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अहमदाबाद से कन्नौज पहुंचे यूपी के श्रमिक, टिकट पर यात्रियों का चौंकाना वाला खुलासा
एक दिन पहले साबरमती स्पेशल ट्रेन संख्या 09367/09368 अहमदाबाद से चलकर गुरुवार को दोपहर 12.19 बजे कन्नौज रेलवे स्टेशन पर पहुंची।
कन्नौज: एक दिन पहले साबरमती स्पेशल ट्रेन संख्या 09367/09368 अहमदाबाद से चलकर गुरुवार को दोपहर 12.19 बजे कन्नौज रेलवे स्टेशन पर पहुंची। जिससे भी पूछा गया, सभी ने कहा कि वह टिकट खरीदकर यहां आए हैं। एक यात्री तो भड़क गए, बोले सरकार गलत बोल रही है। बिना टिकट लिए कोई भी ट्रेन से नहीं आया है। जब अपने-अपने जिलों की रोडवेज बसों में यात्री बैठे तो उन्होंने ट्रेन की टिकट भी दिखाईं। सरकार के उस बयान पर नाराजगी भी जताई, जिसमें फ्री ले जाने की बात कही गई है।
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प्रेमशंकर ने बताया कि उनको रायबरेली जाना है। ट्रेन पर बैठने से पहले 550 रुपए की टिकट मिली थी, जिसके रुपए उन्होंने खुद दिए हैं। सरकार फ्री की बात कहती है, लेकिन रुपए दिए हैं।
कन्नौज स्टेशन पर उतरे मानसिंह ने बताया कि उनको फतेहपुर जाना है, 550 रुपए का टिकट खरीदा है। रुपए खुद उन्होंने अपने पास से दिए हैं। बस में लगेंगे कि नहीं यह बाद में पता लगेगा।
औरैया जाने के लिए बस ढूंढ रहे राममिलन से पूछा कि फ्री आए हैं क्या, तो वह बोले सरकार बकवास कर रही है। पानी तक के लिए बच्चे परेशान हैं। फ्री में कोई सुविधा तक नहीं मिली है।
प्रेमसागर ने बताया कि अहमदाबाद में पहले 550 रुपए ले लिए गए, बाद में ट्रेन में बैठ पाए। यहां से संतकबीरनगर जाना है। कहा गया था कि ट्रेन में खाना फ्री में मिलेगा, लेकिन नहीं मिला।
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आज छोड़े जाएंगे बिहार व झारखंड के लोग
अपना क्वारंटीन समय पूरा करने के बाद भी अस्थाई आश्रय स्थल अर्शी पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट छात्रावास में रहने वाले बिहार के 39 एवं झारखंड के 16 कुल 55 व्यक्तियों को आठ मई को उनके मूल प्रदेश भेजा जाएगा। एक दिन पहले डीएम व एसपी ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया।
आधा किराया वापस करने को कहा
बिहार व झारखंड जा रहे 55 लोगों से प्रति यात्री बस चालक ने पांच-पांच हजार रुपए किराया लिया है। जानकारी होने पर डीएम ने कहा है कि सही किराया लिया जाए। आधा वापस करदिया जाए, न होने पर अगले दिन कार्रवाई की जाएगी। ड्राइवर को एक दिन का समय भी दिया गया है।
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बस में बैठे तो मिला सुकून, फोन पर की बात
ट्रेन से उतरने के बाद यात्रियों की सबसे पहले थर्मल स्क्रीनिंग हुई। उसके बाद उनको बस में बैठने को कहा गया। लेकिन इससे पहले नाम, पता लिखाना पड़ा। तापमान आदि की पर्ची भी दिखाई। जब बस में बैठ गए तो सुकून से कई लोगों ने अपने घर पर परिजनों से बात की। कई लोगों ने रिश्तेदारों को जानकारी दी कि वह कन्नौज आ चुके हैं और रोडवेज बस में बैठ गए हैं।
दुकान दिखी तो नमकीन-ठंडा व फल खरीदे
जैसे ही यात्री बाहर आए तो पेट की आग बुझाने के लिए दुकानें देखने लगे। जीटी रोड के किनारे फल की ठेली लगी थी। ज्यादातर लोगों ने केला खरीदकर भूख शांत की। ठेली पर भीड़ लग गई तो पुलिस ने खदेड़ दिया। निकट ही रोडवेज बस स्टाप है, यहां भी बसें खड़ी थीं। उन पर भी यात्री बिठाए जा रहे थे। परिसर में कुछ दुकाने भी हैं। बच्चों ने जिद की तो लोगों ने पानी, कोल्ड ड्रिंक की बोतलें खरीदी। नमकीन व बिस्किट के पैकेट देकर रो रहे बच्चों को शांत किया।
रिपोर्ट: अजय मिश्रा
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