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UP Nikay Chunav 2023: सियासी दलों के क्यों अहम है दूसरा चरण, यहां जानें पूरा समीकरण
UP Nikay Chunav 2023, 11 मई को डाले जाएंगे वोट, नगर निगम की 7 सीटों में दो पर बसपा का है कब्जा। शाहजहांपुर की जनता पहली बार चुनेगी अपना मेयर।
UP Nikay Chunav 2023: नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार मंगलवार शाम को थम जाएगा। दूसरे चरण का मतदान 11 मई गुरुवार को होगा। जिसमें 7 नगर निगम की सीटों पर वोट डाले जाएंगे। यूपी में मेयर की कुल 17 सीटें हैं। 10 सीटों पर पहले चरण 4 मई को मतदान हुआ था। दूसरा चरण सियासी दलों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 2017 के निकाय चुनाव में मेरठ और अलीगढ़ मेयर पद की सीट बसपा के खाते में गई थी।
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव सियासी दलों के लिए बड़ी परीक्षा है। जहां भाजपा इस चुनाव में जीत के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है तो वहीं सपा, बसपा और कांग्रेस भी अपना दम दिखाने में लगी हैं। इस चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इन चुनावों में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही माना जा रहा है। निकाय चुनाव में दूसरा चरण असल में सियासी दलों के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं। बीजेपी, सपा और बसपा तीनों दलों के लिए ही दूसरा चरण चुनौती भरा है।
आइए जानते हैं कि आखिर दूसरा चरण क्यों इतना महत्वपर्ण है...
यूपी में नगर निगम की 17 सीटें हैं और बीजेपी ने इस बार सभी 17 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। पहले चरण में 4 मई को महापौर की 10 सीटों के लिए चुनाव हो चुका है। 2017 के निकाय चुनाव में बीजेपी का कमल इन सभी 10 सीटों पर खिला था। दूसरे चरण के चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री योगी समेत सभी मंत्री जुटे हुए हैं। भाजपा इस चुनाव को काफी गंभीरता से ले रही है। कौन-कितनी सीटों पर जीत दर्ज करेगा यह तो 13 मई को मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा।
क्यों अहम है दूसरा चरण?
2017 में सात नगर निगम में से बसपा के टिकट पर मेरठ और अलीगढ़ का मेयर बना था। शाहजहांपुर में पहली बार महापौर का चुनाव हो रहा है। नगरपालिका के रूप में पिछले कई वर्षों से यहां समाजवादी पार्टी की साइकिल दौड़ती रही। इस बार बीजेपी ने शाहजहांपुर की हवा को भांपकर सपा की महापौर पद की प्रत्याशी अर्चना वर्मा को अपने पाले में कर लिया था और बाद में बीजेपी ने अर्चना वर्मा को ही महापौर पद का प्रत्याशी बना दिया, लेकिन इसके बावजूद भी यहां बीजेपी के लिए जीत एक बड़ी चुनौती होगी। वहीं बीजेपी ने बरेली नगर निगम में निवर्तमान मेयर उमेश गौतम को एक बार फिर मैदान में उतारा है तो वहीं सपा ने निर्दलीय प्रत्याशी आईएस तोमर को मेयर पद के लिए अपना समर्थन दिया है। 2017 में केवल 12,784 वोट से तोमर बीजेपी के उमेश गौतम से चुनाव हारे थे। राम की नगरी अयोध्या में 2017 में पहली बार मेयर का चुनाव हुआ। बीजेपी प्रत्याशी ऋषिकेश उपाध्याय ने यहां कमल खिलाया। ऋषिकेश पर आरोप लगने के बाद इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर गिरीश पति त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया है।
बसपा के सामने साख बचाने की चुनौती-
अब बात बसपा की। आखिर क्यों दूसरे चरण का चुनाव बसपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। पहले चरण के 10 नगर निगम चुनाव में बसपा को खोने के लिए कुछ नहीं है लेकिन पाने को बहुत कुछ रहा। इन 10 सीटों में से कोई भी सीट ऐसी नहीं थी जहां 2017 में बसपा जीत पाई हो, लेकिन दूसरे चरण में स्थिति इसके उलट है। यहां बसपा के पास खोने के लिए भी 2 सीटें हैं- मेरठ और अलीगढ़। ऐसे में बसपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन दोनों सीटों को बचाने की है। एक तरफ बीजेपी में सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चैधरी से लेकर तमाम मंत्री निकाय चुनाव में धुंआधार प्रचार और जनसभाएं कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बसपा अपने स्थानीय नेताओं के दम पर ही चुनावी मैदान में है।
