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यूपी में मचा बवाल, अस्पतालों का घटिया पीपीई किट लेने से इनकार

ये किट पिछले साल खरीदे गए थे और तकनीकी रूप से कोविद-19 विशेष किट नहीं हैं, जो सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार अब खरीदे जा रहे हैं। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो हम फर्म के खिलाफ कार्रवाई करेंगे और किट को वापस मंगा लेंगे।

राम केवी
Published on: 18 April 2020 11:46 AM GMT
यूपी में मचा बवाल, अस्पतालों का घटिया पीपीई किट लेने से इनकार
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों ने घटिया क्वालिटी का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार की नोडल एजेंसी से आपूर्ति की गई पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) लेने से इनकार कर दिया है।

इन किटों की आपूर्ति एक सरकारी उपक्रम उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमएससीएल) ने की थी। हालांकि गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जीआईएमएस), ग्रेटर नोएडा और मेरठ मेडिकल कालेज अस्पतालों ने किटों को घटिया बताते हुए लेने से इनकार किया है।

अस्पतालों को किट का उपयोग न करने के निर्देश

जीआईएमएस निदेशक और मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की शिकायतों के बाद, चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रबंध निदेशक के.के. गुप्ता ने राज्य के आठ बड़े अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों को पत्र लिखकर किट का उपयोग नहीं करने के लिए कहा है। इन संस्थानों में लखनऊ का किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय और संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट संस्थान शामिल है। श्री गुप्ता का पत्र राज्य के मुख्य सचिव को भी भेजा गया।

महाराष्ट्र की फर्म से खरीदी गई किटें

श्री गुप्ता ने सभी प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के अनुसार सरकारी एजेंसियों द्वारा अनुमोदित पीपीई किट का उपयोग करने की सलाह दी। हालाँकि, राज्य के सरकारी अस्पतालों में अभी भी 'अवर' पीपीई किट की आपूर्ति की जा रही है। यूपीएमएससीएल ने इन किटों को महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक फर्म प्राइमवाइज हाइजीन (इंडिया) प्रोडक्ट्स लिमिटेड से खरीदा था।

कोविद-19 के मुकाबले में हैं बेकार

यूपीएमएससीएल के प्रबंध निदेशक श्रुति सिंह ने कहा है कि ये किट पिछले साल खरीदे गए थे और तकनीकी रूप से कोविद-19 विशेष किट नहीं हैं, जो सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार अब खरीदे जा रहे हैं। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो हम फर्म के खिलाफ कार्रवाई करेंगे और किट को वापस मंगा लेंगे। लेकिन हमें पहले शिकायतों की जांच करनी होगी।

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यूपीएमएससीएल के खिलाफ यह पहली शिकायत नहीं है। कुछ समय पहले सरकारी अस्पतालों को करोड़ों रुपये की नकली दवाइयां सप्लाई करने के लिए भी नोडल एजेंसी पर आरोप लगे थे।

चिकित्साकर्मियों के लिए है सुरक्षा कवच

पीपीई सुरक्षात्मक स्वास्थ्य सूट हैं जो स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए हैं, जिनमें डॉक्टर और नर्स शामिल हैं, जो संक्रामक रोगों से निपटते हैं। ये WHO मानकों के अनुसार एडजस्टेबल हुड, फिंगर लूप्स और शू कवर तक, सभी 90-95 GSM के साथ आते हैं।

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केंद्र ने उन किटों को मंजूरी दे दी है जिनमें के 95 फेस मास्क, सर्जिकल गॉगल्स या फेस शील्ड, सर्जिकल स्टेराइल ग्लव्स और डिस्पोजल बैग्स के अलावा बॉडी कवर भी शामिल हैं। सरकार ने गैर-चिकित्सा कर्मियों के लिए भी पीपीई किट को मंजूरी दी है। इनमें एडजस्टेबल हुड के साथ बॉडी सूट, टखने तक के कवर, सभी 30-40 जीएसएम, तीन प्लाई फेस मास्क, काले चश्मे, रबर के दस्ताने और एक निपटान बैग के साथ शामिल हैं।

राम केवी

राम केवी

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