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UP Nikay Chunav 2023: मुस्लिम बहुल सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर, सपा प्रत्याशी दे रहे कड़ी चुनौती
UP Nikay Chunav 2023: शहर के सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा प्रत्याशी विनोद अग्रवाल को अपने वोटबैंक पर जितना भरोसा है, उससे ज्यादा वो मुस्लिम वोटों के बंटने का इंतजार कर रहे हैं। उनके कुछ समर्थकों का मानना है कि शहर में अच्छी-खासी तादात में मौजूद मुस्लिम वोटर्स कांग्रेस और सपा के बीच बराबर बटेंगे और उनकी राह आसान हो जाएगी।
UP Nikay Chunav 2023 Moradabad News: नगरीय निकाय चुनाव को लेकर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां भाजपा के प्रत्याशी ने जहां मतदाताओं को लुभाने में पूरा जोर लगा रखा है, वहीं कांग्रेस यहां अतिसक्रिय स्थिति में देखने को मिल रही है। पार्टी के कार्यकर्ता मेयर प्रत्याशी हाजी रिजवान कुरैशी के लिए धार्मिक और विकास के मुद्दों से धुव्रीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। मुस्लिम मतदाताओं के बीच सपा के रहीसुद्दीन नईमी भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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मुस्लिम वोट बंटने की भाजपा को उम्मीद
शहर के सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा प्रत्याशी विनोद अग्रवाल को अपने वोटबैंक पर जितना भरोसा है, उससे ज्यादा वो मुस्लिम वोटों के बंटने का इंतजार कर रहे हैं। उनके कुछ समर्थकों का मानना है कि शहर में अच्छी-खासी तादात में मौजूद मुस्लिम वोटर्स कांग्रेस और सपा के बीच बराबर बटेंगे और उनकी राह आसान हो जाएगी। मगर, ये इतना आसान नहीं माना जा रहा है।
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कांग्रेस प्रत्याशी ने झोंकी ताकत
दरअसल, भाजपा के मेयर प्रत्याशी विनोद अग्रवाल के परिवार में मेयर की सीट पिछले डेढ़ दशकों से रही है। लेकिन इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी भाजपा की रणनीति की काट निकालने में जुटे हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के हाजी रिजवान कुरैशी की पहली कोशिश यह है किसी भी हाल में मुस्लिम वोट बंटे नहीं। उनको एकतरफा अपने पाले की कोशिश करने की हर संभव कोशिश कांग्रेस प्रत्याशी कर रहे हैं। लेकिन उनकी इस राह में सपा अड़चन बनी हुई है।
सपा को मुस्लिम वोटरों से उम्मीद
मुरादाबाद से सपा के मेयर प्रत्याशी सपा के रहीसुद्दीन नईमी को मुस्लिम वोटर्स से काफी उम्मीदें हैं। इसके अलावा वो भाजपा सरकार की नाकामियों और यूपी के कुछ ताजा बड़े मुद्दों को भुनाकर चुनाव अपने पाले में करना चाहते हैं। हालांकि सपा की तरफ से सभी वर्गों का हितकारी होने का दम भरा जा रहा है। पर, शहर के राजनीतिक विश्लेषक इन चुनावों को सीधे ध्रुवीकरण पर आधारित बता रहे हैं।