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कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने विधानसभा अध्यक्ष से लगाई ये गुहार

मजदूरों की सेवा करने पर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जी से योगी सरकार बदला ले रही है। योगी सरकार का मजदूर विरोधी चेहरा लगातार उजागर हो रहा है।

Ashiki
Published on: 30 May 2020 5:05 PM GMT
कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने विधानसभा अध्यक्ष से लगाई ये गुहार
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: मजदूरों की सेवा करने पर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जी से योगी सरकार बदला ले रही है। योगी सरकार का मजदूर विरोधी चेहरा लगातार उजागर हो रहा है। लखनऊ में उनके जमानत प्रार्थनापत्र को येनकेन प्रकारेण टाला जा रहा है ताकि उनकी जमानत न हो सके।

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने विगत 28 मई को विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अवगत कराया कि विधानमंडल दल के पूर्व नेता कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष और इस सम्मानित सदन के अजय कुमार लल्लू को प्रताड़ित किया जा रहा है। व्यक्तिगत और राजनैतिक द्वेष के कारण उन पर बेबुनियाद और पूरी तरह से तथ्य रहित मुकदमा थाना केातवाली हजरतगंज जनपद लखनऊ में सरकारी कर्मचारियों से दबाव बनाकर लिखाया गया है।

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उन्होने पत्र में लिखा है कि इसके पूर्व जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने 1000 बसों को नोएडा और गाजियाबाद से चलाने के लिए 16 मई को मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा था और जब मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा उसे स्वीकार कर लिया गया तो आगरा-राजस्थान सीमा पर अजय कुमार लल्लू जी द्वारा उन बसों को यूपी के अधिकारियों को सौंपने के लिए कहा गया।

पहले तो अधिकारियों द्वारा श्री अजय कुमार लल्लू जी से लगातार झूठ बोला जाता रहा कि अभी बसों को लेते हैं परन्तु बाद में बिना कोई कारण बताये को अमानवीय और असम्मान ढंग से गिरफ्तार कर लिया गया। दूसरे दिन उन्हें न्यायालय के सामने समय से पेश नहीं किया गया और लखनऊ से पुलिस आने का इंतजार किया गया। चूंकि तथ्यों से परे उन पर दफायें लगायी गयी थी।

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आराधना मिश्रा ने पत्र में लिखा है कि अजय कुमार लल्लू को सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस लाया गया, उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया गया और वकील से भी नहीं मिलने दिया। दूसरे दिन उन्हें लखनऊ /कारागार भेज दिया गया, जहां उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जारहा है। किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है।

आराधना मिश्रा ने पत्र में आगे लिखा है कि अजय कुमार लल्लू को लखनऊ के जिस मुकदमें में गिरफ्तार किया गया है उसके किसी भी प्रपत्र अथवा सूची में उनके कहीं भी हस्ताक्षर नहीं है और न ही कहीं मौखिक रूप से उनके संवाद ही हैं, उन्हें एक षडयंत्र के तहत गिरफ्तार किया गया है जो पूरी तरह से अनुचित और अन्यायपूर्ण है।

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