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यूपी विधानमंडल शीतकालीन सत्र 17​ दिसंबर से, विपक्ष ने पूछा ये बड़ा सवाल

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 17 दिसंबर से शुरू हो रहा है, बताया जा रहा है कि पहले दिन सदन में निधन पर शोक प्रस्ताव पेश होगा। खबर है कि सुबह 11 बजे सदन में निधन प्रस्ताव पेश होने के बाद सदन 19 दिसंबर तक के लिए स्थगित हो जाएगा।

Harsh Pandey
Published on: 16 Dec 2019 10:10 AM GMT
यूपी विधानमंडल शीतकालीन सत्र 17​ दिसंबर से, विपक्ष ने पूछा ये बड़ा सवाल
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 17 दिसंबर से शुरू हो रहा है, बताया जा रहा है कि पहले दिन सदन में निधन पर शोक प्रस्ताव पेश होगा। खबर है कि सुबह 11 बजे सदन में निधन प्रस्ताव पेश होने के बाद सदन 19 दिसंबर तक के लिए स्थगित हो जाएगा।

19 दिसंबर को सदन में अनुपूरक बजट पेश होगा। जानकारी के अनुसार दोपहर 12।20 पर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल अनुपूरक बजट पेश करेंगे। इसके बाद 20 दिसंबर को अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी। 21 दिसंबर को चौथे दिन सदन में विधायी कार्य होगा।

विधानमंडल का शीतकालीन सत्र...

वहीं दूसरी तरफ, विधानमंडल के शीतकालीन सत्र को लेकर सोमवार को सर्वदलीय बैठक हुई। विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई इस बैठक सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ प्रमुख विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस के नेता भी मौजूद रहे। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष से सहयोग से अपील की।

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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा...

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा​ कि आज दो बैठकें हुई हैं। सभी से आग्रह किया गया है कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले। सभी दलों ने सहमति भी दी है। जनता के हित मे विधेयक पास कराएं।

योगी सरकार पर सवाल...

वहीं विपक्ष ने सत्र की समयावधि कम करने को लेकर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। साथ ही विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि सदन में हम जनता के लिए हर लड़ाई लड़ेंगे। सरकार सदन का समय जानबूझकर कम कर रही है। हम कम समय में ही जनता के मुद्दे उठाएंगे।

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लाल जी वर्मा ने किया सवाल...

वहीं बसपा नेता लाल जी वर्मा ने योगी सरकार पर सवाल करते हुए कहा कि सरकार सदन का समय संक्षेप क्यों रख रही है? विपक्ष को सदन के समय पर एतराज है। 3 दिन के सदन में कौन सा काम होगा?

इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चर्चा से बचना चाह रही है। वहीं कांग्रेस के नेता अजय सिंह लल्लू ने कहा कि सरकार सदन में चर्चा कराने से भाग रही है। विपक्ष सरकार का पूरा सहयोग कर रहा लेकिन सरकार के पास कोई तर्क नहीं बचा है।

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यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार से यहां शुरू हो रहा है। तीन दिवसीय लघु सत्र के दौरान सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी। जो इस साल का दूसरा अनुपूरक होगा। सत्र के पहले दिन नागरिक संशोधन बिल छाया रहेगा जिसके चलते विपक्ष के हंगामे की पूरी संभावना है। उधर सत्ता पक्ष ने सोमवार को शाम पार्टी विधानमंडल की बैठक बुलाकर विपक्ष को जवाब देने की रणनीति पर अपनी अंतिम मुहर लगा दी ।

इससे पहले विधानसभा के दो सत्र, पहला गांधी जयन्ती के अवसर पर दो दिवसीय दूसरा संविधान दिवस के अवसर पर एक दिवसीय गत दो अक्टूबर और 26 नवम्बर को आयोजित किया जा चुका है। इसके पहले विधानसभा का मानसून सत्र 18 से 26 जुलाई तक आयोजित किया गया था जिसमें पहला अनुपूरक प्रस्तुत किया गया थां

इस बार विधानसभा सत्र विपक्ष सरकार के खिलाफ जोरदार हंगामा करने को तेयार है। हाल ही में उन्नाव में हुई बलात्कार की घटना को लेकर जिस तरह से विपक्षी एकता सामने आ चुकी है वही एकता विधानसभा के सत्र में भी दिखने के आसार है।

कहा जा रहा है कि प्रदेश में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं तथा गन्ना किसानों के दाम न बढाए जाने के अलावा धान खरीद व महिला सुरक्षा को लेकर सरकार की नाकामी से उसे अवगत कराएगी। विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने अपने विधायकों के साथ बैठक कर सत्ता पक्ष के खिलाफ जोरदार हंगामें की रणनीति बनाई है।

सदन के चार दिवसीय उपवेशन के दौरान पहले दिन वित्तीय वर्ष 2019-20 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों की मांगों का प्रस्तुतीकरण एवं इसी दिन नियम-103 के अंतर्गत सदन में प्रस्तावों पर भी चर्चा होगी। इसके अगले दिन 18 दिसम्बर, को निधन के निदेश लिए जाएंगे।

और फिर 19 दिसम्बर को द्वितीय अनुपूरक अनुदानो पर चर्चा, विचार एवं मतदान एवं विनियोग विधेयक का पुरःस्थापन, विचार एवं पारण होगा। दिनांक 20 दिसम्बर, 2019 को अन्य मदों के साथ विधेयकों के प्रस्तुतीकरण व पारण का कार्य सम्पन्न होगा।

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