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UP: विधानसभा स्पीकर हृदय नारायण दीक्षित ने विधायकों को दी ये सलाह

उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के समाधान में सभी विधायकों को अपने-अपने विधान सभा क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका एवं कर्तव्यों से समबंधित एक सुझाव पत्र जारी किया।

Ashiki
Published on: 20 April 2020 2:53 PM GMT
UP: विधानसभा स्पीकर हृदय नारायण दीक्षित ने विधायकों को दी ये सलाह
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के समाधान में सभी विधायकों को अपने-अपने विधान सभा क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका एवं कर्तव्यों से समबंधित एक सुझाव पत्र जारी किया।

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जारी सुझाव पत्र में उन्होंने लिखा ''देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ठीक समय पर लाॅकडाउन सहित अनेक निर्णय लिए हैं। इन निर्णयों के फलस्वरूप 130 करोड़ की भारी जनसंख्या के बावजूद महामारी से संघर्ष में अच्छी सफलता मिली है।''

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पत्र में आगे उन्होंने लिखा कि अपने राज्य उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्य व निर्णयों का अनुसरण अन्य राज्यों में भी किया जा रहा है। हम आप सब अपने-अपने क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि व सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ता हैं। विश्वास है कि इस महामारी के समय आप अपने क्षेत्र की जनता के सामने उपस्थित तमाम चुनौतियों के समाधान में सक्रिय होंगे। कई सदस्यों ने लोक व्यथा के निवारण के लिए अच्छे कदम उठाए हैं।

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पत्र में उन्होंने सभी सदस्यों कुछ सुझाव जारी करते हुए लिखा-

1. अपने सोशल मीडिया संपर्कों के द्वारा सबको लाॅकडाउन अनुशासन के लिए सतत् प्रेरित करें।

2. संदिग्ध मरीजों को जांच के लिए प्रेरित करते हुए जिला प्रशासन को सूचित भी सूचित करें।

3. राशन वितरण, भोजन वितरण सहित सभी आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं पर ध्यान रखें और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की जानकारी प्रशासन को दें।

4. जनता में चिकित्सकों, फार्मेसिस्टों व अन्य अधिकारी कर्मचारी वर्ग के प्रति आत्मीय भाव की वृद्धि बनाये रखें।

5. मुख्यमंत्री द्वारा घोषित तद्विषयक सेवाओं के लिए प्रशासन का ध्यानाकर्षण और त्रुटि की शिकायत भी करना।

6. परस्पर दूरी बनाने के फिजिकल डिस्टेंसिंग के अनुपालन के लिए प्रेरित करें।

7. अफवाहों का सोशल मीडिया से तत्काल खण्डन करें, आप के वक्तव्य पर लोग ज्यादा विश्वास करेंगे।

8. व्यक्तिगत उपस्थिति के समय परस्पर दूरी।

9. प्रशासन और आमजनों से निंरतर संवाद सेतु की भूमिका।

उन्होंने आगे लिखा कि आप स्वयं इस सूची में अपने अनुभव व विवेक के आधार पर अन्य करणीय, अकरणीय सूत्र जोड़ सकते हैं। विश्वास है कि आपके प्रयास अनुकरणीय होंगे। हम सब भिन्न दलों में होकर भी एक विधान सभा व एक राष्ट्र के घटक हैं। आशा है आप अपने परिवार व क्षेत्रीय जन गण मन सहित स्वस्थ व प्रसन्न होंगे।

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