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यूपी: गो उत्पादों का प्रचार- प्रसार करेगा गो सेवा आयोग
दरअसल हाल ही में गोसेवा आयोग की जानकारी में आया था बार बार निर्देश दिए जाने के बावजूद विभागों के बीच बेहतर समन्वय नहीं बन पा रहा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश आवारा गौवशों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए योगी सरकार हर तरह के प्रयास करने में लगी हुई है। इसके लिए गोसेवा आयोग लगातार अनुरक्षण कर गायों की देखभाल और उनके चारे की व्यवस्था कर रहा है।
इस व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए गोसेवा आयोग उत्तर प्रदेश में गोवंश के संवर्धन और संरक्षण की चुनौतियों के मद्देनजर सभी विभागों के साथ 2 सितम्बर को समन्वय बैठक करेगा।
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औषधियों के प्रचार -प्रसार की रणनीति
इसके साथ ही गोसेवा आयोग गो उत्पादों के साथ पंचगव्य आधारित औषधियों का वृहद पैमाने पर प्रचार प्रसार करने की रणनीति बना रहा है। आयोग जल्द ही इसके लिए विशेषज्ञ और इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले संस्थानों का सहयोग लेगा।
दरअसल हाल ही में गोसेवा आयोग की जानकारी में आया था बार बार निर्देश दिए जाने के बावजूद विभागों के बीच बेहतर समन्वय नहीं बन पा रहा है।
इसके लिए आयोग को ठोस कदम बनाने पडेगें । इसके लिए उत्तर प्रदेश में गोशालाओं और 4 हजार से अधिक गोसंवर्धन केन्द्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आयोग ने सभी विशेषज्ञों से सुझाव मांगे हैं।
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गोसेवा आयोग की बैठक में शामिल रहे ये अधिकारी
गोसेवा आयोग की एक बैठक में उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष प्रो. श्याम नन्दन सिंह,आयोग के सचिव डॉ. आनन्द सोलंकी, गोसेवा अधिकारी डॉ संजय यादव,उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के पूर्व सचिव और राज्य मानद पशु कल्याण अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार त्रिपाठी व अन्य विशेषज्ञ शामिल हुए।
गोसेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. श्यामनन्दन सिंह ने आयोग में गोसेवा, और गो संरक्षण से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञों की एक बैठक में आयोग ने विभागीय प्रमुखों और निदेशकों की बैठक 2 सितम्बर को योजना भवन में की जाएगी।
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