ने यह कहते हुए संस्तुति वापस ले ली कि वह उत्तर प्रदेश की निवासी नहीं है। याची बिहार की निवासी हैं। इसलिए महिला कोटे में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता।

याची का कहना है कि निवास के आधार पर आरक्षण का लाभ देने से इनकार नहीं किया जा सकता। यह अनुच्छेद 16 के विपरीत है। कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया मामले में हस्तक्षेप का पर्याप्त आधार है। क्योंकि निवास के आधार पर किसी भी अभ्यर्थी के साथ नियुक्ति में भेदभाव नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है और इस दौरान याची को चयनित पद पर नियुक्त करते हुए कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति देने का निर्देश दिया है।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story