सपा का गढ़ बचाने को शिवपाल ने डाला डेरा-
वहीं अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो निकाय चुनाव के दूसरे चरण में सपा को अपना गढ़ बचाने के साथ साथ अन्य सीटों पर भी अपनी जीत का परचम लहराना बड़ी चुनौती होगी। दूसरे चरण में सपा का गढ़ कहे जाने वाले इटावा, कन्नौज, औरैया जैसे जिले चुनाव होना है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भले ही कर्नाटक के चुनाव प्रचार में जुटे हैं, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने पिछले कई दिनों से इटावा में ही डेरा डाले है। इटावा में पार्टी के कई बागी नेता भी हैं जो सपा की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। ऐसे में शिवपाल यादव खुद इटावा के समीकरण दुरुस्त करने में जुटे हैं। सपा के सामने शाहजहांपुर नगर निगम की सीट भी बड़ी चुनौती है।
शाहजहांपुर में पहली बार नगर निगम का चुनाव हो रहा है, लेकिन इससे पहले नगर पालिका में हमेशा सपा का ही कब्जा रहा है। इस बार बीजेपी ने सपा प्रत्याशी अर्चना वर्मा को पार्टी में शामिल कर बड़ा दांव चला है उससे सपा के सामने साख बचाने की चुनौती है। वहीं बरेली नगर निगम सीट की बात करें तो यहां सपा ने जिसको अपना सिंबल दिया उसे शांत बैठा दिया है, जबकि इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी आईएस तोमर को समर्थन देने का ऐलान किया है। इस कारण से यहां वोटर में असमंजस की स्थिति भी है कि वे वोट सपा को करें या निर्दलीय प्रत्याशी को।
दूसरे चरण में 7 नगर निगम समेत इन 38 जिलों में होगी वोटिंग-
यूपी नगर निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान के संपन्न होने के बाद अब दूसरे चरण के लिए होने वाले मतदान को लेकर तैयारियां चल रही हैं। दूसरे चरण में 38 जिलों में 11 मई को मतदान होना है। परिणाम 13 मई को सामने आएंगे।
एक नजर दूसरे चरण की तैयारियों पर-
राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से 11 मई को होने वाले दूसरे चरण को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रदेश के 38 जिलों में 6378 मतदान केंद्र बनाए गए हैं साथ ही 19618 मतदान स्थल भी तैयार करवाए गए हैं। दूसरे चरण का मतदान यूपी के 9 मंडलों में होना है। कुल 7006 पदों पर प्रत्याशियों को चुनने के लिए मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 370 निकायों के 7006 पदों के लिए मतदान होना है। दूसरे चरण में 19232004 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे, जिसमें पुरुष मतदाता 10216992 और महिला मतदाता 9015012 की संख्या में हैं।
मेयर पद पर 90 प्रत्याशी-
सात नगर निगमों में मेयर पद पर 90 प्रत्याशी मैदान में हैं और नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष के पद के लिए 1150 प्रत्याशी मैदान में हैं। नगर पालिका परिषद की बात करें तो इसके सदस्य के पदों के लिए 14313 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए 3492 प्रत्याशी मैदान में हैं। नगर पंचायत सदस्य पद पर 42575 प्रत्याशी अपने भाग्य को आजमा रहे हैं।
यहां होने हैं चुनाव-
मेरठ मंडल-मेरठ, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद।
बरेली मंडल- बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत।
अलीगढ़ मंडल- हाथरस, कासगंज, एटा, अलीगढ़।
कानपुर मंडल- कानपुर नगर, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात।
चित्रकूट मंडल- हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा, बांदा।
अयोध्या मंडल- अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, बाराबंकी और अमेठी।
बस्ती मंडल- बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर।
आजमगढ़ मंडल- आजमगढ़, मऊ, बलिया।
मीरजापुर मंडल- मीरजापुर, सोनभद्र, भदोही में 11 मई को मतदान होगा।